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    BSSC पेपर लीक : निलंबित किए गए आयोग के गिरफ्तार सचिव

    By Kajal KumariEdited By:
    Updated: Thu, 09 Feb 2017 10:50 PM (IST)

    बीएसएससी की परीक्षा के पेपर लीक मामले में आयोग के सचिव को जेल भेज दिया गया है। सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया है। एसआइटी की अनुशंसा पर परीक्षा भी रद कर दी गई है।

    BSSC पेपर लीक : निलंबित किए गए आयोग के गिरफ्तार सचिव

    पटना [जेएनएन]। बीते रविवार को हुई बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) की इंटर स्तरीय परीक्षा रद कर दी गई है और इस मामले में आयोग के सचिव परमेश्वर राम को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। गुरुवार को सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया। पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा होने के बाद तमाम अहम सुबूत मिले थे और उसके बाद एसआइटी ने राज्य सरकार से परीक्षा रद करने की अनुशंसा की थी।

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    बुधवार की देर शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने परीक्षा रद करने की घोषणा की। उधर, बीएसएससी के सचिव परमेश्वर राम व आयोग के कर्मी अविनाश कुमार को गिरफ्तार कर कोर्ट के आदेश से 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया गया है।

    कैबिनेट की बैठक में हुई परीक्षा रद करने की घोषणा

    बुधवार की शाम कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि बीएसएससी के दोनों चरणों के परीक्षाएं रद कर दी गई हैं। डीजीपी की मुख्य सचिव और एसआइटी की प्राथमिक रिपोर्ट के आधार पर यह निर्णय लिया गया है। साथ ही अगली तीन परीक्षाएं भी रद कर दी गई हैं।

    इसके पहले एसअाइटी आयोग के सचिव परमेश्वर राम से मंगलवार की रात से ही पूछताछ कर रही थी। पूछताछ के बाद सचिव को एसअाइटी ने हिरासत में ले लिया था। आज उनकी गिरफ्तारी की औपचारिक पुष्टि कर दी गई। बीच एसआइटी ने मंगलवार को नवादा के वारिसलीगंज में भी जांच की। वहां रविवार को पेपर लीक के सिलसिले में एक हॉस्टल से पुलिस ने 28 लोगों को गिरफ्तार किया था।

    सूत्राें के अनुसार एसआइटी ने आयोग के सचिव परमेश्वर राम से 50 सवाल पूछे, जिनमें तीन का वे जवाब नहीं दे सके। एसआइटी ने उन्हें एक डायरी दिखाई, जिसपर उनके पसीने छूट गए। उनके स्मार्टफोन में भी संदिग्ध नंबर मिले, जिनपर उन्होंने पेपर भेजे थे।

    सोशल मीडिया पर लीक हो गया था पेपर

    एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि बीएसएससी की इंटरस्तरीय परीक्षा के प्रथम चरण के ठीक पहले पकड़े गए जॉब रैकेट के गुर्गों के इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस में आयोग के डाटा ऑपरेटर अविनाश की संलिप्तता के प्रमाण मिले।

    इसके बाद 29 जनवरी को द्वितीय चरण का पेपर भी लीक हो गया था, जबकि यह परीक्षा पांच फरवरी को थी। सोशल मीडिया पर वायरल प्रश्न पत्रों में से एक परीक्षा के पेपर से मैच कर गया था। इसके बावजूद आयोग ने लीकेज मानने से इंकार कर दिया था।

    परीक्षार्थियों का फूटा गुस्सा

    इसके बाद सोमवार को परीक्षार्थियों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने आयोग पर प्रदर्शन के दौरान सचिव को जमकर पीट दिया। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर मामले की पुलिस जांच आरंभ हो गई।

    मुख्यमंत्री के आदेश से जांच आरंभ

    मुख्यमंत्री द्वारा जांच का आदेश दिए जाने के बाद एसआइटी ने पड़ताल शुरू की। इसकी आंच आयोग व उसके सचिव तक पहुंचती दिख रही है। हालांकि, इस बाबत वे अपना पक्ष रखने के लिए उपलब्ध नहीं हो सके।

    तीन साल की मेहनत पर फिरा पानी

    बीएसएससी सूबे की सबसे बड़ी नियोक्ता एजेंसी है, लेकिन शायद ही कोई परीक्षा हो जिसकी पारदर्शिता को लेकर यह कठघरे में खड़ी नहीं की हुई हो। ताजा मामला इंटर-स्तरीय परीक्षा का है। इसके लिए 2014 में आवेदन-पत्र आमंत्रित किए गए थे। 13.5 हजार रिक्तियों के विरुद्ध 18 लाख से अधिक आवेदन मिले। आवेदकों की इस भारी-भरकम तादाद के मद्देनजर चार चरणों में प्रारंभिक परीक्षा का निर्णय हुआ।

