Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Teacher Transfer: लंबी दूरी पर पदस्थापित 1.62 लाख शिक्षकों ने मांगा स्थानांतरण, शिक्षा विभाग करेगा जांच

    बिहार के सरकारी स्कूलों में कार्यरत एक लाख 62 हजार से अधिक शिक्षकों ने लंबी दूरी पर पदस्थापित होने का कारण बताते हुए स्थानांतरण के लिए आवेदन किया है। शिक्षा विभाग इन आवेदनों की जांच कर रहा है और शिक्षकों को उनके विकल्प के नजदीक के विद्यालयों में स्थानांतरित करने को प्राथमिकता दी जाएगी। एक से 15 दिसंबर तक शिक्षकों से ई-शिक्षा कोष पर आवेदन लिए गए हैं।

    By Dina Nath Sahani Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 16 Dec 2024 08:39 PM (IST)
    Hero Image
    लंबी दूरी पर पदस्थापित 1.62 लाख शिक्षकों ने मांगा स्थानांतरण, शिक्षा विभाग करेगा जांच

    राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सरकारी प्रारंभिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पांच लाख 45 हजार 270 शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें से एक लाख 62 हजार 167 शिक्षकों ने घर से लंबी दूरी पर पदस्थापित होने का कारण बताते हुए शिक्षा विभाग को स्थानातरंण के लिए ऑनलाइन आवेदन दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हालांकि, विभाग के ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर कुल एक लाख 90 हजार 332 शिक्षकों ने विशेष समस्या का हवाला देते हुए स्थानातंरण के लिएआवेदन किया है। सोमवार को शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों से स्थानातंरण के लिए प्राप्त आवेदनों की संख्या जारी की गई।

    अब शिक्षा विभाग करेगा पड़ताल

    विभाग एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि शिक्षा विभाग प्राप्त आवेदनों में शिक्षकों द्वारा स्थानातंरण की इच्छा में बताए गए कारणों की पड़ताल कर रहा है। साथ ही, आवेदनों की सही जांच-पड़ताल करने के बाद शिक्षकों द्वारा दिए गए विकल्प के नजदीक के विद्यालयों में उनका स्थानातंरण करने को प्राथमिकता दी जाएगी। एक से 15 दिसंबर तक शिक्षकों से ई-शिक्षा कोष पर आवेदन लिए गए हैं।

    शिक्षा विभाग की रिपोर्ट

    शिक्षा विभाग द्वारा सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, पति-पत्नी के पदस्थापन के आधार पर 16,356 शिक्षकों के स्थानातंरण हेतु आवेदन आए हैं। कैंसर ग्रसित 760 शिक्षकों और गंभीर बीमारी वाले 2579 शिक्षकों ने आवेदन दिया है। दिव्यांगता के आधार पर नियुक्त 5575 शिक्षकों, आटिज्म-मानसिक दिव्यांगता के आधार पर 1557 शिक्षकों तथा विधवा-परितक्यता वाले 1338 शिक्षकों ने आवेदन किया है।

    बता दें कि विशेष समस्या को लेकर स्थानातंरण की इच्छा रखने वाले शिक्षकों से शिक्षा विभाग ने आनलाइन आवेदन एक से 15 दिसंबर तक मांका था। आवेदन में शिक्षकों को 10 विकल्प भी मांगे गए थे। इनमें तीन विकल्प देना अनिवार्य किया गया था।

    राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में शिक्षण-प्रशिक्षण की होगी क्वालिटी मॉनिटरिंग

    राज्य में संचालित सभी 149 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) में छात्र-छात्राओं के शिक्षण की गुणवत्ता की निगरानी हेतु श्रम संसाधन विभाग एक पोर्टल तैयार कर रहा है जिस पर प्रत्येक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान को शिक्षण-प्रशिक्षण की पूरी रिपोर्ट को अपलोड करना होगा। श्रम संसाधन विभाग द्वारा यह पोर्टल जनवरी के पहले सप्ताह में लांच किया जाएगा। मुख्यालय स्तर हर माह रिपोर्ट का असेसमेंट किया जाएगा। साथ ही विभाग की टीम हर माह औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में भी शिक्षण-प्रशिक्षण की प्रगति और उसकी गुणवत्ता की जांच करने जाएगी।

    हाल में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षुओं को तकनीकी प्रशिक्षण का मूल्यांकन करने हेतु विभाग को पत्र लिखा है। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में जल्द युवाओं के साथ-साथ 30 साल से ऊपर की उम्र के लोग भी कोर्स कर सकेंगे। राज्य के कई आइटीआइ में शार्ट टर्म कोर्स शुरू करने की योजना है, जो अगले साल से लागू होगी। जल्द ही कई आइटीआइ में सोलर टेक्नीशियन एवं प्लंबर कोर्स सहित अन्य कोर्स शुरू होने वाले हैं। यहां कम अवधि के लिए प्लंबर कोर्स भी कराया जा चुका है।

    विभाग के एक पदाधिकारी ने बताया कि योजना के तहत कम अवधि वाले कोर्स शुरू करने का मुख्य उद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना और कार्य कौशल प्रदान करना है। ये कोर्स करने के बाद युवा व प्रौढ़ स्वरोजगार स्थापित किया जा सकेगा। वहीं, ज्यादा लोग कंपनियों में नौकरी के लिए आवेदन कर पाएंगे। कोर्स में अभ्यर्थियों को पूर्ण प्रशिक्षण व तकनीक की जानकारी दी जाएगी। आइटीआइ की ओर से अभ्यर्थियों को कोर्स पूरा करने पर प्रमाण पत्र भी दिए जाएंगे।