Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Panchayat Election: चुनाव से पहले ग्राम पंचायतों का परिसीमन जरूरी, नहीं हुआ तो हाई कोर्ट जाएगा मुखिया महासंघ

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 02:45 AM (IST)

    बिहार में पंचायत चुनाव से पहले ग्राम पंचायतों का परिसीमन जरूरी है। मुखिया महासंघ ने चेतावनी दी है कि अगर परिसीमन नहीं हुआ तो वे हाई कोर्ट जाएंगे। उनका ...और पढ़ें

    Hero Image

    पटना हाई कोर्ट (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, पटना। चुनाव पूर्व ग्राम पंचायतों का परिसीमन नहीं होने पर मुखिया महासंघ हाई कोर्ट का भी रुख कर सकता है। बुधवार को पटना में बिहार प्रदेश मुखिया महासंघ एवं अन्य प्रतिनिधि संगठनों की राज्य-स्तरीय कार्यकारिणी बैठक में सर्वसम्मति से पंचायतों के परिसीमन का प्रस्ताव पारित किया गया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सार्थक पहल की अपेक्षा जताई गई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बैठक की अध्यक्षता मुखिया महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष मिथिलेश कुमार राय ने की। उन्होंने कहा कि 1991 की जनगणना के आधार पर बिहार में वर्ष 2001 में पंचायतों का परिसीमन हुआ था। उसके बाद पंचायतों की जनसंख्या लगभग ढाई गुना बढ़ चुकी है।

    ऐसे में परिसीमन अति-आवश्यक है। कई जिलों और प्रखंडों में कुछ पंचायतों का क्षेत्रफल 10 वर्ग किलोमीटर से भी अधिक है। इससे वहां विकास कार्य बाधित हो रहे हैं और प्रशासनिक उपेक्षा बढ़ी है।

    वहीं, नगर निकायों के गठन और उनके क्षेत्र विस्तार के कारण कई पंचायतों का विखंडन एवं पुनर्गठन अव्यवस्थित ढंग से किया गया। इससे गंभीर विसंगतियां उत्पन्न हुई हैं। पुनर्गठन के दौरान कुछ ऐसे पंचायत वार्ड बनाए गए हैं, जिनकी जनसंख्या मात्र 100 के आसपास है।

    उन्हें वार्ड का दर्जा दिया जाना 73वें संविधान संशोधन अधिनियम के प्रविधानों का स्पष्ट उल्लंघन है। संविधान के अनुसार, प्रत्येक 10 वर्ष में जनगणना के बाद परिसीमन एवं उसी आधार पर आरक्षण लागू किया जाना अनिवार्य है। अनुज सिंह, रामकुमार यादव, हरेंद्र प्रसाद, रामसुभग सिंह, रणविजय सिंह, लालमुक्ति पासवान, अभिषेक कुमार आदि बैठक में उपस्थित रहे।