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    उदयनिधि स्टालिन के बचाव में ये क्या बोल गए RJD नेता शिवानंद, बिहार की राजनीति में खड़ा हो सकता है नया बखेड़ा

    By BHUWANESHWAR VATSYAYANEdited By: Mohit Tripathi
    Updated: Tue, 05 Sep 2023 08:38 PM (IST)

    Udhayanidhi Stalin Controversy राजद नेता शिवानंद तिवारी ताजा बयान बिहार की राजनीतिक सरगर्मी को बढ़ा सकता है। एमके स्टालिन के बेटे दयानिधि के बयान का बचाव करते हुए शिवानंद तिवारी ने सनातन धर्म पर सवाल खड़ा कर दिया है। उन्होंने सवाल उठाया है कि धार्मिक सम्मेलनों में किसी समुदाय विशेष के जनसंहार करने की अपील करना क्या सनातन धर्म का हिस्सा है?

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    दक्षिण भारत में सनातनियों की नहीं द्रविड़ की संस्कृति चलती है: शिवानंद तिवारी। (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, पटना: राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी का सनातन धर्म पर दिया ताजा बयान बिहार की राजनीति में नया बखेड़ा खड़ा कर सकता है। शिवानंद तिवारी I.N.D.I.A. के सहयोगी नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के बेटे उदयनिधि के बयान का बचाव कर रहे थे।

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    उदयनिधि के बयान का बचाव करते हुए राजद ने सवाल उठाया कि किसी का सर काटने के लिए इनाम की घोषणा करना क्या सनातन धर्म है? धार्मिक सम्मेलनों में किसी समुदाय विशेष के जनसंहार करने की अपील करना क्या सनातन धर्म का हिस्सा है?

    द्रोणाचार्य और एकलव्य का जिक्र

    शिवानंद ने कहा कि लोगों काे याद है महाभारत काल के सनातनी गुरु द्रोणाचार्य ने गुरु दक्षिणा के रुप मे एकलव्य से उसका अंगूठा मांग लिया था, जबकि उस महान धनुर्धर को उसके पहले उन्होंने देखा तक नहीं था। आज भी द्रोणाचार्य की परंपरा कायम है।

    दक्षिण में सनातनियों नहीं, द्रविड़ों की संस्कृति चलती है: शिवानंद

    राजद नेता ने आगे कहा कि सनातनियों के देश में पति की चिता पर पत्नी को जिंदा जला दिया जाता था। वाराणसी और वृंदावन में हजारों विधवाएं किस हाल में हैं यह सभी जानते हैं। दक्षिण भारत में सनातनियों की नहीं द्रविड़ की संस्कृति चलती है।

    उदयनिधि स्टालिन ने क्या कहा था

    तमिलनाडु की डीएमके सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म पर की गई एक टिप्पणी से देश की राजनीति में बवाल मचा हुआ है। 

    उदयनिधि ने कहा था कि सनातन धर्म डेंगू मलेरिया और कोरोना की तरह है। जिसका महज विरोध नहीं किया जा सकता, बल्कि इसे खत्म किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि उसे खत्म कर देना चाहिए।

    उदयनिधि के इस बयान के बाद से हिंदू संगठन डीएमके नेता के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं डीएमके के I.N.D.I.A. के सहयोगी दल होने के कारण भाजपा विपक्षी दलों के गठबंधन पर सवाल उठा रही है।