    इसकी प्रारंभिक परीक्षा के पेपर लीक होने की बात सामने आई थी, लेकिन तब आयोग ने इससे इंकार कर दिया था। इसके बाद रविवार को मुख्य परीक्षा के पहले देर रात में फिर पेपर लीक हो गया। 150 प्रश्नों के एक सेट के 140 उत्तर अभ्यर्थियों को वाट्सएप पर मुहैया हो गए थे।

    ईओयू करेगी संपत्ति की जांच

    वर्ष 2015-16 में बीएसएससी सचिव ने अपनी सम्पत्ति का ब्योरा सरकार के समक्ष घोषित किया था। उसके मुताबिक उनके पास 11 हजार 200 रूपये का कैश डिपॉजिट था। 11 लाख 30 हजार 16 का उन्होंने एलआइसी करा रखी थी। साथ ही सारण में संयुक्त रूप से कृषि योग्य साढ़े चार एकड़ तथा सारण के रसूलपुर में 3 डिसमिल जमीन है। पटना के कुम्हरार में 2500 वर्ग फीट का 45 लाख का मकान भी है। गाड़ी के नाम पर एक्टिवा स्कूटी है। ये परमेश्वर राम की घोषित संपत्ति है। उनकी अघोषित संपत्ति का पता लगाने के लिए ईओयू जांच करेगा।

    पेपर के लिए प्रश्नों का सेलेक्शन करनेवाली टीम

    बीएसएससी की ओर से परीक्षा से पहले प्रश्नपत्रों के सेलेक्शन के लिए एक टीम का गठन होता है। इसमें शामिल सदस्यों की संख्या आयोग तय करता है। यह अति गोपनीय होता है। प्रश्नोंपत्रों के चार से पांच सेट तैयार किये जाते हैं। यहां से भी पेपर के लीक होने की आशंका है। यह टीम भी शक के दायरे में है. इनसे भी पूछताछ हो सकती है।

    यह भी पढ़ें: BSSC paper leak: जानिए कैसे चलता है प्रश्नपत्र लीक होने का खेल

    प्रिंटिंग की जिम्मेवारी उठानेवाली अफसरों की टीम

    प्रश्नपत्रों के सेलेक्शन के बाद आयोग द्वारा चयनित दूसरी अति गोपनीय टीम को पेपर की प्रिंटिंग की जिम्मेवारी दी जाती है। प्रिंटिंग कहां हो रही है, इसकी जानकारी भी गोपनीय रहती है। इस टीम के अधिकारी अगर प्रिंटिंग प्रेस के लोगों से सांठगांठ कर लें, तो यहां से भी पेपर लीक की आशंका है। पेपर परीक्षा से 12-13 घंटे पहले लीक हो रहे हैं, इसलिए इस स्टेज पर गड़बड़ी की आशंका ज्यादा है। यह टीम भी एसआइटी के शक के दायरे में है।

    ट्रेजरी से लीक नहीं हुआ पेपर

    प्रिंट होने के बाद पेपर बेहद सुरक्षा के बीच ट्रेजरी के स्ट्रांग रूम में लाये जाते हैं। पैकेट सील रहते हैं और ट्रेजरी में इवीएम से भी ज्यादा सुरक्षा में रखा जाता है। स्ट्रांग रूम में डबल लॉक रहता है। इसकी एक चाबी डीएम और दूसरी ट्रेजरी अफसर के पास होती है। दोनों के सहयोग से ही लॉक खुल सकता है। एसएसपी मनु महाराज ने यहां से गड़बड़ी की आशंका को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि ट्रेजरी में प्रश्नपत्र एक दिन पहले जाता है, जबकि यह पांच दिन पहले ही लीक हो गया था।

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    गड़बड़ी करनेवाले नहीं बचेंगे : मुख्यमंत्री

    सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बीएसएससी की परीक्षा में गड़बड़ी करनेवाले नहीं बचेंगे। मैंने इसे गंभीरता से लिया है। एसआइटी गठित की गयी है। तह तक जांच होगी। परीक्षा के सिस्टम को और इफेक्टिव बनाया जायेगा। शिक्षा और परीक्षा में सुधार के लिए सरकार अपना काम कर रही है, लेकिन इसमें आम लोगों को भी सहयोग करना होगा।