बालू, गिट्टी और मिट्टी के लिए जारी होंगे 5 तरह के चालान; अवैध खनन को रोकने के लिए नीतीश सरकार ने लिया बड़ा फैसला
सरकार ई-चालान को पांच श्रेणियों में बांटने की तैयारी में है जो किलोमीटर के आधार पर अलग-अलग होंगी। यह व्यवस्था लघु खनिजों के अवैध कारोबार पर रोक लगाने में मदद करेगी और सरकार के राजस्व में वृद्धि करेगी। नई व्यवस्था से वाहनों को नए चालान के लिए बेवजह का इंतजार नहीं करना होगा और लघु खनिज को कम समय में गंतव्य तक पहुंचाया जा सकेगा।

राज्य ब्यूरो, पटना। बालू के साथ ही गिट्टी और मिट्टी के अवैध कारोबार पर रोक के लिए सरकार अब पांच प्रकार के ई-चालान जारी करने की तैयारी में है।
ये ई-चालान किलोमीटर के आधार पर अलग-अलग श्रेणी में बांटकर जारी होंगे। इससे जहां बालू-गिट्टी और मिट्टी के अवैध कारोबार पर रोक लगा सकेगी। वहीं, सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी।
ई-चालान को पांच श्रेणियों में बांटने का प्रस्ताव
खान एवं भू-तत्व विभाग की बड़ी परेशानी लघु खनिजों का अवैध कारोबार है। जिस पर रोक के लिए विभाग के स्तर पर कई प्रकार के उपाय किए गए हैं।
विभाग के सूत्रों ने बताया कि इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए विभाग ने ई-चालान को पांच श्रेणियों में बांटने का प्रस्ताव तैयार किया है।
प्रस्ताव के अनुसार ई-चालान शून्य से पांच किमी, पांच से 10 किमी, 10 से 50 किमी, 50 से सौ किमी और सौ से पांच सौ किमी के लिए जारी होंगे। ई-चालान को श्रेणी में बांटने से बालू, गिट्टी और मिट्टी पहुंचाने में जहां गाडिय़ों की कमी नहीं होगी। वहीं, गंतव्य तक इन लघु खनिजों को पहुंचाने में भी काफी कम वक्त लगेगा।
पोर्टल के माध्यम से जारी होते हैं ई-चालान
बता दें कि बंदोबस्तधारी के लिए बालू, गिट्टी और मिट्टी को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए ई-चालान अनिवार्य है। ई-चालान विभाग द्वारा तैयार किए गए खनन सॉफ्ट पोर्टल के माध्यम से जारी होते हैं।
अभी जो व्यवस्था है उसके अनुसार एक वाहन का ई-चालान जारी होने पर उसके चार घंटे बाद ही उस गाड़ी के लिए दोबारा चालान जारी करना पड़ता है। यदि गाड़ी को पांच किमी तक जाकर बालू, गिट्टी या मिट्टी पहुंचाना हो तब भी उस गाड़ी को दूसरी जगह की ढुलाई के लिए चार घंटे बाद ही ई-चालान जारी होता है।
नई व्यवस्था प्रभावी होने से वाहनों को नए चालान के लिए बेवजह का इंतजार नहीं करना होगा। लघु खनिज ढोने के लिए वाहनों की कमी भी नहीं होगी।
साथ ही कम से कम समय में लघु खनिज को गंतव्य तक पहुंचाया जा सकेगा। जिससे राजस्व वृद्धि बढऩा तय है ऐसा सरकार ने माना है। इस व्यवस्था को इसी वित्तीय वर्ष से प्रभावी करने की विभाग की तैयारी है।
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