Diwali 2023 : दिवाली पर इमरजेंसी सेवा के लिए ये फोन नंबर आएंगे काम, पटाखे जलाते समय रखें इन बातों का ध्यान
Diwali in Patna बिहार में दिवाली को लेकर लोगों में काफी उत्साह है। लोगों ने शनिवार को जमकर खरीदारी की। आज सभी लोग जहां धूमधाम से दिवाली मनाएंगे वहीं इस दौरान सावधानी बरतने की भी जरूरत होगी। हालांकि प्रशासन ने भी किसी भी तरह की घटना से निपटने के लिए खासा इंतजाम कर रखा है। इमरजेंसी नंबर भी जारी किए गए हैं। आपलोगों को इसका ध्यान रखना होगा।
जागरण संवाददाता, पटना। दीपावली में किसी भी आपातकालीन स्थिति में प्रभावित को लेकर तुरंत अस्पताल पहुंचे। आपात स्थिति को लेकर राजधानी के निजी व सरकारी अस्पतालों को अलर्ट मोड में रखा गया है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) समेत सभी अस्पतालों में 24 घंटे रोस्टर में डाक्टरों की तैनाती की गई है।
दीपावली पर डॉक्टर रहेंगे मौजूद
आइजीआइएमएस के उप निदेशक सह चिकित्सा अधीक्षक डा. मनीष मंडल ने बताया कि दीपावली को लेकर रोस्टर के अनुसार डाक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है। कोई भी चिकित्सक वैकेल्पिक व्यवस्था के बाद ही छुट्टी ले सकेंगे। सिविल सर्जन की ओर से सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है।
अस्पतालों को जलने, संक्रमण व मौसमी रोगों समेत सभी दवाओं का पर्याप्त भंडारण करने का निर्देश दिया गया है। पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच और एम्स पटना समेत राजधानी के सभी अस्पताल 24 घंटे अलर्ट रहेंगे। रविवार के कारण ओपीडी बंद रहेगी लेकिन इमरजेंसी में अतिरिक्त डाक्टरों को तैनात किया गया है।
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राजधानी को चार जोन और 36 सब जोन में बांटा गया
पावली पर अगलगी पर नियंत्रण और बचाव-राहत के लिए अग्निशमन विभाग ने व्यापक तैयारी की है।राजधानी को चार जोन और 36 सब जोन में बांटा गया है। जोन के अनुसार दमकल के साथ अग्निशमन दल की तैनाती की गई है। पूर्व की घटनाओं से सबक लेकर शहर में 33 संवेदनशील स्थानों को चिह्नित किया गया है। वहां अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। जिला अग्निशमन पदाधिकारी मनोज कुमार नट ने बताया कि सगुना मोड़, बोरिंग रोड, लंगर टोली और रामकृष्ण नगर में फायर ब्रिगेड की चार क्यूआरटी (क्विक रिएक्शन टीम) मौजूद रहेगी, जो अग्निकांड की सूचना मिलते ही घटनास्थल के लिए कूच करेगी।
लोदीपुर अग्निशमन मुख्यालय का कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय
लोदीपुर अग्निशमन मुख्यालय का कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय है। पर्याप्त संख्या में मानवबल और संसाधनों को सुरक्षित रखा गया है। पूर्व के हादसों से सबक लेकर इस वर्ष डिजिटल मैप तैयार किया गया है। इससे काल आते ही मालूम हो जाएगा कि सबसे नजदीक अग्निशमन वाहन कहां पर है। घटनास्थल से हाइड्रेंट की कितनी दूरी है। इससे बचाव कार्य की रूपरेखा बनाने में आसानी होगी और इसका लाभ पीड़ित पक्ष को मिलेगा।
ये हैं महत्वपूर्ण फोन नंबर
जिला नियंत्रण कक्ष : 0612-2219810, 2219234 किसी तरह की आपात स्थिति में नंबर - 112 पुलिस नियंत्रण कक्ष : 9470001389, बिजली से संबंधित शिकायत पर करें संपर्क पेसू नियंत्रण कक्ष : 0612-2280506, 2280508, 2285507, 7763814672, टाल फ्री 1912 पटना नगर निगम : टाल फ्री 155304, 0612-2200634
इमरजेंसी के लिए फोन नं. सिविल सर्जन : 9470003600 पीएमसीएच अधीक्षक : 9470003549 न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल निदेशक : 9470003587 राजबंशी नगर अस्पताल निदेशक : 9470003586 राजेंद्र नगर अस्पताल निदेशक : 9470003595 गर्दनीबाग अस्पताल प्रभारी : 9470003584 आइजीआइएमएस : 0612-2287225, 2287152 आइजीआइसी : 0612-2300845, 2371470
पटाखा छोड़ने वाली जगहों पर पानी और बालू अवश्य रखें
पटाखा छोड़ने वाली जगहों पर पानी और बालू अवश्य रखें जासं, पटना : पटाखा छोड़ने वाले स्थानों पर पानी एवं बालू रखना अनिवार्य है। इससे किसी भी स्थिति में बच्चों का बचाव किया जा सकता है। साथ ही कोशिश करें कि सूती वस्त्र पहनकर पटाखा छोड़ें। पीएमसीएच के चर्म रोग विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डा.विकास शंकर का कहना है कि दीवाली के दौरान पटाखा छोड़ते समय कुछ सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। बच्चों को पटाखा छोड़ते समय किसी तरह हाथ जल जाए तो उसे तत्काल ठंडा पानी से धोना चाहिए। पानी से तब तक धोते रहे, जब तक घाव से गर्मी न निकल जाए।
दीपावली में बिजली की मांग में आई कमी
दीपावली में लोग गांव की तरफ लौट रहे हैं। इस कारण राजधानी में बिजली की मांग में कमी आने लगी है। दीपावली को लेकर शहर रंग-विरंगी रोशनी से जगमग हों गई है। शनिवार को राजधानी में अधिकतम 386 मेगावाट बिजली की खपत हुई।
पांच घंटे छोड़ दें तो 19 घंटे तक 295 मेगावाट से 350 मेगावाट बिजली की मांग हो रही है। पटना विद्युत आपूर्ति प्रतिष्ठान के महाप्रबंधक मुर्तजा हेलाल ने बताया कि दो दिन पहले बिजली मांग बढ़कर 400 मेगावाट पर पहुंच गयी थी। छठ महापर्व तक पटना में 400 मेगावाट से कम बिजली की मांग होगी। ठंड के कारण तथा लोगों के घर लौटने से बिजली की मांग घटी है। लाइटिंग का विद्युत संरचना पर असर नहीं पड़ा है।
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