बिहार-झारखंड के 2000 सीनियर अधिकारियों की लिस्ट तैयार, 31 मार्च से पहले इनकम टैक्स करेगा कार्रवाई
आयकर विभाग ने बिहार-झारखंड के 2000 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों की सूची तैयार की है जो कर चोरी में लिप्त हैं। इन अधिकारियों के खिलाफ मार्च 2025 से पहले बड़े पैमाने पर कार्रवाई अभियान शुरू किया जाएगा। इस पूरे मिशन को ऑपरेशन संगम के तहत अंजाम दिया जाएगा। चिह्नित लोगों में केंद्र एवं राज्य सरकार के सरकारी कर्मचारी पीएसयू कर्मी के अतिरिक्त कई बड़े अधिकारी भी शामिल हैं।
जागरण संवाददाता, पटना। पटना आयकर विभाग (Income Tax Department Patna) की इन्वेस्टिगेशन विंग ने भी हर ट्रेड के टैक्स चोरी की मैपिंग की है। इस ऐसे प्रकार के कर चोरों की मैपिंग की है। आयकर विभाग के अन्वेषण टीम ने बिहार-झारखंड के दो हजार से अधिक लोगों के डाटा का एनालिसिस किया है।
इसमें यह बातें सामने आई है कि गलत दावा कर आयकर विभाग से रिफंड ले रहे हैं। इसके अतिरिक्त, माता-पिता के न होने की स्थिति में बीमा क्लेम करना, उच्च शिक्षा के बगैर ही बच्चों के नाम पर क्लेम व छूट ले रहे हैं। ऐसे लोगों को चिह्नित किया गया है।
इन पर होगी बड़ी कार्रवाई
चिह्नित लोगों में केंद्र एवं राज्य सरकार के सरकारी कर्मचारी, पीएसयू कर्मी के अतिरिक्त कई बड़े अधिकारी भी शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ मार्च 2025 से पहले बड़े पैमाने पर कार्रवाई अभियान शुरू करने की योजना बनाई जा रही है। इस पूरे मिशन को 'ऑपरेशन संगम' के तहत अंजाम दिया जाएगा।
इसमें कई बड़े अधिकारी भी शामिल हैं। इसमें जो कोई कर नहीं चुका रहे हैं और इस तरह के आदतन आयकर अपराधी हैं। इसके अलावा, जांच विभाग ने राज्य और केंद्र सरकार और पीएसयू के वेतनभोगी कर्मचारियों की भी मैपिंग की है जो गलत दावों के आधार पर रिफंड का दावा करते हैं।
2000 अधिकारियों की लिस्ट तैयार
इन प्रयासों में, विभाग को उन कर प्रैक्टिशनरों के बारे में जानकारी मिली है, जिन्होंने फर्जी रिफंड दावों पर रिटर्न दाखिल करने में मदद की और सूची में बिहार झारखंड के 2000 से अधिक ऐसे मामले हैं, जिनमें शीर्ष अधिकारी भी शामिल हैं।
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