बस चलाते हुए ड्राइवर को आ गयी नींद, रेलिंग तोड़ती हुई 20 फीट गड्ढ़े में जा गिरी बस
बस चलाते हुए बस के ड्राइवर को नींद आ गई जिससे बस रेलिंग को तोड़ती हुई बीस फीट गहरी खाई में गिर गई जिससे दो लोगों की मौत हो गई और 23 लोग घायल हो गए। ...और पढ़ें

पटना [जेएनएन]। शव का अंतिम संस्कार कर लौट रहे चालक अमनौर थाना क्षेत्र के रसूलपुर निवासी जीतन साह और भेल्दी थाना क्षेत्र के इस्सेपुर गांव निवासी कन्हैया लाल महतो को क्या मालूम था कि दूसरे का अंतिम संस्कार कर लौट रहे हैं और कुछ समय बाद ही उनका भी अंतिम संस्कार इसी घाट पर होगा।
ड्राइवर को आयी झपकी, गहरी खाई में पलट गई बस
बस चलाते हुए ड्राइवर ने झपकी ली और बस असंतुलित होकर रेलिंग तोड़ते हुए बीस फीट गड्ढे में गिर गई जिससे दो लोगों की मौत हो गई और 23 लोग घायल हो गए। घटना डोरीगंज के गड़खा-चिरांद रोड पर रविवार रात करीब 10.20 बजे जिल्कबाद गांव के बड़का पुल के पास की है। घायलों का इलाज गड़खा पीएचसी व सदर अस्पताल छपरा में चल रहा है। चालक को नींद आने की वजह से हादसा हुआ।
बताया जाता है कि सिटी राइड की बस जैसे ही गड़खा चिरांद रोड पर जिल्काबाद गांव बड़का पुल के पास पहुंची ड्राइवर को नींद आ गई। दो सेकेंड के लिए झपकी ली और बस अनियंत्रित हो गई पुल की रेलिंग से टक्करा गई। सभी लोग भेल्दी थाना क्षेत्र के गोसी छपरा गांव के रहने वाले हैं।
शनिवार देर शाम रुचा महतो की पत्नी सरस्वती देवी का अंतिम संस्कार के बाद डोरीगंज घाट से बस लौट रही थी। सिटी राइड बस में 40 लोग सवार थे। चालक को नींद आ गई। जिससे बस अनियंत्रित होकर पुल की रेलिंग तोड़ते हुए खाई में गिर गई। पानी में गिरने के बाद तेज आवाज लोगों को सुनी। वहां लोग जुटे और एसपी को सूचना दी।
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एसपी हरकिशोर राय पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों की मदद से सभी को बाहर निकाला। देरी होने के कारण दम घुटने से चालक और एक यात्री की मौत हो चुकी थी। मौके पर एसपी के साथ गड़खा थानाध्यक्ष कुमार संतोष रजक, भेल्दी थानाध्यक्ष रमेश कुमार महतो और डोरीगंज थानाध्यक्ष मौजूद थे।
सभी ने मिलकर लोगों को बस से बाहर निकाला। इसमें दो लोगों की मौत हो चुकी थी और 23 लोग घायल हो गए थे। मृतकों में सीटी राइड चालक भेल्दी थाना क्षेत्र के रसूलपुर गांव 35 वर्षीय निवासी जीतन शाह और पैगा मित्रसेन गांव निवासी 35 वर्षीय कन्हैया लाल महतो है।
रात में नहीं पहुंचते लोग तो कई जानें चली जातीं
स्थानीय लोग व पुलिस की तत्परता के कारण ही कई यात्रियों की जान बच गई। यदि पुलिस और ग्रामीण समय से पहुंचकर घायलों को वाहन से नहीं निकलते तो शायद मृतकों की संख्या दर्जनों पहुंच सकती थी। कारण कि पानी में दम घुटकर मौत हो जाती। इतना ही नहीं पानी नहीं होने पर खाई अधिक होने से यात्रियों की चोटें ज्यादा पहुंच सकती थी और घटना बड़ी हो जाती।

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