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    बिहार में दुर्गा पूजा पर चाक-चौबंद रहेगी सुरक्षा व्यवस्था, मुख्य सचिव ने समीक्षा बैठक कर दिए निर्देश

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 11:33 PM (IST)

    राज्य में दुर्गा पूजा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक हुई। भारत-नेपाल सीमा से लेकर सोशल मीडिया तक कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। पूजा पंडालों में विशेष सतर्कता बरतने लाइसेंस अनिवार्य करने और सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। मूर्ति विसर्जन के दौरान वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी और विशेष सतर्कता बरती जाएगी।

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    समीक्षा बैठक करते मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में दुर्गा पूजा पर चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। भारत-नेपाल सीमा से लेकर ऑनलाइन इंटरनेट मीडिया तक पुलिस-प्रशासन की निगरानी रहेगी।

    पूजा के दौरान राज्य में सुरक्षा की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए गुरुवार को मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक हुई।

    मुख्य सचिव ने पूजा-पर्व में पूर्ण शांति रहे इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में पुलिस महानिदेशक, सभी जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक आईजी, डीआईजी, प्रमंडलीय आयुक्त और रेल एसपी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए शामिल रहे।

    मुख्य सचिव ने कहा कि पूजा पंडालों में विशेष सतर्कता बरतें। मूर्ति स्थापना से पूर्व आयोजन संस्था को लाइसेंस लेन अनिवार्य किया जाए। एसपी-डीएम को पूजा स्थलों का पूर्व निरीक्षण करने को कहा गया।

    उन्होंने कहा समय पूर्व पुलिस बल की तैनाती, फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस की सुविधा बहाल कर दी जाए। उन्होंने कहा कि पूजा पंडालों में कैमरे लगाए जाएं ताकि भीड़ की निगरानी की जा सके। हर पूजा पंडाल पर स्थानीय थाना अध्यक्ष के नेतृत्व में पुलिस बल तैनात किया जाए। डीजे की ध्वनि एवं संचालन पर नियंत्रण रखें।

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    सोशल मीडिया पर रहेगी नजर

    मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि पुलिसकर्मियों को फुल बॉडी प्रोटेक्टर, नाइट विजन डिवाइसेस एवं हेलमेट उपलब्ध कराएं। इंटरनेट मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट या टिप्पणियों पर विशेष निगरानी रखें। आपत्तिजनक सामग्री की सूचना थाने में अविलंब दें।

    शांति समिति की बैठक कराएं, जिसमें युवा सदस्यों को शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि नेपाल में हुई घटनाओं का हवाला देकर सीमा पर विशेष निगरानी रखने को कहा। पिछले वर्षों में मूर्ति विसर्जन के दौरान मांस फेंकने, छतों से पत्थरबाजी जैसी अप्रिय घटनाओं को लेकर कहा इस बार ऐसी घटनाओं से बचाव हेतु भौतिक सत्यापन किया जाएगा।

    विसर्जन के समय जिस समूह ने लाइसेंस लिया होगा उनके सदस्यों का होना आवश्यक होगा । मूर्ति विसर्जन के दौरान हर समूह की वीडियोग्राफी अनिवार्य रूप से होगी।