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    बिहार दिवस समारोह में बोले नीतीश, बिहारी काम न करें तो ठप हो जाएगी दिल्ली

    By Kajal KumariEdited By:
    Updated: Thu, 23 Mar 2017 09:48 PM (IST)

    आज से तीन दिवसीय बिहार महोत्सव का आगाज हुआ। मुख्य कार्यक्रम पटना के गांधी मैदान में आयोजित है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका विधिवत उद्घाटन किया।

    बिहार दिवस समारोह में बोले नीतीश, बिहारी काम न करें तो ठप हो जाएगी दिल्ली

    पटना [जेएनएन]। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार दिवस समारोह का बुधवार संध्या गांधी मैदान में उद्घाटन करते हुए आह्वान किया कि बिहार के लोग तन्मयता एवं मजबूती से देश की सेवा करें और देश का नाम रोशन करें। उन्होंने कहा कि अपनी मेहनत के सहारे बिहारियों ने हर क्षेत्र में अपना मुकाम बनाया है। दिल्ली में तो इतने बिहारी हैं कि अगर वे ठान लें कि आज काम नहीं करेंगे तो पूरी दिल्ली ठप हो जाएगी।

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    नीतीश कुमार ने कहा कि हम 2009 से लगातार हर वर्ष बिहार दिवस समारोह मना रहे हैं। उन्होंने विपक्ष की चर्चा किए बिना सभी से मिलजुल कर बिहार को आगे बढ़ाने की अपील की।

    समारोह में लालू प्रसाद व उनके परिवार की अनुपस्थिति खटकी। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद तथा उनके दोनों मंत्री बेटे डिप्‍टी सीएम तेजस्‍वी यादव व स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री तेजप्रताप यादव नहीं पहुंचे। राबड़ी देवी भी नहीं दिखीं। इस बाबत तेजस्‍वी ने कहा कि तबीयत खराब होने के कारण वे कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके।

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    बिहारी किसी पर बोझ नहीं
    बिहार दिवस समारोह के तीन दिवसीय आयोजन का उद्घाटन करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि देश के जिस कोने में चले जाएं, वहां आपको बिहारी मिल जाएंगे। ये किसी पर बोझ नहीं हैं, बल्कि जहां रहते हैं, वहां का बोझ अपने कंधे पर उठाते हैं। दिल्ली में तो इतने बिहारी हैं कि अगर वह ठान लें कि आज काम नहीं करेंगे तो पूरी दिल्ली ठप हो जाएगी। बिहार दिवस केवल बिहार में ही नहीं, बल्कि बिहार के बाहर भी बिहारी बड़े आनंद से मनाते हैं।

    नशामुक्ति है इस बार का थीम
    मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार तीन दिवसीय बिहार दिवस समारोह का थीम नशामुक्ति रखा गया है। 21 जनवरी से आरंभ हुआ नशामुक्ति अभियान आज इस मौके पर सफलतापूर्वक समाप्त हो रहा है। प्रथम चरण में मानव शृंखला बनाई गई, जिसमें चार करोड़ से अधिक लोगों ने भाग लिया। पिछले वर्ष 5 अप्रैल से राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू हुई है, जिसका बहुत समाज पर बहुत सकारात्मक असर पड़ा है।

    शराबबंदी से राजस्व नुकसान की कुछ लोग बात करते हैं। लेकिन हकीकत यह है कि करीब 10,000 करोड़ रुपये की लोगों को बचत हो रही है। वे इसका बेहतर उपयोग कर आर्थिक प्रगति कर रहे हैं। उनके जीवन में सुधार हो रहा है। अब तो दूसरों राज्यों में भी शराबबंदी की मांग मजबूती से उठने लगी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कल से नशामुक्ति अभियान का दूसरा चरण आरंभ होगा।

    10 अप्रैल से आरंभ हो चंपारण यात्रा शताब्दी समारोह
    मुख्यमंत्री ने कहा कि चंपारण यात्रा के सौ वर्ष पूरे होने पर प्रदेश में एक साल तक विशेष कार्यक्रम होंगे, जिसकी शुरुआत 10 अप्रैल से होगी। 10-11 अप्रैल को पूरे देश के गांधीवादी विचारकों को विमर्श के लिए आमंत्रित किया गया है। 15 अप्रैल को मोतिहारी से पद्यात्रा आरंभ होगी। 17 अप्रैल को स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भाग लेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भी आमंत्रित किया गया है। गांवों में गांधी के विचारों पर आधारित फिल्म दिखाई जाएगी। स्कूलों में गांधी के विचार पढ़ाए जाएंगे। आज दुनिया में जिस प्रकार से असहिष्णुता बढ़ गई है उसमें आवश्यक है कि गांधी के विचारों को अधिक से अधिक प्रचारित एवं प्रसारित किया जाए। उन्होंने कहा कि बिहार दिवस समारोह की तरह ही इस कार्यक्रम के आयोजन का जिम्मा शिक्षा विभाग को दिया गया है।

