Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बिहार में चुनाव से पहले क्राइम कंट्रोल की कवायद, ढूंढ निकाले 23345 अपराधी; अब एक्शन शुरू

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 12:16 PM (IST)

    विधानसभा चुनाव को देखते हुए पटना जिला प्रशासन ने अपराधियों और उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। 23 हजार से अधिक अपराधियों की पहचान हुई जिनमें से लगभग 9 हजार से बांड भरवाया गया है। अधिकारियों को असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रखने और शराब माफिया जैसे संगठित गिरोहों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। ईवीएम वेयरहाउस की सुरक्षा व्यवस्था का भी निरीक्षण किया गया।

    Hero Image
    चुनाव विशेष...जिले में 23, 345 उपद्रवी चिह्नित, 8,931 से भराया गया बांड

    जागरण संवाददाता, पटना। विधानसभा चुनाव को लेकर जिला प्रशासन व पुलिस-प्रशासन आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों, माफिया व चुनाव को प्रभावित करने वाले अन्य लोगों के खिलाफ बड़े पैमाने पर निरोधात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है।

    गुरुवार को जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम व एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा ने संयुक्त बैठक कर विधि-व्यवस्था संधारण, आदर्श आचार संहिता अनुपालन, व्यय अनुश्रवण समेत तमाम चुनावी तैयारियों की समीक्षा की।

    धारा 135 के तहत बांड भराया

    इसमें बताया गया कि अब तक जिले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 126 के तहत 23 हजार 345 अपराधियों व उपद्रवियों को चिह्नित किया गया है। इनमें से 8,931 लोगों से बीएनएसएस की धारा 135 के तहत बांड भराया जा चुका है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि थानों में नियमित रूप से कैंप कोर्ट लगाकर अधिक से अधिक संख्या में उपद्रवियों से सुरक्षा बांड भरवाया जाए ताकि चुनावी माहौल में किसी प्रकार की अराजकता की गुंजाइश नहीं रहे।

    148 प्रस्तावों पर आदेश पारित

    उन्होंने बताया कि जनवरी से अब तक क्राइम कंट्रोल एक्ट यानी सीसीए-3 के तहत 148 प्रस्तावों पर आदेश पारित किए जा चुके हैं। डीएम ने चुनाव को देखते हुए अधिकारियों से निरोधात्मक कार्रवाई पर विशेष ध्यान देते हुए असामाजिक तत्वों पर प्रभावी कार्रवाई करने का आदेश दिया।

    साथ ही उन्होंने शस्त्र लाइसेंस व दुकानों के सत्यापन पर विशेष ध्यान देते हुए शस्त्र अधिनियम का सख्ती से अनुपालन कराने का आदेश दिया। इसके अलावा जिले में मद्य निषेध अधिनियम के प्रावधानों को सख्ती से लागू कराने को कहा गया।

    डीएम ने कहा कि चुनाव के दौरान शांति भंग करने की किसी भी चेष्टा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसा करने वाले तत्वों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

    उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पूर्व इतिहास को देखते हुए भू-माफिया, बालू माफिया, शराब माफिया, मद्य निषेध के संगठित गिरोहों, व गैर-कानूनी आर्थिक गतिविधियों-अपराध में संलिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

    ईवीएम-वीवीपैट वेयर हाउस की सुरक्षा व्यवस्था त्रुटिविहीन घोषित

    प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी व मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ फुलवारीशरीफ स्थित ईवीएम-वीवीपैट वेयरहाउस का निरीक्षण किया।

    भारत निर्वाचन आयोग के मानकों के अनुसार यहां सुदृढ़ एवं त्रुटिहीन सुरक्षा व्यवस्था है। अधिकारियों को आयोग के दिशा निर्देशों का अक्षरश अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।

    मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि आयोग के दिशा-निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन अनिवार्य है और सुरक्षा व्यवस्था में किसी तरह का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

    अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित सभी मानकों के अनुसार यहां मजबूत एवं त्रुटिहीन सुरक्षा-व्यवस्था की गई है।

    भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 126

    भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 126 एक पूर्वनियोजित रोकथाम कानून है जो अशांति फैलाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई कर शांति बनाए रखने के साथ होने के पहले ही अपराधों को नियंत्रित करता है।

    इसके तहत मजिस्ट्रेट को अपराध या अशांति होने की आशंका पर उसे रोकने के लिए घटित होने के पहले ही आदेश देने या सिक्योरिटी बांड भरवाने का अधिकार है।

    आदेश के उल्लंघन पर सख्त कानूनी कार्रवाई जैसे न्यायिक हिरासत या बांड जब्ती की जा सकती है। यह धारा झगड़ों, दंगों, संपत्ति विवादों व भड़काऊ व्यवहार जैसे सोशल मीडिया पोस्ट पर भी लागू होती है।

    • धारा 135 : भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 135 के तहत भी असामाजिक तत्वों को सुरक्षा बंधन भरवाने और उनकी निगरानी करने का प्रावधान है। यह धारा 126 के तहत कार्रवाई को पूरा करती है।
    • सीसीए-3 : सीसीए यानी क्राइम कंट्रोल अधिनियम की धारा 3 के तहत प्रशासन को आपराधिक रिकार्ड रखने वाले लोगों के खिलाफ नोटिस जारी करने, थाने में नियमित हाजिरी लगवाने, निगरानी करने व जरूरत पड़ने पर कड़ी कार्रवाई का अधिकार है।

    इसके तहत कई बार अपराधियों को जिले, या किसी क्षेत्र से निष्कासित किया जा सकता है ताकि वे अपराध नहीं कर सकें।