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    Bihar News: बिहार में 10 कैटेगरी में बंटी साइबर क्राइम की शिकायतें, जान लीजिए क्या है नया नियम

    Updated: Fri, 31 Jan 2025 10:14 AM (IST)

    Bihar News बिहार में साइबर अपराध तेजी से बढ़ता जा रहा है। इन घटनाओं को देखते हुए सरकार ने शिकायतों को दर्ज करने की प्रक्रिया में बदलाव किया है। अब साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर आने वाली शिकायतों को दस श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाएगा जिनमें आधार आधारित पेमेंट सिस्टम यूपीआइ आधारित ठगी डीमैट या जमा करने से संबंधित धोखाधड़ी आदि शामिल हैं।

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    साइबर क्राइम पर शिकंजा कसने की तैयारी (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: साइबर अपराध के बढ़ते दायरे और शिकायतों को देखते हुए इससे जुड़ी शिकायतों को दर्ज करने की व्यवस्था में बदलाव किया गया है। साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर आने वाली साइबर ठगी की शिकायतों का अब श्रेणी के आधार पर वर्गीकरण किया जाएगा। इसके लिए दस तरह की श्रेणी बनाई गई हैं। इन्हीं श्रेणियों के आधार पर प्राप्त सभी शिकायतों का पहले वर्गीकरण करने के बाद ही इन्हें दर्ज किया जाएगा।

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    इसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाले साइबर क्राइम रिकार्ड पोर्टल (एनसीआरपी) ने मानक संचालन नियमावली (एसओपी) जारी की है।

    इस तरह के धोखाधड़ी शामिल

    जानकारी के अनुसार, साइबर अपराध को लेकर जो श्रेणियां बनाई गई हैं, उनमें आधार आधारित पेमेंट सिस्टम, यूपीआइ आधारित ठगी, डीमैट या जमा करने से संबंधित धोखाधड़ी, फ्रॉड काल या फिशिंग, ई-वैलेट संबंधित धोखाधड़ी, व्यवसायी या आफर से जुड़े ई-मेल के जरिए, इंटरनेट बैंकिंग संबंधित ठगी, डेबिट या क्रेडिट कार्ड से किए जाने वाले अपराध और सिम स्वैप करके की जाने वाली धोखाधड़ी शामिल हैं।

    इसके अलावा डिजिटल अरेस्ट, लाटरी जीतने, सदस्य बनाकर कमाई करने जैसे अन्य मामलों को दर्ज करने के लिए भी अलग श्रेणी बनाई गई है।

    साइबर क्राइम से कैसे बचें

    • मजबूत और अद्वितीय पासवर्ड का उपयोग करें और उन्हें नियमित रूप से बदलें।
    • दो-कारक प्रमाणीकरण का उपयोग करें, जो आपके अकाउंट को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है।
    • केवल सुरक्षित वेबसाइटों (HTTPS) पर जाएं और अनजान लिंक्स पर क्लिक न करें।
    • अपने डिवाइस पर वायरस स्कैनर स्थापित करें और नियमित रूप से स्कैन करें।
    • अपने ऑपरेटिंग सिस्टम और सॉफ्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट करें।
    • अज्ञात ईमेलों को न खोलें और अनजान लिंक्स पर क्लिक न करें।
    • सोशल मीडिया पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें और अनजान लोगों को अपने अकाउंट में जोड़ने से पहले सावधानी से विचार करें।
    • पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग करते समय संवेदनशील जानकारी साझा न करें।
    • अपने महत्वपूर्ण डेटा का बैकअप नियमित रूप से बनाएं।
    • साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूक रहें और अपने परिवार और मित्रों को भी जागरूक करें।

    साइबर फ्रॉड होने पर क्या करें?

    • तुरंत रिपोर्ट करें: साइबर क्राइम की घटना होने पर तुरंत पुलिस या साइबर सेल में रिपोर्ट करें।
    • साइबर सेल को संपर्क करें: अपने क्षेत्र के साइबर सेल को संपर्क करें और उन्हें घटना की जानकारी दें।
    • पुलिस में एफआईआर दर्ज करें: पुलिस में एफआईआर दर्ज करें और घटना की जानकारी दें।
    • बैंक और क्रेडिट कार्ड कंपनी को संपर्क करें: यदि आपका बैंक अकाउंट या क्रेडिट कार्ड हैक हुआ है, तो तुरंत बैंक और क्रेडिट कार्ड कंपनी को संपर्क करें।
    • अपने अकाउंट को सुरक्षित करें: अपने अकाउंट को सुरक्षित करने के लिए तुरंत पासवर्ड बदलें और दो-कारक प्रमाणीकरण सक्षम करें।
    • साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ से संपर्क करें: यदि आप साइबर क्राइम की घटना को समझने में असमर्थ हैं, तो साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ से संपर्क करें।
    • अपने डेटा का बैकअप बनाएं: अपने महत्वपूर्ण डेटा का बैकअप बनाएं, ताकि यदि आपका डेटा हैक हो जाए, तो आप उसे पुनः प्राप्त कर सकें।
    • साइबर क्राइम की रिपोर्ट करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग करें: भारत सरकार ने साइबर क्राइम की रिपोर्ट करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया है, जिसे आप उपयोग कर सकते हैं।

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