बिहार के सरकारी अस्पतालों पर बढ़ा भरोसा, महीने में आ रहे 11600 मरीज; चौंकाने वाले 2006 के आंकड़े
बिहार में 2006 के पहले जहां सरकारी अस्पतालों में महीने में 39 मरीज आते थे वहीं आज महीने में 11600 से अधिक लोग इलाज कराने आ रहे हैं। 2004-05 में जहां स्वास्थ्य का कुल बजट 705 करोड़ हुआ करता था वहीं 2025 तक यह बजट बढ़कर 20035 करोड़ तक पहुंच गया।
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक सुधार हुआ है। 2006 के पहले जहां सरकारी अस्पतालों में महीने में 39 मरीज आते थे वहीं आज महीने में 11600 से अधिक लोग इलाज कराने आ रहे हैं। यह दावा स्वास्थ्य विभाग की ओर से किया गया है।
विभाग के अनुसार 2004-05 में जहां स्वास्थ्य का कुल बजट 705 करोड़ हुआ करता था, वहीं 2025 तक यह बजट बढ़कर 20,035 करोड़ तक पहुंच गया। जिसका नतीजा ये है कि अब लोग न केवल बड़ी बीमारी बल्कि छोटी मोटी चोट, दुर्घटना ही नहीं, टीके और इंजेक्शन के लिए भी सरकारी अस्पतालों पर निर्भर हो रहे हैं। बजट का ये यह आंकड़ा बताता है कि सरकार की ओर से स्वास्थ्य व्यवस्था के सुधार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
20 सालों में अस्पतालों का काफी विस्तार किया है। मुफ्त दवाओं के जांच की व्यवस्था की गई है। डाक्टरों की संख्या और उपस्थिति में भी सुधार आया है। अब सरकारी अस्पतालों में नई टेक्नोलाजी का प्रयोग किया जा रहा है।
जिसके आधार पर बिहार के स्वास्थ्य सिस्टम को मजबूत करने की कोशिश है। आने वाले दिनों में बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने वाले राज्य के रूप में पहचान बनाएगा। पीएमसीएच के विस्तार का काम चल रहा है। इसके पूर्ण होते है साढ़े पांच हजार बेड वाल यह अस्पताल दूसरे राज्यों के लिए भी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराएगा।
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