Bihar News: शिक्षा विभाग और राज्यपाल आर्लेकर के बीच ठनी रार! कहीं फिर न लड़खड़ा जाए विश्वविद्यालयों का शैक्षणिक सत्र
यूजीसी ने अगस्त के पहले हफ्ते तक विश्वविद्यालयों में नये सत्र की शुरुआत करने को लेकर एडवाइजरी जारी की है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि बिहार के विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र फिर लडखड़ाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां के विश्वविद्यालयों में पहले से ही परीक्षाएं लेट चल रही हैं। ऊपर से शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के सभी खातों को फ्रीज कर दिया है।
राज्य ब्यूरो, पटना। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने अगस्त के पहले हफ्ते तक विश्वविद्यालयों में नये सत्र की शुरुआत करने की एडवाइजरी जारी की है। लेकिन, बिहार के विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र फिर लडख़ड़ाएगा, क्योंकि यहां के विश्वविद्यालयों में पहले से ही परीक्षाएं विलंबित चल रही हैं। ऊपर से शिक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालयों के सभी खातों को फ्रीज कर दिया गया है।
इससे विश्वविद्यालयों में वित्तीय कामकाज ठप है। परीक्षाएं प्रभावित हो रही हैं। अप्रैल-मई में होने वाली स्नातक व स्नातकोत्तर संकाय की परीक्षाएं अगले आदेश तक स्थगित होने लगी हैं। इस मामले में राजभवन सचिवालय भी गंभीर है।
महीनेभर ज्यादा समय से विवि में वित्तीय कामकाज ठप्प
राज्य के विश्वविद्यालयों में 37 दिनों से वित्तीय कामकाज ठप है। इस मामले में सरकार ने भी संज्ञान नहीं लिया है। जबकि राजभवन सचिवालय द्वारा राज्य के मुख्य सचिव को राज्य के विश्वविद्यालयों में व्याप्त वित्तीय संकट से अवगत कराया जा चुका है।
खुद राज्यपाल एवं कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर द्वारा मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा को राजभवन में बुलाकर शिक्षा विभाग द्वारा 15 मार्च को विश्वविद्यालयों के बैंक खातों को फ्रीज कर राशि निकासी पर रोक लगाने संबंधी गंभीर मामलों से अवगत कराया चुका है।
आर्लेकर द्वारा इस संकट का समाधान कराने को कहा गया है, लेकिन राज्य सरकार भी अब तक विश्वविद्यालयों में व्याप्त वित्तीय संकट का समाधान नहीं निकाल सकी है।
यूजीसी की एडवाइजरी का भी असर नहीं
दो दिन पहले यूजीसी द्वारा अगस्त के पहले हफ्ते तक विश्वविद्यालयों में स्नातक प्रथम वर्ष की कक्षाएं शुरू कराने की एडवाइजरी जारी की है।
यूजीसी ने इसके साथ ही नियमों का हवाला देते हुए विश्वविद्यालयों से जल्द ही अपना एकेडेमिक कैलेंडर भी जारी करने को कहा है। ताकि समय से संस्थान और उससे संबद्ध कालेजों की शैक्षणिक गतिविधियां संचालित हो सके।
सत्र को पटरी पर लाने की पहल के तहत ही आयोग ने पिछली स्नातक प्रथम वर्ष की कक्षाओं की परीक्षा के परिणाम भी जून अंत तक जारी करने का सुझाव दिया है।
वहीं स्नातक द्वितीय और आगे के वर्षों की कक्षाएं भी जुलाई के पहले में सप्ताह तक शुरू करने का सुझाव दिया है। लेकिन, शिक्षा विभाग ने इसे भी गंभीरता से नहीं लिया है।
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