PARAM Rudra: बिहार को मिला पहला सुपर कंप्यूटर, रिसर्च को मिलेगी नई गति; क्या है इसकी खासियत?
आईआईटी पटना में अत्याधुनिक सुपरकंप्यूटर 'परम रुद्र' का शुभारंभ किया गया। यह राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत स्थापित किया गया है, जिससे बिहार और प ...और पढ़ें

इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अमितेश कुमार सिन्हा, आइआइटी पटना के निदेशक प्रो. टीएन सिंह व अन्य। सौ: आइआइटी।
जागरण संवाददाता, पटना। IIT पटना में स्थापित अत्याधुनिक सुपरकंप्यूटर परम रुद्र का शुक्रवार को शुभारंभ किया गया। राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के अंतर्गत स्थापित परम रुद्र की शुरुआत पर इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अमितेश कुमार सिन्हा, आइआइटी पटना के निदेशक प्रो. टीएन सिंह, समन्वयक प्रो. सोमनाथ त्रिपाठी, नवीन कुमार और डा. चितरंजन सिंह मौजूद रहे।
अमितेश कुमार सिन्हा ने कहा कि “राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के अंतर्गत देशभर में अब तक 37 सुपर कंप्यूटर स्थापित किए जा चुके हैं, जिनकी कुल कंप्यूट क्षमता 39 पेटाफ्लाप्स है। जिनका उपयोग देश के 12 हजार से अधिक शोधकर्ता कर रहे हैं।
शीघ्र ही विभिन्न शैक्षणिक एवं अनुसंधान संस्थानों में 10 और सुपरकंप्यूटिंग प्रणालियां स्थापित की जाएंगी, जिससे कुल कंप्यूट क्षमता 100 से अधिक पेटाफ्लाप्स हो जाएगी।
देश में सुपरकंप्यूटिंग इकोसिस्टम के निर्माण के लिए स्वदेशी सुपरकंप्यूटिंग तकनीकों जैसे एचपीसी प्रोसेसर, सर्वर, कूलिंग तकनीक, इंटरकनेक्ट, साफ्टवेयर स्टैक और स्टोरेज का विकास किया जा रहा है, जिससे डिजाइन, विकास और विनिर्माण क्षमताओं को सुदृढ़ किया जा सके।
उन्होंने यह बताया कि राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की यह संयुक्त पहल है।
प्रो. टीएन सिंह ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है और हम सभी के लिए अत्यंत हर्ष का विषय है। इससे बिहार और पूर्वांचल में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा तथा छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं को विभिन्न क्षेत्रों में जटिल कम्प्यूटिंग कार्यों को करने में बड़ी सुविधा मिलेगी।
परम रुद्र सुपरकंप्यूटिंग सुविधा एनएसएम के अंतर्गत स्थापित की गई है, जिसमें इस प्रणाली के निर्माण में प्रयुक्त अधिकांश घटकों का निर्माण और संयोजन देश में ही किया गया है। साथ ही, मेक इन इंडिया पहल के अनुरूप सी-डैक द्वारा विकसित स्वदेशी साफ्टवेयर स्टैक का उपयोग किया गया है।
इस 838 टेराफ्लाप्स सुपरकंप्यूटिंग सुविधा की स्थापना हेतु आइआइटी पटना और उन्नत संगणन विकास केंद्र के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। एनएसएम के दिशा-निर्देशों के अनुसार इस सुपरकंप्यूटर की कुल कंप्यूट क्षमता का एक हिस्सा निकटवर्ती शैक्षणिक एवं अनुसंधान संस्थानों के साथ भी साझा किया जाएगा।
कुल मिलाकर, यह सुपरकंप्यूटिंग सुविधा भारतीय शैक्षणिक संस्थानों और उद्योगों में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को एक नई गति प्रदान करेगी और वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होगी।
पेटाफ्लाप्स क्या है?
पेटाफ्लाप्स प्रोसेसिंग गति का विशाल मापक है। प्रति सेकंड फ्लोटिंग प्वाइंट आपरेशन (फ्लाप्स) सुपरकंप्यूटर की प्रदर्शन क्षमता को मापने की इकाई है। सामान्य कंप्यूटर के प्रोसेसर की कार्यक्षमता को मेगाहर्ट्ज इकाइयों में मापकर उसकी क्लाक स्पीड की गणना की जाती है।

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