Bihar News: EOU की संजीव मुखिया समेत चार पर कार्रवाई, ED को भेजा संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव
आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने पेपर लीक गिरोह के सरगना समेत कई आरोपियों की संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव ईडी को भेजा है। इनमें बालू माफिया और बैंक प्रबंधक भी शामिल हैं। ईओयू ने पीएमएलए के तहत 55 अपराधियों को चिह्नित किया है जिनमें से 22 की संपत्ति जब्त हो चुकी है। सहकारी बैंकों में धोखाधड़ी के मामले भी सामने आए हैं।

राज्य ब्यूरो, पटना। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने इस साल अब तक पेपर लीक गिरोह के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया समेत चार अभियुक्तों की संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भेजा है। इनमें बालू माफिया रामप्रवेश राय और कोटक महिंद्रा बैंक के शाखा प्रबंधक सुमित कुमार भी शामिल हैं।
35 करोड़ रुपये के गबन मामले में सुमित कुमार को ईओयू रिमांड पर लेकर पूछताछ भी कर रही है। बिहार पुलिस मुख्यालय में शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में ईओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के अंतर्गत अब तक 55 ऐसे अपराधियों को चिह्नित कर इनकी संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव ईडी को भेजा गया है। इसमें अब तक 22 अपराधियों की करीब 11 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। शेष मामलों की जांच जारी है।
जिनकी संपत्ति जब्ती का प्रस्ताव भेजा गया है, उसमें 36 मादक पदार्थ के तस्कर, 10 बालू तस्कर, 15 नक्सली एवं उग्रवादी और चार अन्य कुख्यात अपराधी शामिल हैं। डीआईजी ने बताया कि सहकारी बैंकों और सोसाइटी में धोखाधड़ी मामलों की जांच भी शुरू की गई है।
अब तक पटना स्थित अवामी लीग सहकारी बैंक में 15 करोड़ और वैशाली सहकारी बैंक में 85 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के सबूत मिले हैं। इस मामले में आवामी बैंक के शाहबाज और वैशाली बैंक के गोपाल प्रसाद को गिरफ्तार भी किया जा चुका है।
4.58 लाख घनफीट बालू जब्त
डीआईजी ढिल्लों ने बताया कि 15 जून के बाद बालू खनन पर रोक लगा दी गई है। इसके बाद ईओयू ने कार्रवाई करते हुए बालू खनन एवं भंडारण मामले में पटना और भोजपुर में पांच प्राथमिकी दर्ज की है। इस दौरान 4 लाख 58 हजार घनफीट बालू जब्त किया जा चुका है।
ड्रोन की मदद से इसका आकलन किया गया है। इसी तरह मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में जनवरी से अब तक 4 हजार 501 किलो गांजा, 40 हजार बोतल कोडनिनकफ सिरप समेत अन्य मादक पदार्थ जब्त किए गए हैं।
बिहार पुलिस में बनेगी अलग साइबर इकाई
राज्य में साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए बिहार पुलिस में जल्द ही अलग साइबर इकाई का गठन किया जाएगा। अभी ईओयू के अंतर्गत यह इकाई काम कर रही है। साइबर इकाई के डीआईजी संजय कुमार ने बताया कि इस साल जनवरी से जून तक साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर 15 लाख 62 हजार काल आ चुकी है।
इसमें 38 हजार से अधिक कॉल सिर्फ वित्तीय धोखाधड़ी से संबंधित हैं। इन मामलों में 47.01 करोड़ रुपये होल्ड कराए गए हैं, जबकि 3.64 करोड़ रुपये पीड़ितों को रिफंड किया गया है। उन्होंने बताया कि जून में 200 पुलिस पदाधिकारियों को साइबर से जुड़ा प्रशिक्षण दिया गया है।
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