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    बिहार में कड़ाके की ठंड से बिजली की मांग में भारी गिरावट, 2000 मेगावाट तक कम हुई खपत

    Updated: Sun, 28 Dec 2025 08:05 PM (IST)

    बिहार में भीषण ठंड के कारण बिजली की मांग में 2000 मेगावाट तक की कमी आई है। औसत मांग 7000-7500 मेगावाट से घटकर 5000-5500 मेगावाट हो गई है। एसी का उपयोग ...और पढ़ें

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    बिजली की मांग में भारी गिरावट। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, पटना। हाड़ कंपा देने वाली ठंड में सूबे में बिजली की मांग दो हजार मेगावाट तक घट गयी है। बिजली कंपनी से मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार औसत सात से साढ़े सात हजार मेगावाट की मांग घटकर पांच हजार तो कभी 5500 मेगावाट पर आ गयी है। इस बार की ठंड में बिजली की मांग कुछ अधिक कम हुई है।

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    बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि सर्दी में एसी का चलना अचानक बंद हो जाता है। इस वजह से मांग में कमी आ जाती है।

    यह केवल घरेलू उपभोक्ताओं के मामले में नहीं है बल्कि संस्थागत उभोक्ता और बड़े-बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में भी है। पटना में प्राय: सभी क्षेत्रों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर वाले उपभोक्ता हैं इसलिए बिजली की मांग में कमी स्पष्ट तौर पर नोटिस में आती है।

    बिजली कंपनी के संबंधित अधिकारियों ने कहा कि तकनीकी विशेषज्ञों की टीम मौसम की संभावना को केंद्र में रख बिजली की मांग को ले योजना तैयार करती है।

    कोल्ड डे में हीटर व गीजर जरूर चलता है पर खपत उस हिसाब से नहीं रहती। छोटे शहरों की मांग में और कमी आती है।
    वहीं एनटीपीसी से मिली जानकारी के अनुसार विगत एक महीने से बिहार में बिजली की मांग पांच हजार मेगावाट के करीब है।

    गर्मियों में यह कभी सात तो कभी साढ़े सात हजार मेगावाट तक होती है। वैसे रविवार की शाम मांग 5700 मेगावाट पर थी। सुबह से लेकर शाम पांच बजे तक बिजली की मांग कभी-कभी 4000 मेगावाट तक भी पहुंच जा रही।