'नीतीश कुमार थक चुके हैं', Chirag Paswan को सता रही बिहार CM की चिंता! बोले- उनकी मानसिक स्थिति...
Chirag Paswan On Nitish Kumar लोजपा (आर) के मुखिया चिराग पासवान ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि जो बिहार के लिए उपयुक्त नहीं वह विपक्ष का चेहरा कैसे बन सकता है। जिसे बिहार की जनता ने खारिज कर दिया वह राष्ट्रीय राजनीति का नेतृत्व करने का सपना देखता है। (बिहार) के मुख्यमंत्री अब थक चुके हैं।

डिजिटल डेस्क, पटना। Chirag Paswan लोजपा (आर) के मुखिया चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य पर एक बार फिर चिंता जाहिर की है। इसी के साथ उन्होंने कहा है कि अब नीतीश कुमार थक चुके हैं और हार चुके हैं। वह देश का नेतृत्व नहीं कर सकते। चिराग पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार को अब उचित इलाज करवाने की जरूरत है।
चिराग पासवान ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, "जो बिहार के लिए उपयुक्त नहीं, वह विपक्ष का चेहरा बनेगा? जिसे बिहार की जनता ने खारिज कर दिया वह राष्ट्रीय राजनीति का नेतृत्व करने का सपना देखता है। (बिहार) के मुख्यमंत्री अब थक चुके हैं।"
#WATCH | Delhi: On Bihar CM Nitish Kumar, LJP President Chirag Paswan says, "The who is not appropriate for Bihar, will become the face of the opposition? The one who has been rejected by the people of Bihar dreams of leading the national politics. The (Bihar) CM is now tired.… pic.twitter.com/4Gxj93D1n7
— ANI (@ANI) December 18, 2023
'नीतीश कुमार उचित इलाज कराएं'
चिराग पासवान ने आगे कहा कि उनके (नीतीश कुमार) स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति को लेकर जो अफवाहें जब-तब सामने आती रहती हैं, ऐसे में जरूरी है कि वह उचित इलाज कराएं।
उन्होंने कहा, :उम्मीद है कि वह ठीक हो जाएंगे, लेकिन वह देश का नेतृत्व नहीं कर सकते... जब बिहार की जनता ने उन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया है, यह संभव नहीं है कि विपक्ष या देश उनके नेतृत्व को स्वीकार करेगा।"
इंडी गठबंधन पर पासवान का निशाना
चिराग पासवान ने इंडी गठबंधन (I.N.D.I.A Meeting) की बैठक पर भी निशाना साधा। पासवान ने कहा कि इंडी गठबंधन के घटक दल एक साथ तो बैठ नहीं सकते और सीट शेयरिंग की बात करते हैं। पासवान ने कहा कि हकीकत तो यह है कि विपक्ष आज के समय में एकजुट ही नहीं है। यह प्रश्न इन लोगों के सामने काफी समय से है। पिछले दिनों इंडी गठबंधन के तमाम दलों ने एक दूसरे के खिलाफ ही चुनाव लड़ा। जदयू के कई नेताओं ने गठबंधन को लेकर सवाल भी खड़े किए। ऐसे में साफ है कि यह गठबंधन सहज रूप से आगे नहीं बढ़ सकता है।
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