Chandan Mishra Murder Case की अपराधियों ने कैसे बनाया था प्लान? फर्जी सिम कार्ड से लेकर कई गहरे राज उजागर
पटना के पारस अस्पताल में चंदन मिश्रा हत्याकांड में शामिल शूटरों ने फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल किया था। पुलिस ने तौसीफ रजा समेत कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनसे मोबाइल फोन जब्त किए हैं। जांच में पता चला है कि पश्चिम बंगाल की जेल में बंद शेरू सिंह भी इंटरनेट कॉल का इस्तेमाल कर रहा था। पुलिस हथियार तस्कर की भी तलाश कर रही है।

जागरण संवाददाता, पटना। पारस एचएमआरआई अस्पताल में घुसकर अपराधी चंदन मिश्रा की हत्या में शामिल शूटरों ने फर्जी तरीके से सिम कार्ड हासिल किए थे। पुलिस की पकड़ से बचने के लिए शूटर आपस में व्हाट्सएप कॉल पर बात कर रहे थे। हत्याकांड में गिरफ्तार तौसीफ रजा, उसके चचेरे भाई निशु खान, हर्ष, भीम के पास से कुछ मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं।
भोजपुर के बिहिया में एसटीएफ मुठभेड़ के बाद शूटर बलवंत सिंह, रविरंजन और अभिषेक को भी गिरफ्तार किया गया है। तौसीफ, निशु और बलवंत आपस में बात करने के लिए किस सिम कार्ड का इस्तेमाल करते थे? किस मोबाइल का इस्तेमाल किया गया? उस नंबर से कितने लोगों से बात की गई? इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है।
सूत्रों की मानें तो पश्चिम बंगाल की जेल में बंद शेरू सिंह भी इंटरनेट कॉल का इस्तेमाल कर रहा था। एसटीएफ और एसआईटी की कई टीमें दो शूटरों समेत हथियार और बाइक मुहैया कराने वाले अपराधियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग जिलों में छापेमारी कर रही हैं।
पुलिस मुठभेड़ में घायल हुए बलवंत, रविरंजन और अभिषेक को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। इनके साथ ही जेल में बंद शेरू को भी रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा सकती है ताकि चंदन की हत्या की असली वजह साफ हो सके। क्या शेरू ही इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड है या कोई और भी इसमें शामिल है?
गौरतलब है कि पुलिस की एक टीम उस हथियार तस्कर की पहचान करने में जुटी है जिसने शूटरों को 10 पिस्टल मुहैया कराई थीं और घटना के बाद उन्हें वापस ले गया था। तौसीफ से पूछताछ में पुलिस को कुछ अहम सुराग मिले हैं।
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