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    Bihar Politics: 'पति हटा तो आप CM बनीं', बिहार विधान परिषद में फिर भिड़े नीतीश कुमार और राबड़ी देवी

    Updated: Thu, 20 Mar 2025 03:55 PM (IST)

    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी विधान परिषद में फिर से आमने-सामने आ गए। विपक्ष ने प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया तो नीतीश कुमार ने कहा कि प्रदेश में हो रही हत्याओं की जांच होगी। उन्होंने राबड़ी देवी पर भी निशाना साधा और कहा कि जब उनके पति की सरकार थी तब क्या हाल था? कोई काम भी बिहार में नहीं हुआ।

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    सदन में आपस में भिड़े सीएम नीतीश कुमार और राबड़ी देवी। (जागरण फोटो)

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधान परिषद में बुधवार को पहली पाली में कानून-व्यवस्था को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गया। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के नेतृत्व में विपक्ष ने विधि-व्यवस्था पर सवाल उठाया और वेल में आकर नारेबाजी की।

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    इस दौरान पहले संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी और फिर खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संज्ञान लेते हुए विपक्ष को आश्वासन दिया कि सरकार हर मामले की गंभीरता से जांच कर कार्रवाई सुनिश्चित कराएगी।

    इसके बावजूद हंगामा शांत नहीं हुआ। हंगामा बढ़ता देख सभापति अवधेश नारायण सिंह ने विपक्षी सदस्यों को पहली पाली के लिए सदन से बाहर जाने को कहा। विपक्षी सदस्य थोड़ी देर के लिए बाहर भी गए और फिर वापस आकर सदन में बैठ गए।

    केंद्रीय राज्यमंत्री नित्यानंद राय के संबंधियों की हत्या का मामला उठा

    सदन की कार्यवाही शुरू होते ही राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी ने केंद्रीय राज्यमंत्री नित्यानंद राय के संबंधियों की हत्या और होली के दौरान हुई घटनाओं को लेकर विधि-व्यवस्था पर सवाल उठाया और सरकार से संज्ञान लेने की बात कही।

    इसके बाद विपक्ष के सभी सदस्य खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। इस दौरान सत्ता पक्ष की ओर से नीरज कुमार, संजय सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि इनके कार्यकाल में 67 हजार से अधिक हत्याएं हुई हैं।

    नीतीश कुमार ने राबड़ी देवी पर साधा निशाना

    विपक्ष के वेल में आने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद खड़े हो गए। उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कहा- मैं आग्रह करता हूं कि आप सभी बैठ जाएं। हत्या की गंभीरता से जांच कराई जाएगी। आज ही अधिकारियों से पूछेंगे कि क्या कार्रवाई हुई। जो भी अपराधी होगा, उसको जांच कराकर सजा दिलाई जाएगी।

    किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग 19 साल से सारा काम कर रहे हैं, आप लोगों ने आजतक कोई काम नहीं किया। पहले कितना सामुदायिक झगड़ा होता था। आपलोग यहां सिर्फ पब्लिसिटी (प्रचार) के लिए बोल रहे हैं।

    इसका कोई मतलब नहीं है। इस दौरान राबड़ी देवी की तरफ इशारा करते हुए सीएम ने कहा कि बैठिए न, आप क्या जानती हैं। इनके पति का सस्पेंशन हुआ तो आप सीएम बन गईं।

    मंत्री संतोष सिंह बोले, मेरे बेटे का अपहरण हुआ तो राजद नेता ने मांगी फिरौती 

    विपक्ष के हंगामे के बीच ही श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने सदन में कहा कि 2007 में मेरे बेटे का अपहरण हुआ था। इस दौरान राजद के एक बड़े नेता फिरौती मांगने आए थे। ये तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार थे कि मेरा बेटा सही-सलामत वापस आ गया।

    ऐसे विपक्षी सदस्यों को अपराध पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। शर्म आनी चाहिए। इस पर राबड़ी देवी ने प्रतिकार करते हुए कहा कि फिरौती तो अशोक चौधरी वसूलते हैं। अशोक चौधरी ने भी जवाब दिया- मंत्री जी ने कहा कि राजद के नेता फिरौती मांगने आए थे। यह बिहार था। नरसंहार होता था, आपलोग क्या रोक पाएं?

    विपक्ष की अमर्यादित टिप्पणी, सभापति ने किया बाहर 

    मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान भी विपक्ष का हंगामा और टोका-टिप्पणी जारी रहने पर सभापति अवधेश नारायण सिंह ने विपक्षी सदस्यों को पहली पाली के लिए सदन से बाहर जाने का निर्देश दिया। इस दौरान सुनील कुमार सिंह अमर्यादित टिप्पणी करते हुए बाहर निकले।

    इसके बाद सभापति ने सदन से पूछा कि क्या यह टिप्पणी आसन के लिए थी? नीरज कुमार ने कहा कि यह टिप्पणी बताती है कि यह जंगल के लोग हैं।

    इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि आसन ने जब इस बात का संज्ञान लिया है, तो पूरी घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग देख लीजिए। अगर ये आसन के बारे में है, तो निश्चित रूप से संज्ञान लेना चाहिए। करीब पांच मिनट बाद ही सभी विपक्षी सदस्य सदन में बाहर आ गए।

    सभापति ने कहा कि मैंने पहली पाली के लिए आपको बाहर जाने को कहा था। अमर्यादित टिप्पणी से मुझे तकलीफ हुई। मैं चौथी बार आसन पर बैठा हूं। अभी तक पक्षपात का आरोप नहीं लगा। इसके बाद अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि हमने सुना नहीं, इसलिए वापस आ गए। हम इतने अनभिज्ञ नहीं कि आसन के खिलाफ बोलें।

    उन्होंने कहा कि मैं विपक्ष की ओर से खेद जताता हूं। विपक्ष के खेद जताने के बाद सभापति ने इस मामले को विराम देते हुए इस मामले को सदन की कार्यवाही से हटाने का निर्देश दिया। संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी कहा कि खेद जताने के बाद अब प्रश्नकाल शुरू किया जाए।

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