BPSC Paper Leak Case: पेपर लीक के संगठित गिरोह का बना डाटाबेस, अपराधियों के दोषी नाते-रिश्तेदार भी जाएंगे जेल
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने पेपर लीक करने वाले संगठित गिरोह का डाटाबेस तैयार किया है। इसमें पड़ोसी राज्यों की मदद से अपराधियों के हुलिये और अन्य जानकारियां जुटाई गई हैं। डाटाबेस को अन्य राज्यों के साथ साझा किया गया है ताकि अपराधियों की निगरानी की जा सके। बताया जा रहा है दोषियों पर अभी और एक्शन होना बाकी है।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने पेपर लीक करने वाले संगठित गिरोह का वृहद डाटाबेस बनाया है। इसमें पड़ोसी राज्यों की मदद से उनके हुलिये से लेकर अन्य जानिकारियां जुटाई गई है।
डाटाबेस को उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, हरियाणा, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से साझा भी किया गया है, ताकि ऐसे अपराधियों की सतत निगरानी की जा सके। पुलिस मुख्यालय में सोमवार को आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता में एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन, ईओयू के एडीजी सुनील कुमार और डीआइजी मानवजीत सिंह ढिल्लन ने यह जानकारी दी।
एडीजी कुंदन कृष्णन ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा लाए गए बिहार लोक परीक्षा अधिनियम के तहत पेपर लीक में शामिल अपराधियों की संपत्ति तो जब्त की ही जाएगी। ऐसे अपराधियों की फैमिली ट्री (वंशावली) बनाकर काली कमाई का लाभ उठाने वाले लोगों पर भी कार्रवाई होगी।
ऐसे अपराधियों के दादा से पोते तक की आय-व्यय का ब्योरा निकालते हुए दोषी नाते-रिश्तेदारों पर भी चार्जशीट की जाएगी। इसमें पांच साल तक की सजा का भी प्रविधान है। उन्होंने पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा कि हाल ही में हुई बीपीएससी परीक्षा में पेपर लीक से जुड़ा कोई भी साक्ष्य नहीं मिला है।
तीन कोचिंग संस्थान ईओयू के रडार पर
- ईओयू के डीआइजी मानवजीत सिंह ढिल्लन ने बताया कि पूर्व में हुई परीक्षा धांधली और पेपर लीक कांड में राज्य के तीन कोचिंग संस्थाओं की संदिग्ध भूमिका पाई गई है।
- यह तीनों कोचिंग संस्थान ईओयू की रडार पर हैं। जल्द ही इनके संचालकों के विरुद्ध वारंट जारी कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
दोषी परीक्षा एजेंसी एवं केंद्रों की भी चल-अचल सपंत्ति होगी जब्त
ईओयू के डीआइजी ने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं की धांधली में अगर परीक्षा एजेंसी या केंद्रों की भूमिका सामने आती है, तो उनकी चल-अचल संपत्ति भी जब्त की जाएगी। इसके साथ ही परीक्षा पर होने वाला खर्च भी बतौर जुर्माना वसूला जाएगा।
उन्होंने बताया कि हाल ही में हुई सामुदायिक चिकित्सा पदाधिकारी (सीएचओ) की परीक्षा में हुई धांधली में आनलाइन केंद्रों की बड़ी भूमिका सामने आई है। इसको देखते हुए कंप्यूटर आधारित टेस्ट लेने वाले सभी पंजीकृत परीक्षा केंद्रों का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है।
इसके साथ ही एजुकेशनल कंसल्टेंसी का भी डाटाबेस बनाया जा रहा है। इनका संपूर्ण ब्योरा रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज, जीएसटी आयुक्त आदि से प्राप्त किया जा रहा है, ताकि स्वामित्व का सत्यापन किया जा सके।
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