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    Bihar News: बिहार में जाति गणना शुरू करने में बची है केवल एक बाधा, हाइब्रिड माडल पर होगा यह काम

    By Jagran NewsEdited By: Shubh Narayan Pathak
    Updated: Sun, 16 Oct 2022 05:17 PM (IST)

    Bihar Caste Survey News बिहार में जाति आधारित गणना का काम शुरू करने में फंसा है केवल एक पेंच। पोर्टल और एप बनने के बाद शुरू होगा काम। हाईब्रिड माडल के तहत होनी है गणना इसलिए बगैर पोर्टल के नहीं बढ़ेगा काम

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    Bihar News: बिहार में जाति सर्वे का काम होगा शुरू। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    राज्य ब्यूरो, पटना। Caste Survey in Bihar: बिहार में जाति आधारित गणना का काम विधिवत तरीके से नवंबर-दिसंबर से ही आरंभ हो सकेगा। यह काम हाईब्रिड माडल के आधार पर होना है। इसके लिए बेल्ट्रान की देखरेख में अभी पोर्टल और एप बनाए जाने का काम चल रहा है।

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    पोर्टल और एप बनाने का काम जारी 

    बेल्ट्रान की देखरेख में यह काम चल रहा है। बेल्ट्रान ने इसके लिए समय लिया है। ऐसी उम्मीद है कि नवंबर में पोर्टल व एप बनाए जाने का काम पूरा हो जाएगा। इसलिए नवंबर के आखिर या फिर दिसंबर में जाति आधारित गणना का काम विधिवत आरंभ हो सकेगा। 

    हाईब्रिड माड़ल में यह काम होगा

    जाति आधारित गणना के हाई ब्रिड माडल के तहत जो प्रगणक मैनुअल तरीके से फील्ड में जाकर गणना का काम करेंगे उन्हें संबंधित डाटा को इसके लिए बन रहे पोर्टल में भी डालना है। यानी मैनुअल काम के साथ-साथ पोर्टल पर डाटा एक साथ जाता रहेगा। इससे परिणामी आंकड़ा पाने में सहूलियत होगी। इसके अतिरिक्त एप के माध्यम से भी आंकड़े संग्रह किए जाएंगे। उक्त आंकड़े को भी पोर्टल पर डाला जाएगा। 

    एक-एक जिले की जानकारी उपलब्ध होगी 

    सामान्य प्रशासन विभाग के पास जाति आधारित गणना के लिए नोडल महकमा बनाया गया है। इस महकमे से मिली जानकारी के अनुसार पोर्टल बन जाने से यह सहूलियत होगी कि जिले से संबंधित एक-एक जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध होगी।

    मुख्‍यालय स्‍तर पर रहेगा पोर्टल का एक्‍सेस 

    जिले के किस प्रखंड में किसी जाति के लोगों की संख्या क्या है यह किसी भी समय संबंधित दफ्तर के पास उपलब्ध रहेगा। पोर्टल के एक्सेस का जिम्मा मुख्यालय स्तर पर भी रहेगा। इसके साथ ही मानीटरिंग के लिहाज से यह सुविधा रहेगी कि किस जिले में जाति आधारित गणना की क्या गति है। 

    पोर्टल बन जाने के बाद प्रगणक होंगे सक्रिय

    पोर्टल और एप बन जाने के बाद प्रगणक को सक्रिय किया जाएगा। उनके लिए जिलावार प्रशिक्षण का कार्यक्रम भी होगा। फिलहाल जिलाधिकारियों के स्तर पर आवास की नंबरिंग और अन्य जमीनी कार्य कराए जा रहे हैं। पूर्व से ही यह तय है कि किस स्तर के अधिकारी को जाति आधारित गणना में कौन काम करना है। मुख्यालय के स्तर से भी इस पूरे अभियान की मानीटरिंग के लिए अलग से तंत्र काम करेगा।