Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar News: पिछला हिसाब न देने के तक नहीं कर सकेंगे धन निकासी, तीन विभागों पर लगी रोक

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 10:26 AM (IST)

    कैग की रिपोर्ट के अनुसार बिहार के विभागों ने 70877.61 करोड़ के यूसी और 9205.76 करोड़ के एसी बिल के विरुद्ध डीसी बिल जमा नहीं किए। वित्त विभाग ने पंचायती राज नगर विकास और शिक्षा विभाग पर रोक लगाई है। सबसे अधिक राशि पंचायती राज विभाग पर बकाया है। वित्त विभाग ने 18 महीने में समायोजन का निर्देश दिया है। यह Patna City news का एक बड़ा मामला है।

    Hero Image
    पिछला हिसाब देने तक कुछ मामलों में तीन विभाग नहीं कर पाएंगे अभी धन की निकासी। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, पटना। नियंत्रक व महालेखा परीक्षक कैग की रिपोर्ट बता रही कि 2023-24 तक 70877.61 करोड़ के उपयोगिता प्रमाण-पत्र (यूसी) व 9205.76 करोड़ के आकस्मिक सार विपत्र (एसी बिल) के विरुद्ध विस्तृत विपत्र (डीसी बिल) उपलब्ध नहीं कराए गए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वित्त विभाग द्वारा संबंधित विभागों को ये विपत्र बिहार के महालेखाकार (लेखा व हकदारी) के कार्यालय को यथाशीघ्र जमा कराने का निर्देश दिया गया है। साथ ही पंचायती राज विभाग और नगर विकास व आवास विभाग के सहायक अनुदान विपत्र पर रोक लगा दी गई है।

    इसी तरह शिक्षा विभाग के विपत्र से निकासी पर रोक लगाई गई है। इस रोक का आशय यह है कि पिछले खर्च का हिसाब-किताब देने तक ये विभाग कोषागार या अपने खाते से धन की निकासी नहीं कर पाएंगे।

    वित्त विभाग का कहना है कि प्रत्येक वित्तीय वर्ष में एसी बिल व सहायक अनुदान विपत्रों पर निकासी की सतत प्रक्रिया के फलस्वरूप नए डीसी बिल व उपयोगिता प्रमाण-पत्रों की संख्या में वृद्धि होती रहती है। इनका समायोजन भी सतत होता है।

    यह समायोजन 18 माह के भीतर हो जाना चाहिए, अन्यथा वित्त विभाग हस्तक्षेप करता है। अभी लंबित विपत्रों में दो तिहाई राशि का हिसाब पंचायती राज विभाग, शिक्षा विभाग और नगर विकास विभाग को ही देना है।

    31 मार्च 2024 तक विभागवार लंबित यूसी राशि (करोड़ रुपये में) पंचायती राज

    28154.10 करोड़ शिक्षा विभाग, 12623.67 करोड़ नगर विकास व आवास, 11065.50 ग्रामीण विकास, 7800.48कृषि, 2107.63 अजा-जजा कल्याण, 1397.43 सामाजिक कल्याण, 941.92 पिछड़ा व अति-पिछड़ा वर्ग कल्याण, 911.08 स्वास्थ्य और 860.33 करोड़ सहकारिता में लंबित राशि है।