Updated: Wed, 24 Sep 2025 08:29 AM (IST)
बिहार में आर्थिक अपराध इकाई ने साइबर अपराध सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है। समस्तीपुर पूर्णिया और वाराणसी में छापेमारी कर तीन गिरफ्तार किए गए। सिम बॉक्स के माध्यम से देशव्यापी धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है जिससे हर महीने 1.2 लाख से अधिक फर्जी कॉल किए जा रहे थे। मास्टरमाइंड अंजनी कुमार फरार है। दूरसंचार विभाग को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा था।
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने दूरसंचार विभाग के सहयोग से साइबर अपराध के सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है। बुधवार को समस्तीपुर के रोसड़ा, पूर्णिया के वायसी और उत्तर प्रदेश के वाराणसी में की गई कार्रवाई में सिम बाक्स के माध्यम से देशव्यापी धोखाधड़ी करने वाले दो सदस्यों के साथ एक पीओएस संचालक को गिरफ्तार किया गया।
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इस कार्रवाई से अंतरराष्ट्रीय एवं अंतरराज्यीय संबंधों वाले एक बड़े धोखाधड़ी नेटवर्क का राजफाश हुआ है। कार्रवाई के दौरान रोसड़ा (समस्तीपुर) के चंद्रबली सिंह, हसनपुर (समस्तीपुर) के मुन्ना कुमार और बायसी चिरैया (पूर्णिया) के काफिफ शेख को गिरफ्तार किया है। इनमें मुन्ना कुमार पीओएस (प्वाइंट आफ सेल) संचालक है। हालांकि, गिरोह का मास्टरमाइंड रोसड़ा (समस्तीपुर) का अंजनी कुमार स्वतंत्र फरार होने में सफल रहा।
पोटेंशियल सिम बाक्स सेटअप कर हो रही थी साइबर ठगी ईओयू को पटना से सूचना मिली थी कि समस्तीपुर, पूर्णिया और वाराणसी में पोटेंशियल सिम बाक्स सेटअप करके साइबर ठगी, डिजिटल अरेस्ट जैसे अपराध किए जा रहे हैं।
इन सिम बाक्स डिवाइस के माध्यम से गिरोह द्वारा एक समानांतर टेलीफोन एक्सचेंज का संचालन किया जा रहा है। इस एक्सचेंज से कंबोडिया, थाइलैंड समेत अन्य देशों में अवस्थित साइबर स्कैम के अड्डों से विभिन्न हिस्सों के नागरिकों से व्यापक पैमाने पर साइबर धोखाधड़ी की जा रही है।
प्रारंभिक जांच में यह पुष्टि हुई कि इन सिम बाक्स के माध्यम से हर महीने 1.2 लाख से अधिक फर्जी काल किए जा रहे हैं। जिसका इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के साइबर अपराध जैसे डिजिटल अरेस्ट, निवेश फ्राड को अंजाम देने के लिए किया जा रहा है। इससे दूरसंचार विभाग को भारी राजस्व की क्षति हो रही थी। फिलहाल, इसका आकलन किया जा रहा है।
साइबर एसपी के नेतृत्व में बनाई गई एसआइटी ईओयू की साइबर विंग ने सूचना मिलने के बाद एसपी (साइबर) के नेतृत्व में एक एसआइटी का गठन किया गया। टीम ने दूर संचार मंत्रालय के अफसर-कर्मियों की मदद से गुप्त सूचना का आकलन करने के बाद समस्तीपुर के संदिग्ध चंद्रबली सिंह से पूछताछ की।
उन्होंने जानकारी दी कि अंजनी कुमार जो कि समस्तीपुर का रहने वाला है, वह सिम बाक्स गिरोह का मास्टरमाइंड है। उसके द्वारा बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में कई सिम बाक्स का संचालन किया जा रहा है। अंजनी के कहने पर ही उसको सिम बाक्स, राउटर व कई सिम उपलब्ध कराया था।
बाद में यह सिम बाक्स वाराणसी, जबकि दूसरा सिम बाक्स पूर्णिया के बायसी में शिफ्ट कर दिया गया। सभी सिम बाक्स का नियंत्रण अंजनी कुमार के हाथ में है।
अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी
इसके बाद दो अलग-अलग टीमों ने उत्तर प्रदेश की वाराणसी पुलिस के सहयोग से लहरतारा, महमुरगंज रोड, पंचपेडवा के पास छापेमारी की। इस कार्रवाई में एक सिम बाक्स, सिम बाक्स के 16 एंटीना, एक राउटर, बीएसएनएल के 13 सिम एवं अन्य इलेक्ट्रानिक डिवाइस बरामद किए गए।
वहीं, बायसी (पूर्णिया) पहुंची टीम ने संदिग्ध हासिफ महफूज के मोबाइल दुकान पर छापेमारी कर एक सिम बाक्स, एक राउटर, कई सिम एवं अन्य इलेक्ट्रनिक डिवाइस बरामद किया।
ईओयू के मुताबिक अंजनी कुमार ने ही पश्चिम बंगाल के सिलीगुडी में पांच सिम बाक्स लगाए थे। यह सिम बाक्स बंगाल एसटीएफ ने बरामद किया।
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