IAS Sanjeev Hans: आईएएस संजीव की बढ़ी मुश्किलें, नए मुकदमे की तैयारी; नीतीश सरकार के पास पहुंचा लेटर
आईएएस संजीव हंस की मुश्किलें बढ़ गई हैं। भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल में बंद संजीव पर अब मनी लॉन्ड्रिंग का एक और नया मुकदमा दर्ज करने की तैयारी है। केंद्र सरकार से मुकदमा चलाने की अनुमति मिलने के बाद अब नई प्राथमिकी दर्ज होगी। यह मामला प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) या आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) में से कौन दर्ज करेगा यह अभी तय नहीं है।

राज्य ब्यूरो, पटना। भारतीय प्रशासनिक सेवा के निलंबित अधिकारी संजीव हंस (IAS Sanjeev Hans) की मुश्किलें कम नहीं हो रही। भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद संजीव पर अब मनी लॉन्ड्रिंग का नया मामला दर्ज करने की तैयारी है।
केंद्र सरकार द्वारा मुकदमा चलाने की अनुमति के बाद नई प्राथमिकी की तैयारी है। हालांकि, यह प्राथमिकी प्रवर्तन निदेशालय, आर्थिक अपराध इकाई या फिर विशेष निगरानी इकाई में कौन सी एजेंसी दर्ज करेगी यह साफ नहीं। सरकार ने इस पर महाधिवक्ता और विधि विभाग से परामर्श मांगा है।
केंद्र ने राज्य सरकार को भेजा पत्र
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र की हंस पर मुकदमा चलाने की अनुमति के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस संबंध में राज्य सरकार को पत्र भेजा है। हालांकि, गृह विभाग इस बारे में कुछ भी बोलने से परहेज कर रहा है।
कई अधिकारी रडार पर
हंस के साथ ही करीब दर्जन भर अधिकारी भी जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं। इनमें कुछ अधिकारियों का संबंध टेंडर घोटाले से रहा है।
जिनके बारे में केंद्रीय जांच एजेंसी को 27 मार्च को पटना में सात स्थानों पर की गई छापेमारी में प्रमाण मिले थे। पटना के सात स्थानों पर की गई छापेमारी में ईडी ने कुल 11.64 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की थी।
सूत्रों की माने तो प्रवर्तन निदेशालय में हंस के साथ जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की अनुशंसा की है उनमें पटना के एक नामी ठेकेदार का नाम भी शामिल है। जिसकी कई अधिकारियों के यहां सीधी पहुंच है। महाधिवक्ता और विधि विभाग की राय मिलने के बाद ही साफ होगा कि कौन सी एजेसी मुकदमा दर्ज करेगी।
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