कांग्रेस का बड़ा फैसला; आठ सीटों पर नए चेहरे, नौ पर फिर पुराने उम्मीदवारों पर जताया भरोसा
महागठबंधन में सीटों को लेकर खींचतान जारी है, खासकर कांग्रेस में। दिल्ली में बैठकों के बाद भी नामांकन से पहले उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं हुई। वरिष्ठ नेताओं ने आनन-फानन में कुछ उम्मीदवारों को सिंबल बांटे। कांग्रेस ने कई सीटों पर नए चेहरों को मौका दिया है, जबकि कुछ पर पुराने चेहरों पर भरोसा जताया है। पार्टी के फैसलों से कार्यकर्ताओं में असंतोष है और विवाद की आशंका बनी हुई है।

कांग्रेस ने आठ सीटों पर फिलहाल बदल दिए उम्मीदवार
सुनील राज, पटना। महागठबंधन में सीटों का पेच लगातार बरकरार है। सर्वाधिक मामला अगर कहीं फंसा है तो वह कांग्रेस में। पहले तीन दिनों तक लगातार दिल्ली में पहले स्क्रीनिंग कमेटी इसके बाद कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक के बाद भी नामांकन के महज एक दिन पहले तक कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की कोई आधिकारिक सूची जारी नहीं की है।
अलबत्ता दिल्ली में बैठक के बाद पटना लौटे वरिष्ठ नेताओं ने आनन-फानन में 22-23 उम्मीदवारों को सिंबल जरूरत बांट दिए। उम्मीद की जा रही है कि आज यानी गुरुवार की शाम तक कांग्रेस समेत गठबंधन के अन्य सहयोगी दल एक संयुक्त प्रेस काफ्रेंस कर उम्मीदवारों के नाम जारी कर सकते हैं।
कांग्रेस ने अब तक जिन सीटों पर उम्मीदवारों को सिंबल बांटे हैं उनमें राजेश राम कुटुंबा, शकील अहमद कदवा विधानसभा से प्रत्याशी बनाए गए हैं। इनके अलावा बिक्रम से अनिल कुमार, वैशाली विधानसभा से संजीव सिंह, रीगा से अमित कुमार टुन्ना, फुलपरास से सुबोध मंडल, राजापाकर से प्रतिमा कुमारी दास, बेगूसराय से अमिता भूषण, सुल्तानगंज से ललन कुमार, बरबीघा से त्रिशुलधारी सिंह, औरंगाबाद से आनंद शंकर, फुलपरास से सुबोध मंडल, वजीरगंज से शशि शेखर सिंह, लखीसराय से अमरेश कुमार, बछवाड़ा से शिव प्रकाश गरीबदास, रोसड़ा से बीके रवि, अमरपुर से जितेंद्र सिंह, गोविंदगंज से शशि भूषण राय, मुजफ्फरपुर से बिजेंद्र चौधरी, गोपालगंज से ओम प्रकाश गर्ग, नालंदा से कौशलेंद्र कुमार उर्फ छोटे मुखिया को सिंबल दिए गए है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पार्टी ने इस बार फिलहाल जारी सिंबल के अनुसार आठ विधानसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवारों के टिकट काट नए चेहरों पर दांव लगाया है। जबकि दो विधानसभा क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां से पार्टी ने 2020 के चुनाव में पराजित चेहरों पर वापस भरोसा जताते हुए सिंबल दे दिया है।
जिन सीटों पर नए उम्मीदवार मैदान में उतारे गए हैं उनमें विक्रम, बरबीघा, नौतन, गोविंदगंज, फुलपरास, नालंदा और रोसड़ा हैं। विक्रम विधानसभा क्षेत्र से 2020 में सिद्धार्थ सौरव ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत प्राप्त की थी। लेकिन विधानसभा में विश्वास मत के दौरान उन्होंने कांग्रेस को अलविदा कह दिया था। अब वे जदयू के टिकट पर विक्रम से किस्मत आजमा रहे हैं। इस सीट पर कांग्रेस ने इस बार अनिल शर्मा को सिंबल दिया है।
इसके अलावा बरबीघा सीट से 2020 में गजानंद शाही ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और पराजित रहे थे। उनके स्थान पर इस बार त्रिशुलधारी सिंह, नौतन में शेख कामरान के स्थान पर अमित गिरि, गोविंदगंज में पार्टी के पुराने नेता ब्रजेश पांडेय का टिकट काटकर शशिभूषण राय को टिकट दिया गया है।
गोपालगंज से 2020 में कांग्रेस के टिकट पर आसिफ गफूर उम्मीदवार थे और पराजित रहे थे। लिहाजा इन पर भरोसा न करते हुए पार्टी ने गोपालगंज से ओम प्रकाश गर्ग को उम्मीदवार सौंपी है। फुलपरास में पिछले चुनाव पार्टी ने पुराने नेता कृपा नाथ पाठक को उम्मीदवारी दी थी परंतु वे पराजित रहे।
पार्टी ने इस बार यहां से सुबोध मंडल को मैदान मारने का जिम्मा दिया है। इनके अलावा नालंदा से पार्टी के पुराने नेता और युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे गुंजन पटेल का टिकट काट कौशलेंद्र उर्फ छोटे मुखिया और रोसड़ा से नागेंद्र विकल का टिकट काटकर भारतीय सेवा के पूर्व अधिकारी बीके रवि को टिकट दिया है।
दूसरी ओर पार्टी ने 2020 के नौ उम्मीदवार जो हारे या जीते उन पर दोबारा दांव लगाया है। कांग्रेस के विरष्ठ नेताओं के निर्णय से पार्टी के अंदर लगातार आक्रोश बढ़ रहा है। बुधवार को भी दिल्ली से लौटने वाले नेताओं को उम्मीदवार और पार्टी कार्यकर्ताओं को विरोध का सामना करना पड़ा था। इससे पहले सुबह कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में भी हंगामा हुआ था। यह आग अब भी सुलग रही है। जैसे-जैसे उम्मीदवारों के नाम सामने आएंगे विवाद की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।
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