भारत बनाम इंडिया विवाद पर भड़के सुशील मोदी की विपक्ष को नसीहत, कहा- जिन्हें आपत्ति, वे इंडिया माता की करें जय
जी-20 सम्मेलन के अवसर पर आयोजित रात्रि भोज के लिए अंग्रेजी में लिखे आमंत्रण पत्र में प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखे जाने के बाद भारत बनाम इंडिया की राजनीति तेज हो गई है। विपक्ष जहां इसे विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम I.N.D.I.A. रखने के कारण उठाया गया कदम बता रहा है वहीं भाजपा इसे भारत की सांस्कृतिक विरासत के साथ जोड़कर विपक्ष पर हमला कर रही है।

राज्य ब्यूरो, पटना: राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने जी-20 सम्मेलन के अवसर पर आयोजित रात्रि भोज के लिए अंग्रेजी में लिखे आमंत्रण पत्र में प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखे जाने के विरोध पर कहा कि यह भी सनातन धर्म और हिंदू संस्कृति के विरोध की गहरी राजनीति का हिस्सा है।
यह देश सदियों से भारत है, जबकि इंडिया अंग्रेजों का दिया हुआ नाम है। विपक्षी गठबंधन के लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विरोध करने की हदों को पार करते हुए अब भारत, सनातन धर्म और हिंदू संस्कृति का भी विरोध करने पर उतर आए हैं।
सुशील मोदी बोले, जिन्हें आपत्ति वे इंडिया माता की करें जय
उन्होंने कहा कि चूंकि संविधान मूलत: अंग्रेजी में लिखा गया, इसलिए उसमें भारत और इंडिया, दोनों शब्दों का प्रयोग हुआ। दुनिया में किसी भी देश के दो नाम नहीं हैं और नाम का अनुवाद नहीं होता है।
अगर हम 75 वर्ष के भारत को अंग्रेजी में इंडिया लिखते आ रहे हैं, तो इसे ही सही नहीं कहा जा सकता है। हम भारत माता की जय बोलते हैं। विपक्ष अगर इंडिया माता की जय बोलना चाहता है, तो उन्हें कौन रोक रहा है।
चक्रवर्ती राजा भरत के नाम पर भारत का नाम: सुशील मोदी
उन्होंने कहा कि चक्रवर्ती राजा भरत के नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा और हमारे पौराणिक ग्रंथों में भी इस भूमि का नाम भारत हैं, लेकिन जो लोग इसके सनातन धर्म और सभ्यता-संस्कृति को मिटाने की सुपारी लिए हुए पटना से मुंबई तक व्याकुल घूम रहे हैं, उन्हें राष्ट्रपति भवन के आमंत्रण पत्र में भारत लिखने पर भी मिर्ची लग रही है।
मुद्दाविहीन हो चुकी भाजपा कर रही अनर्गल विवाद: विजय चौधरी
राज्य ब्यूरो, पटना: जदयू के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार में वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मंगलवार को कहा कि विपक्षी दलों के खिलाफ मुद्दाविहीनता की स्थिति के कारण रही भाजपा सनातन धर्म व इंडिया-भारत के मुद्दे को तूल देने की कोशिश कर रही है।
उदयनिधि के बयान को बताया नादानी में दिया बयान
उन्होंने कहा कि अगर किसी ने नादानी में सनातन धर्म को नाश करने की बात कर डाली, तो गृह मंत्री समेत पूरा केंद्रीय मंत्रिमंडल एवं भाजपा नेता इसे राष्ट्रीय विवाद का विषय बना रहे हैं।
विजय चौधरी ने कहा कि ऐसा कर के वे लोग सनातन धर्म को प्रतिष्ठित या मर्यादित नहीं कर रहे हैं। सभी जानते हैं कि कोई भी धर्म करोड़ों लोगों की आस्था से सम्मानित होता है।
सनातन धर्म या किसी दूसरे धर्म को कोई चाहकर भी मिटा नहीं सकता है। किसी दूसरे धर्म के अनुयायी की भावना को ठेस पहुंचाने वाला व्यक्ति स्वयं के धर्म के खिलाफ आचरण करता है।
इंडिया-भारत विवाद पर क्या बोले विजय चौधरी
इंडिया का नाम भारत करने संबंधी आरएसएस और भाजपा नेताओं के बयान पर विजय चौधरी ने कहा कि संविधान के प्रथम अनुच्छेद में ही हमलोगों ने अपने देश का नाम इंडिया और भारत दाेनों अंगीकार किया है। राजनीतिक पसंद और नापसंद से कारण हम संविधान की तौहीन नहीं कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि दरअसल भाजपा नेताओं की न तो स्वतंत्रता संग्राम में कोई भूमिका थी और न ही संविधान के निर्माण में इनका कोई योगदान था। इसलिए ऐसी चीजों के प्रति इन लोगों में संवेदनशीलता का पूर्ण अभाव रहना स्वाभाविक है।
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