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    जारी रहेगी छात्रों को स्कालरशिप
    मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष के आरंभ होने से पहले स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की समीक्षा की जाएगी। देखा जाएगा कि दलित, पिछड़े एवं अतिपिछड़े छात्र अपेक्षित अनुपात में लाभान्वित हो रहे हैं कि नहीं। उनके लिए पूर्व की भांति स्कॉलरशिप भी जारी रखी जाएगी, लेकिन इसे आप्शनल बना दिया जाएगा। वे चाहेंगे तो स्कालरशिप लेंगे या स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ। कुछ लोग इस मुद्दे को लेकर नाहक भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने प्रकाश पर्व एवं बोधगया में आयोजित काल चक्र पूजा की चर्चा करते हुए कहा कि इनके सफल आयोजन से देश-दुनिया में बिहार की बहुत अच्छी छवि बनी है।
    शिक्षा मंत्री बोले, बिहार में हो रहा बेहतर काम

    उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री डा. अशोक चौधरी ने शिक्षा के क्षेत्र में हुए कार्यों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां केंद्र सरकार शिक्षा का बजट कम कर रही है, वहीं दूसरी ओर बिहार में शिक्षा पर बजट का सबसे बड़ा हिस्सा खर्च हो रहा है। इस बार शिक्षा पर 25 हजार करोड़ खर्च किए जाएंगे।

    आरंभ में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने सभी का स्वागत किया और मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने बिहार दिवस समारोह के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला। समारोह में विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, जय कुमार सिंह, अवधेश कुमार सिंह, संतोष कुमार निराला, कपिलदेव कामत, अब्दुल गफूर, मदन सहनी, मदन मोहन झा, राम विचार राय एवं शिवचंद्र राम, डीजीपी पीके ठाकुर आदि भी शामिल हुए।


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    ये पवेलियन हैं खास
    बिहार दिवस समारोह के मुख्‍य मंच की दाहिनी ओर सबसे पहले पवेलियन है जीविका का। यहां मूक मूर्तियां गांवों में हुए नारी सशक्तीकरण की कहानियां कह रही हैं। इसके ठीक बाद है बिहार फाउंडेशन। 
    बिहार फाउंडेशन के ठीक आगे सूचना एवं जन संपर्क विभाग का पवेलियन है। इसके आगे पीएचईडी विभाग का पवेलियन है। फिर, जन शिक्षा पैवेलियन है।

    बिहार शिक्षा परियोजना परिषद में दूर से ही महान साहित्यकारों की तस्वीरें नजर आ रही हैं। खास उपलब्धि हासिल करने वाली युवाओं की भी। अंदर 'बिहार को जानिए' गैलरी है। उसकी दीवार पर 'मैं हूं बिहार' लिखा है और साथ में सूबे की ऐतिहासिक विभूतियों की तस्वीरें हैं। चंद्रगुप्त मौर्य, अशोक, बुद्ध, महावीर, आर्यभट्ट, बाल्मिकी और शेरशाह सूरी। 

    आगे 'किलकारी' का पवेलियन है। इस विशाल मंडप के ठीक आगे है उद्योग मंडप और उसके आगे आपदा का। उद्योग मंडप के गेट को मधुबनी पेंटिंग से सजाया गया है।  
    उद्योग मंडप में पांच छोटे-छोटे मंच बनाए गए हैं। कुल 50 स्टॉल हैं। इनपर हस्तशिल्प और हथकरघा की सामग्री दिख रही है। सामने नजर आते भव्य गेट पर बिहार का मानचित्र है, जिसपर लिखा है, 'नशामुक्त बिहार'। 
    आपदा विभाग के स्टॉल के बीच में टावर बनाया गया है। द्वार के पास पांच फीट ऊंचा और करीब 300 वर्गफीट का मंच तैयार किया गया है। एक स्टॉल पर यूएनडीपी के अधिकारी रणपाल अपने साथियों के साथ बैठे हैं। उनका भी यहां एक स्टॉल है। 
    आपदा राहत और बचाव संबंधी प्रदर्शनी दिखाने के लिए बांस के संरचना तैयार की गई है। सामने कृषि विभाग का मंडप है। यहां सभी स्टॉल की छतों पर फूस की संरचना बनाई गई है। बीच में कलाकार खेत आदि के साथ पठार बनाया गया है। 
     कृषि मंडप से सटे है व्यंजन मेला परिसर। यह पर्यटन विभाग के जिम्मे है। यहां के कुल 50 स्टॉल पर हर तरह के लजीज व्यंजन का लुत्फ उठा सकेंगे। स्टॉल तैयार हैं। 
     कुल मिलाकर बिहार दिवस के दिन बिहार दिख रहा है। अतीत का समृद्ध बिहार, वर्तमान का गतिशील बिहार और भविष्य का नेतृत्व करता बिहार।