बिहार के इस बैंक के 251 खातों में हो गया फ्रॉड, साढ़े 5 करोड़ रुपये उड़ाए; कहीं आप तो नहीं बने ठगों का शिकार?
बिहार में फिनो पेमेंट बैंक के खातों से साइबर ठगी का मामला सामने आया है जिसमें अपराधियों ने फिंगर प्रिंट और आधार क्लोनिंग के माध्यम से 17 जिलों के 251 खातों से 5.58 करोड़ रुपये से अधिक की राशि निकाली है। बैंक मैनेजर ने आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) में मामला दर्ज कराया है जिसके बाद जांच शुरू हो गई है।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में निजी बैंक के खातों से साइबर ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। फिंगर प्रिंट और आधार की क्लोनिंग कर फिनो पेमेंट बैंक के 17 जिले के 251 खातों से अपराधियों ने पांच करोड़ 58 लाख 46 हजार 844 रुपये की राशि का गबन किया गया है।
इस मामले में बैंक मैनेजर ने बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) में प्राथमिकी दर्ज कराई है। ईओयू ने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच शुरू कर दी है। निजी बैंक मैनेजर मनीष रोशन ने इसकी शिकायत नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) में भी ऑनलाइन दर्ज की है।
इसके बाद करीब 38 लाख 87 हजार रुपये की रिकवरी हुई है। जानकारी के अनुसार, फिनो पेमेंट बैंक में सर्वाधिक फर्जीवाड़े की शिकायत अररिया जिले में पकड़ी गई है। यहां 140 बैंक खातों से करीब तीन करोड़ से अधिक की निकासी साइबर अपराधियों ने की है।
क्लोनिंग के जरिए हुई निकासी
इसके बाद पूर्णिया में 49 और किशनगंज में 25 शिकायतें दर्ज की गई हैं। इसके अलावा भागलपुर, पूर्वी चंपारण, गया, गोपालगंज, जमुई, कटिहार, खगड़िया, लखीसराय, मधेपुरा, मुंगेर, नवादा, पटना, सुपौल और पश्चिमी चंपारण में भी खातों से क्लोनिंग के जरिए राशि की निकासी हुई है।
दरअसल, फिनो पेमेंट बैंक आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम के माध्यम से गांवों में बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराता है। इसके लिए गांवों में व्यापार इकाईयां नियुक्त की जाती हैं। इन व्यापार इकाईयों से जुड़ने वाले ग्रामीण बायोमेट्रिक या आधार सत्यापन के जरिए पैसे की जमा और निकासी करते हैं।
बैंक का आरोप है कि फर्जी दस्तावेजों की मदद से आधार और बायोमेट्रिक क्लोनिंग कर अपराधियों ने खातों से पैसे की निकासी की है।
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