Bihar Caste Census : बिहार में जाति आधारित गणना पर 'उनके प्रश्न' और 'इनके उत्तर' मोड ऑन, खूब चल रही सियासी रस्साकशी
बिहार में जाति आधारित गणना पर सियासी बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसे लेकर एक ओर एनडीए के नेता हमलावर हैं। वहीं दूसरी ओर महागठबंधन के नेता प्रतिकार कर रहे हैं। इन दिनों यह सिलसिला और तेज हुआ है। सवाल-जवाब के इस क्रम में जातिगत समीकरण भी हिचकोले ले रहे हैं। अब देखना होगा कि जाति का दबाव प्रदेश और देश की राजनीति में क्या रंग लाता है।

भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। Caste census in Bihar बिहार के सियासी गलियारे में इन दिनों 'उनके प्रश्न' और 'इनके उत्तर' का दृश्य हर जगहों पर दिख रहा। 'उनके' यानी एनडीए के किसी भी नेता ने कहीं भी कोई प्रश्न उठाया तो तुरंत 'इनके' यानी महागठबंधन के नेताओं की ओर से कई स्तर पर इसका प्रतिकार किया जा रहा है। जाति आधारित गणना की रिपोर्ट (Caste Based Survey Report) जारी होने के बाद इस प्रवृत्ति ने कुछ अधिक रफ्तार पकड़ी हुई है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा इस हफ्ते पटना में भाजपा की ओर से आयोजित एक बड़े कार्यक्रम में थे। उन्होंने मंच से अपने संबोधन में यह बात उठा दी कि भाजपा अब किसी को अपने कंधे पर बैठाकर आगे नहीं करेगी। तुरंत जदयू की तरफ से इसका प्रत्युत्तर आ गया।
जदयू के वरिष्ठ नेता व भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी (Ashok Choudhary) ने यह कह दिया कि कौन किसके कंधे पर सिर रखकर आगे बढ़ा यह सभी को पता है।
यह भी जोड़ डाला कि अगर भाजपा बिहार में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के साथ नहीं जुड़ती तो भाजपा की बिहार में क्या स्थिति रहती, यह आसानी से समझा जा सकता है।
जाति आधारित गणना की रिपोर्ट पर टिप्पणी
जाति आधारित गणना की रिपोर्ट पर एनडीए के नेताओं की टिप्पणी भी महागठबंधन के नेताओं को बर्दाश्त नहीं। रिपोर्ट जारी हाेने के अगले ही दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सर्वदलीय बैठक बुला ली।
बैठक में उन सभी दलों के नेताओं को बुलाया गया जिनकी जाति आधारित गणना कराए जाने पर सहमति थी। हम नेता व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी तथा भाजपा की ओर इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा शामिल हुए थे।
जीतन राम मांझी की आपत्ति
जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने सर्वदलीय बैठक में इस बात पर आपत्ति जताई कि मुसहर जाति को तोड़कर जाति की गणना की गई। यह अनुचित है। मुसहर और भूइयां एक ही जाति है पर दोनों को अलग-अलग गिन दिया गया।
इससे मुसहर जाति का प्रतिशत कम हो गया। उसी दिन इस मसले पर जदयू के वरिष्ठ नेता व वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Chaudhary) का यह प्रत्युत्तर आ गया कि जीतन राम मांझी दोनों को एक साथ क्यों नहीं गिन लेते।
विजय सिन्हा पर विजय चौधरी का वार
इसी तरह विजय सिन्हा (Vijay Sinha) ने जब जाति आधारित गणना की प्रक्रिया पर आलोचनात्मक टिप्पणी की तो विजय चौधरी ने तुरंत उनकी आपत्ति पर प्रतिकार किया।
सर्वदलीय बैठक के अगले दिन प्रदेश भाजपा के नेताओं ने जाति आधारित गणना के आंकड़े पर नकारात्मक बातें कहीं।
जदयू नेता व जल संसाधन मंत्री संजय झा (Sanjay Jha) ने इस पर अगले ही दिन यह कहकर प्रत्युत्तर कर दिया कि अगर भाजपा नेताओं को जाति आधारित गणना के आंकड़े सही नहीं लगते तो वह केंद्र सरकार से जनगणना के क्रम में जाति आधारित गणना कराने का दबाव बनाए।
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तेजस्वी के तीखे बोल
उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने भी एनडीए के नेताओं के बयान पर तुरंत प्रत्युत्तर किया है। नीचे के स्तर पर तो लगातार लंबी-लंबी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
तेजस्वी यादव ने शनिवार को भी तंज करने के लहजे में कहा कि जब पूरे देश से मांग उठ रही है और कुछ लोगों को बिहार के जाति आधारित सर्वे पर आपत्ति है तो केंद्र सरकार ही जनगणना करा दे।
उन्होंने कहा कि केंद्र को जनगणना के फाॅर्म में बस एक कॉलम जाति का जोड़ना पड़ेगा। इसके होने से सब पता चल जाएगा।
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