फल-फूल की खेती को आगे बढ़ाने का बनाया जा रहा रोडमैप, क्या है रामकृपाल यादव का प्लान?
बिहार में फल-फूल की खेती को बढ़ावा देने के लिए रोडमैप बनाया जा रहा है। रामकृपाल यादव का इस योजना को लेकर क्या दृष्टिकोण है, इस पर ध्यान केंद्रित किया ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, पटना। कृषि भवन के सभागार में गुरुवार को 'समृद्ध किसान, सशक्त बिहार-उत्पादन से निर्यात, एकीकृत फल क्रांति' विषयक परिचर्चा का आयोजन हुआ। इसका मुख्य उद्देश्य अगले पांच वर्ष का एक ऐसा रोडमैप बनाना है, जिससे राज्य में फल एवं उद्यानिकी क्षेत्र को वैज्ञानिक, संगठित एवं बाजारोन्मुख बनाकर किसानों की आय में सतत एवं स्थायी वृद्धि सुनिश्चित की जा सके।
परिचर्चा की अध्यक्षता करते हुए प्रधान सचिव पंकज कुमार ने कहा कि फल एवं उद्यानिकी क्षेत्र के समग्र विकास के लिए बहुआयामी रणनीति पर काम हो रहा। वैज्ञानिक उत्पादन प्रणाली को बढ़ावा, उच्च गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री की उपलब्धता, आधुनिक पैकेजिंग, सुदृढ़ कोल्ड चेन नेटवर्क तथा प्रभावी विपणन व्यवस्था को सशक्त किया जा रहा है।
नींबू, माल्टा, स्ट्राबेरी, ड्रैगन फ्रूट जैसे उच्च मूल्य वाले फलों के उत्पादन को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे किसानों को बेहतर बाजार मूल्य प्राप्त हो सके और खेती अधिक लाभकारी बन सके। परिचर्चा में अधिकारियों, कृषि वैज्ञानिकों एवं किसानों के बीच संवाद के माध्यम से फल उत्पादन एवं निर्यात को और अधिक लाभकारी बनाने के उपायों पर विस्तार से चर्चा की गई।
फलों के क्लस्टर आधारित माडल को अपनाकर उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन की प्रतिबद्धता जताई गई। कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि किसानों को नवीन तकनीकों, आधुनिक बागवानी पद्धतियों, गुणवत्ता नियंत्रण एवं मूल्य संवर्द्धन से संबंधित नियमित प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
इज ऑफ एग्रीकल्चर से बिहार की खेती को मिल सकती है बुलंदी
दूसरी ओर, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाते हुए कृषि विभाग ने बामेती भवन में राज्य-स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया। उद्घाटन कृषि मंत्री रामकृपाल यादव ने किया। प्रधान सचिव पंकज कुमार ने कहा कि किसानों की समस्याओं का स्थायी समाधान के लिए किसान कॉल सेंटर को सशक्त किया गया है।
उन्होंने कहा कि इज ऑफ एग्रीकल्चर के अंतर्गत कम समय में अधिक उत्पादन, बेहतर लाभ, वर्ष में तीन फसलों की खेती और सतत नवाचार के माध्यम से बिहार की कृषि को नई ऊंचाइयों तक ले जाया जा सकता है।
जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान विषयक यह संगोष्ठी पटना के साथ राज्य के सभी प्रखंडों में आयोजित हुई। रामकृपाल ने कहा कि मैं चाहता हूं कि बिहार का फसल उत्पाद विश्व के हर कोने तक पहुंचे। बिहार को कृषि के क्षेत्र में अव्वल राज्य बनाना ही हमारा लक्ष्य है। हम किसानों की सेवा को भगवान की सेवा मानते हैं। जो भी किसान को परेशान करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा कि किसान-विरोधी मानसिकता रखने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी। संगोष्ठी में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए किसानों ने सहभागिता निभाई।
पटना में दुल्हिनबाजार के किसान राम विनय कुमार ने प्राकृतिक खेती को वैज्ञानिक पद्धतियों एवं पारंपरिक ज्ञान से जोड़कर पर्यावरण अनुकूल, टिकाऊ और लाभकारी बनाने के सुझाव साझा किए। विशेष सचिव डा. बीरेंद्र प्रसाद यादव, कृषि निदेशक सौरभ सुमन यादव, बामेती के निदेशक धनंजय पति त्रिपाठी आदि संगोष्ठी में उपस्थित रहे।

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