राहुल गांधी 62 नेताओं संग बिहार में करेंगे शिक्षा न्याय संवाद, कन्हैया बोले- छात्रों के पैसों से पुल-सड़कें बना रही सरकार
पटना स्थित कांग्रेस मुख्यालय सदाकत में एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार ने मीडिया से बात की। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी सहित कांग्रेस के करीब 62 राष्ट्रीय स्तर के नेता बिहार में छात्रों के साथ शिक्षा न्याय संवाद करेंगे। इस दौरान कन्हैया ने राज्य की डबल इंजन सरकार पर भी हमला किया।

राज्य ब्यूरो, पटना। राहुल गांधी सहित कांग्रेस के करीब 62 राष्ट्रीय स्तर के नेता बिहार में छात्रों के साथ शिक्षा न्याय संवाद करेंगे। कार्यक्रम के तहत एससी, एसटी, ओबीसी छात्रावासों और सामुदायिक भवनों में यह संवाद होगा।
समस्याओं पर होगा संवाद
कम्यूनिटी हॉल में वृहद रूप से उनकी समस्याओं पर सीधा संवाद किया जाएगा। ये बातें मंगलवार को एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार, छात्र नेता त्रिलोकी कुमार मांझी, रंजीत पंडित, भाग्य भारती, मनीष पासवान ने पटना स्थित कांग्रेस मुख्यालय सदाकत में प्रेस से कहीं।
लोन देकर मकड़जाल में फंसा रही सरकार
कन्हैया ने आरोप लगाए कि बिहार के एससी एसटी छात्रों के लिए आवंटित पैसों का इस्तेमाल पुल और सड़क निर्माण में किया जा रहा है। छात्रों की पढ़ाई के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड देकर लोन के मकड़जाल में बिहार सरकार फंसा रही है। सरकार नौकरी लगने से पहले ही लोन रिकवरी एजेंट भेजने लगती है, जबकि शैक्षणिक सत्र इतने पीछे रह जाते हैं कि छात्र और उनके अभिभावक अतिरिक्त बोझ में दब जाते हैं।
शिक्षा व्यवस्था डबल इंजन सरकार की विफलता
कन्हैया कुमार ने कहा कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था डबल इंजन सरकार की सबसे बड़ी विफलता बन चुकी है। नालंदा और विक्रमशिला जैसी विरासत वाला बिहार आज शैक्षणिक संकट में डूबा है। नीतीश कुमार 20 साल से राज्य के मुख्यमंत्री हैं और नरेंद्र मोदी 12 साल से देश के प्रधानमंत्री, लेकिन राज्य के हालात बद से बदतर हैं।
रोजगार देने जगह, बना दिया कर्जदार
उन्होंने कहा कि राज्य के 358 प्रखंडों में एक भी डिग्री कॉलेज नहीं खुला, स्थायी शिक्षकों की भरी कमी है और तीन साल की डिग्री छह साल में पूरी हो रही है। छात्र क्रेडिट कार्ड योजना ने युवाओं को रोजगार नहीं बल्कि कर्जदार बना में झोंक दिया है।
समस्याओं के विरोध में किया जाएगा संवाद
कन्हैया ने कहा कि इसी के विरोध में शिक्षा संवाद होगा। इस दौरान छात्र नेताओं ने 50% आरक्षण की सीमा हटाने, दलित, पिछड़ा और अति-पिछड़ा समुदायों को शिक्षा और नौकरियों में बराबरी की हिस्सेदारी जैसी अनेक मांगे रखी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।