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    Cyber Forensic Lab: अब बिहार में ही होगी साइबर सैंपलों की जांच, 13 करोड़ की लागत से पटना और राजगीर में खुलने जा रही लैब

    Updated: Fri, 16 Aug 2024 08:51 PM (IST)

    साइबर अपराधों की वैज्ञानिक जांच के लिए जल्द ही बिहार में पहली साइबर फारेंसिक लैब खुलने जा रही है। इसके बाद साइबर अपराध के दौरान जब्त सैंपल (प्रदर्शों) की जांच बिहार में ही हो सकेगी। लैब बनाने के लिए 13.66 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है। बताया जा रहा है कि 14 महीने लैब तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    राज्य ब्यूरो, पटना। पुलिस मुख्यालय के अनुसार, पटना और राजगीर की विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) में साइबर फारेंसिक लैब की दो इकाइयों की स्थापना की जाएगी।

    इसके लिए 13 करोड़ 66 लाख 50 हजार 752 रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। अगले 14 माह में दोनों साइबर फारेंसिक लैब की स्थापना कर ली जाएगी।

    दरअसल, नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद एफएसएल पुलिस जांच का अहम अंग हो गया है। सात साल से अधिक सजा वाले अपराध में एफएसएल जांच अनिवार्य कर दिया गया है।

    साइबर अपराध से संबंधित मामलों में भी सैंपल की जांच रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करनी होती है। अभी तक राज्य में साइबर अपराध से संबंधित सैंपल की जांच की व्यवस्था नहीं थी। इसके लिए साइबर सैंपलों को दूसरे राज्यों में भी जांच के लिए भेजा जाता था। इससे जांच ससमय पूरी नहीं हो पाती थी।

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    इसके अलावा सैंपल भी बड़ी संख्या में जांच के लिए लंबित रह जाते हैं। सैंपल की समय से जांच नहीं होने के कारण साइबर अपराध से जुड़ी जांच और ट्रायल भी बाधित होती है।

    कई बार सैंपल क्षतिग्रस्त होने की संभावना भी रहती है। इसी कमी को देखते हुए राज्य में ही पटना और राजगीर में पहले से चल रही विधि विज्ञान प्रयोगशाला में इसकी इकाई स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।

    राष्ट्रीय फारेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय बना परामर्शी

    बिहार के पहले मान्यता प्राप्त साइबर लैब की स्थापना के लिए राष्ट्रीय फारेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय, गांधीनगर को परामर्शी नियुक्त किया गया है। यह संस्थान पांच वर्षों तक प्रयोगशालाओं को हैंडहोल्डिंग सपोर्ट तो देगा ही, इसके अलावा 12 साइंटिफिक अफसर व साइबर एक्सपर्ट भी उपलब्ध कराएगा।

    पटना और राजगीर दोनों ही इकाइयों में छह-छह साइबर विशेषज्ञ प्रतिनियुक्त किए जाएंगे। राष्ट्रीय फारेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय ने इसके पूर्व देश के कई राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों जैसे एनआइए, जीएसटी काउंसिल, ईडी और दिल्ली पुलिस को अपना स्वतंत्र साइबर फारेंसिक लैब स्थापित करने में सहयोग दिया है।

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