Chirag Paswan: 75 फीसदी आरक्षण बिल पर चिराग पासवान ने साफ किया अपना रुख, सीएम नीतीश को लेकर कह दी बड़ी बात
बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिए बयान पर जहां विपक्ष जोरदार हंगामा कर रहा है वहीं अब आरक्षण बिल को लेकर भी नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आने लगी है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान का बयान सामने आया है। उन्होंने आरक्षण बिल को लेकर बयान दिया है। उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर भी जोरदार हमला बोला है।
डिजिटल डेस्क, पटना। आरक्षण संशोधन बिल के समर्थन को लेकर नेताओं की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। इस मुद्दे पर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।
चिराग पासवान ने कहा कि अगर यह मामला शीर्ष अदालत तक जाती है तो राज्य सरकार और उनकी कैबिनेट मजबूती से अपना पक्ष रखेगी। हम सब भी उनके साथ हैं, लेकिन यह बिल सिर्फ राजनीतिक जुमला और राजनीतिक फायदे और चुनावी लाभ के लिए नहीं होनी चाहिए।
चिराग पासवान ने कहा- यह अच्छा कदम लेकिन सियासी फायदे के लिए न हो
चिराग पासवान ने कहा कि आरक्षण का दायरा बढाई गई यह अच्छी बात है, लेकिन इसको इस तरीके से न बढाए जो सिर्फ सियासी फायदे के लिए हो। अगर ऐसा हुआ तो फिर यह सही नहीं है।
नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति सही नहीं: चिराग पासवान
चिराग पासवान ने कहा कि मुख्यमंत्री इस तरह के घटिया बयान देने के बाद भले ही माफी मांग ली लेकिन यह दर्शाता है कि चौतरफा घिरने के बाद नीतीश कुमार ने अपने बयान पर माफी मांगी लेकिन उससे अधिक चिंता की बात यह है कि एक बुजुर्ग व्यक्ति सही मायने में नहीं कह रहा हूं लेकिन सही में इनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। उनके बयान से साफ लगता है कि उन्हें इलाज की जरूरत है।
बिहार में 75 फीसदी आरक्षण वाला बिल हुआ पास
बता दें कि कल यानी गुरुवार को विधानसभा में 75 फीसदी आरक्षण वाला बिल सर्वसम्मति से पास हो गया। यानी बिहार में अब पिछड़ा वर्ग को 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी आरक्षण मिलेगा। वहीं 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को मिलेगा। यानी कहें तो बिहार में कुल आरक्षण 75 फीसदी हो गया है।
सवर्ण गरीबों के लिए 75 फीसदी आरक्षण यथावत बना रहेगा
बता दें कि आरक्षण बढ़ने के बावजूद सवर्ण गरीबों को इसका फायदा नहीं मिलने वाला है। सवर्ण गरीबों के लिए 75 फीसदी आरक्षण यथावत बना रहेगा। वहीं पिछड़े वर्ग की महिलाओं को मिलने वाला तीन प्रतिशत आरक्षण पिछड़ों के लिए पहले से जारी आरक्षण में समायोजित कर दिया जाएगा। क्योंकि, राज्य सरकार पहले से ही महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दे रही है।
प्रस्ताव पास होने के बाद स्थिति
अनुसूचित जाति को पहले 16 फीसदी का आरक्षण था जो कि बढ़कर 20 प्रतिशत हो जाएगा। अनुसूचित जनजातियों का 1 से बढ़कर 2 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। पिछड़ा, अति पिछड़ा वर्ग को 30 से बढ़ाकर 43 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा आर्थिक कमजोर वर्ग 10 का 10 ही बना रहेगा
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