विधानसभा चुनाव से पहले PK का नया दांव, एक और बड़ा कार्यक्रम करने जा रही जसुपा; RJD और NDA की बढ़ सकती है टेंशन!
Bihar Politics News Hindi जन सुराज पार्टी बिहार में व्यवस्था परिवर्तन के लिए हर समाज-वर्ग का सहयोग चाहती है। इसके लिए पूरे बिहार में 2500 से अधिक जन सुराज संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। ये कार्यक्रम अनुसूचित जाति अल्पसंख्यक महिला युवा आदि के बीच अलग-अलग होंगे। पार्टी को लगता है कि जन-जन को जोड़े बिना चुनावी सफलता संभव नहीं है।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में व्यवस्था परिवर्तन का लक्ष्य लेकर चल रही जन सुराज पार्टी (जसुपा) को अपनी सफलता के लिए हर समाज-वर्ग का सहयोग चाहिए। इसी आस में वह पूरे बिहार में जन सुराज संवाद के 2500 से अधिक कार्यक्रम करेगी।
यह संवाद अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक, महिला, युवा आदि के बीच अलग-अलग होगा, इसलिए इसका नाम भी अलग-अलग रखा गया है। बहरहाल आयोजन के लिए उसी समाज-वर्ग के लोगों के दायित्व का निर्धारण भी किया जा रहा है।
कई पहलुओं पर चर्चा हुई
जन सुराज संवाद सूत्रधार प्रशांत किशोर की पदयात्रा के बाद दूसरा बड़ा आयोजन होगा। दरअसल, राजनीतिक दल के रूप में परिवर्तित हो चुके जन सुराज के लिए चुनाव का पहला अनुभव अच्छा नहीं रहा है।
विधानसभा की चार सीटों के उप चुनाव में मिली हार के कारणों का अभी वह विश्लेषण कर ही रही थी कि विधान परिषद की एक सीट के लिए हुए उप चुनाव में भी हार से सामना हो गया। रविवार को पटना में हुई प्रदेश कोर कमेटी की बैठक में हार की इस पुनरावृत्ति से बचने के लिए कई पहलुओं पर चर्चा हुई।
समवेत राय यह बनी कि जन-जन को जोड़े बिना चुनावी सफलता संभव नहीं। उप चुनाव का परिणाम बता रहा कि जनता के बीच जसुपा की पहचान बन गई है।
अब इस पहचान के साथ अगर जन-विश्वास जुड़ जाए तो विधानसभा के अगले चुनाव में उपलब्धि उल्लेखनीय हो सकती है। यह संगठन में दखल रखने वाले एक नेता की राय है, जो यह मानकर चल रहे कि विश्वास की बुनियाद रखने में एक कारगर पहल जन सुराज संवाद होगा।
समाज के सभी वर्गों के बीच होगा आयोजन
- जन सुराज संवाद के अंतर्गत प्रखंड स्तर पर 2500 से अधिक आयोजन होने हैं।
- यह आयोजन समाज के सभी वर्गों के बीच होगा।
- महिलाओं के बीच होने वाले आयोजन को शक्ति संवाद नाम दिया गया है।
- वैसे ही छात्रों व युवाओं के बीच होने वाला संवाद क्रमश: छात्र संवाद व युवा संवाद के नाम से जाना जाएगा।
- अनुसूचित जाति से जो संवाद होगा, उसे आंबेडकर संवाद की संज्ञा दी गई है।
- जसुपा का प्रयास इस संवाद से उस वर्ग-समाज की इच्छा-अपेक्षा को जानना है, ताकि उसी अनुरूप चुनावी रणनीति बनाई जा सके।
सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा
उल्लेखनीय है कि सूत्रधार प्रशांत किशोर पहले ही जसुपा के विधानसभा की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। प्रत्याशियों के चयन में भी क्षेत्रीय व सामाजिक समीकरण के साथ जनसंख्या में जातिगत हिस्सेदारी के अनुपात का पूर्णतया ध्यान रखा जाएगा।
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