Bihar Politics: जगदानंद सिंह को लेकर अटकलें तेज, छोड़ सकते हैं प्रदेश अध्यक्ष का पद; ये वजह आ रही सामने
Jagdanand Singh बिहार की सियासत में एक बार फिर से बड़ी खबर सामने आ रही है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने लालू प्रसाद को त्यागपत्र देने की पेशकश की है। उनकी अनिच्छा का कारण ढलती उम्र और गिरता स्वास्थ्य बताया जा रहा है। इसके अलावा रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव में उनके पुत्र की पराजय से भी वे आहत हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Hindi: राजनीतिक गलियारे में एक बार फिर यह चर्चा तेज है कि जगदानंद सिंह ने राजद के प्रदेश अध्यक्ष के दायित्व से मुक्त किए जाने की इच्छा जताई है। सुप्रीमो लालू प्रसाद को उन्होंने त्यागपत्र की पेशकश की है। हालांकि, राजद द्वारा आधिकारिक रूप से इस संदर्भ मेंं कोई टीका-टिप्पणी नहीं की।
लग रही कई अटकलें
पद के प्रति जगदानंद की अनिच्छा का कारण ढलती हुई उम्र और गिरता हुआ स्वास्थ्य बताया जा रहा। इसी कारण वे कुछ दिनों से कार्यालय भी नहीं आ रहे। हालांकि, अंदरखाने यह भी चर्चा है कि रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव में अपने पुत्र की पराजय से वे खिन्न हैं। उल्लेखनीय है कि तीन वर्ष पहले भी जगदानंद सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष के पद से त्यागपत्र दे दिया था। लालू ने जब मान-मनव्वल किया तो वे कार्यालय लौटे।
विधानसभा के पिछले चुनाव में राजद के बेहतरीन प्रदर्शन मेंं जगदानंद का सांगठनिक योगदान बेहद महत्वपूर्ण रहा है। उनकी छवि ईमानदारी और कर्मठता नेता की रही है। राजद जैसे दल को भी उन्होंने अनुशासन में रखने का भरसक प्रयत्न किया है। वे बक्सर से सांसद व रामगढ़ से विधायक रहे हैं।
पुत्र अजीत का चुनाव में नहीं रहा अच्छा प्रदर्शन
अब बक्सर से उनके पुत्र सुधाकर सिंह सांसद हैं, जो 2020 में रामगढ़ से विधायक चुने गए थे। इस क्षेत्र में जगदानंद की अच्छी पैठ है, इसके बावजूद विधानसभा उप चुनाव में उनके पुत्र अजीत रामगढ़ में न सिर्फ मात खाए, बल्कि तीसरे पायदान पर चले गए। इसका कारण उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती उस क्षेत्र में बसपा और अंबिका यादव के परिवार की पकड़ है। उप चुनाव मेंं बसपा दूसरे स्थान पर रही।
जगदानंद इससे आहत बताए जा रहे। पार्टी में उनके अनुशासन से अकुताए नेता रामगढ़ का हवाला देकर नेतृत्व को कोंचने भी लगे हैं। हालांकि, सुप्रीमो के प्रति जगदानंद की निष्ठा अटूट है और उनके संदर्भ में लालू किसी भी बतकही पर शायद ही कान दें।
लगभग पांच वर्ष पहले पार्टी मेंं तमाम विरोधों को दरकिनार कर लालू ने जगदानंद को प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व सौंपा था। लालू के बड़े पुत्र तेजप्रताप से अनबन के बीच जगदानंद ने जुलाई, 2021 में प्रदेश अध्यक्ष के पद से त्यागपत्र सौंप दिया था। कई नेताओं के आग्रह के बावजूद वे कार्यालय नहीं लौट रहे थे। अंतत: लालू ने उन्हें मनाया।
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