Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Politics: 'Nitish Kumar हर पद के लिए योग्य', कांग्रेस नेता का दावा, कहा- I.N.D.I.A में कोई खटपट नहीं

    नीतीश कुमार को आईएनडीआईए का संयोजक नियुक्त किए जाने के प्रश्न पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर पद के योग्य हैं। आईएनडीआईए में कोई खटपट नहीं है। जो पेच बताए जा रहे वैसा कुछ नहीं है और अगर पेच है भी तो वे सारे सुलझ जाएंगे। गठबंधन अटूट है और हर निर्णय उपयुक्त समय पर होगा।

    By Vikash Chandra Pandey Edited By: Mohit Tripathi Updated: Wed, 03 Jan 2024 08:12 PM (IST)
    Hero Image
    नीतीश कुमार हर पद के लिए योग्य: डॉ. अखिलेश सिंह। (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, पटना। आईएनडीआईए के संयोजक के प्रश्न पर बुधवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह का बयान नपा-तुला रहा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हर पद के योग्य बताते हुए उन्होंने कहा कि आईएनडीआईए में कोई खटपट नहीं। जो पेच बताए जा रहे, वैसा कुछ नहीं है और अगर पेच है भी, तो वे सारे सुलझ जाएंगे। गठबंधन अटूट है और हर निर्णय उपयुक्त समय पर होगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सीटों पर समझौते के लिए अधिकृत लोग अपना काम कर रहे। हर बात सार्वजनिक होती भी नहीं। नीतीश में हर तरह की योग्यता है ओर वे सभी दायित्वों के निर्वहन में सक्षम-समर्थ हैं। उनकी राजनीतिक समझ पर प्रश्न हो ही नहीं सकता। आईएनडीआईए उनके प्रयास का प्रतिफल है। बिहार में महागठबंधन मजबूती से चुनाव लड़ेगा और भाजपा को मुंह की खानी पड़ेगी।

    हम हिंदू नहीं हैं क्या...

    श्रीराम मंदिर के संदर्भ में उन्होंने कहा कि हम हिंदू नहीं हैं क्या! हमें जब इच्छा होगी, तब अयोध्या चले जाएंगे! भाजपा वालों से हम ज्यादा पूजा-पाठ करते हैं, लेकिन ढोंग और दिखावा नहीं करते। प्रेसवार्ता में डा. शकील अहमद खान, डा. मदन मोहन झा, ब्रजेश पाण्डेय, लालबाबू लाल, राजेश राठौड़, असितनाथ तिवारी, ज्ञान रंजन आदि उपस्थित रहे।

    आज अघोषित आपात-काल

    अखिलेश ने कहा कि मीडिया पर मोदी सरकार का कहर टूट पड़ा है। आलोचना व विरोध की आवाज दबाई जा रही। संसद की सुरक्षा पर उत्तर देने के बजाय सांसदों को निलंबित किया जा रहा है। आज अघोषित आपात-काल जैसी स्थिति है।

    आपात-काल में भी विरोध स्वरूप संपादकीय पृष्ठ को खाली छोड़ अखबार के शेष पन्नों पर सरकार की आलोचना होती थी। आज आलोचना करो तो ईडी-सीबीआई का छापा। आखिर भाजपा को मीडिया से इतना डर क्यों है? लगभग दस वर्षों के अपने शासन-काल में नरेन्द्र मोदी ने एक भी प्रेसवार्ता क्यों नहीं की?

    यह भी पढ़ें: BPSC TRE-1 TRE-2 : बीपीएससी से चयनित शिक्षकों के लिए खुशखबरी, नियुक्ति पत्र बांटने की तारीख तय

    Lok Sabha Election 2024 : क्या नीतीश ने I.N.D.I.A से झाड़ लिया पल्ला? जदयू ने अरुणाचल में उतार दिया लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार