Bihar Pension News: सरकारी कर्मचारियों की पेंशन के नियम में होगा बड़ा बदलाव, घरवालों पर पड़ेगा सीधा असर
बिहार के सरकारी कर्मचारियों के दिव्यांग आश्रितों को शादी के बाद भी पेंशन मिलेगी। फैमिली पेंशन के नियमों में संशोधन किया जाएगा। यह प्रस्ताव वित्त विभाग ने तैयार किया है जिसे यथाशीघ्र मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। यदि माता-पिता दोनों को पेंशनभोगी हों तो दिव्यांग आश्रित दोनों की पेंशन के हकदार होंगे। अभी शादी के पहले तक ही दिव्यांग पारिवारिक पेंशन के पात्र होते हैं।

राज्य ब्यूरो, पटना। सरकारी सेवकों के दिव्यांग आश्रितों (Bihar Employees Pension News) को शादी के बाद भी पेंशन मिलेगी। सेवानिवृत्ति के बाद माता-पिता को जो पेंशन मिलेगी, उससे वे इस लाभ के हकदार होंगे। इसके लिए पारिवारिक पेंशन (फैमिली पेंशन) के नियमों में संशोधन का प्रस्ताव है।
यह प्रस्ताव वित्त विभाग ने तैयार किया है, जिसे यथाशीघ्र मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। यदि माता-पिता दोनों को पेंशनभोगी हों तो दिव्यांग आश्रित दोनों की पेंशन के हकदार होंगे।
अभी क्या है नियम? (Bihar Pension Rules)
अभी शादी के पहले तक ही दिव्यांग पारिवारिक पेंशन के पात्र होते हैं। शादी हो जाने के बाद उन्हें पारिवारिक पेंशन का लाभ नहीं मिलता है। अब दिव्यांगों के हित में सरकार यह महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाली है।
उद्देश्य यह है कि पेंशन की व्यवस्था रहने पर दिव्यांगों की शादी की संभावना अधिक होगी और जीवन-निर्वहन के लिए वे किसी के मोहताज नहीं होंगे।
मृत्यु के कारणों का शत प्रतिशत मेडिकल प्रमाण पत्र होगा तैयार
बिहार में होनेवाली मौत का मेडिकल सर्टिफिकेशन (एमसीसीडी) शत प्रतिशत सुनिश्चित किया जाएगा। अभी सिर्फ सिर्फ 3.4 प्रतिशत का ही मेडिकल सर्टिफिकेशन होता है। इससे राज्य में मृत्यु पंजीकरण की सटीकता अन्य राज्यों की तुलना में पीछे है। इस स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने मृत्यु के कारणों के सटीक दस्तावेजीकरण के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की है।
जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग, अर्थ एवं सांख्यिकी विभाग, जनगणना संचालन निदेशालय और टाटा मेमोरियल सेंटर के संयुक्त प्रयास से चिकित्सकों और डेटा एंट्री आपरेटरों की क्षमता बढ़ाने को लेकर यह कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें मृत्यु पंजीकरण की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने, और मृत्यु के कारणों के डेटा की गुणवत्ता को सुधारने का लक्ष्य निर्धारित किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में निर्णय लिया गया कि मेडिकल कालेजों में मृत्यु पंजीकरण की मासिक रिपोर्टिंग और निगरानी के लिए एक प्रारूप तैयार किया जाएगा। रिपोर्ट हर महीने स्वास्थ्य विभाग के साथ साझा की जाएगी।
कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव शशांक शेखर सिन्हा, जनगणना संचालन निदेशक और बिहार के संयुक्त रजिस्ट्रार जनरल (जन्म और मृत्यु) एम रामचंद्रडू, निदेशक प्रमुख डा सुनील कुमार झा और टाटा मेमोरियल सेंटर के प्रभारी डा रिवकांत सिंह उपस्थित रहे।

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