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BPSC TRE 3 Paper Leak: हर एक राज से पर्दा उठाएगी EOU, रिमांड में सॉल्वर गैंग के राज उगलेंगे ये तीन अभियुक्त

बीपीएससी के द्वारा ली गई शिक्षक भर्ती परीक्षा के तृतीय चरण की परीक्षा रद्द होने के बाद अब ईओयू ने इसकी जांच तेज कर दी है। इस मामले में गिरफ्तार तीन अभियुक्तों को ईओयू ने रिमांड पर लिया है। तीनों अभियुक्तों की दो दिनों की रिमांड मंजूर हुई है। सूत्रों के अनुसार गुरुवार से तीनों अभियुक्तों से पूछताछ शुरू होगी।

By Rajat Kumar Edited By: Mohit Tripathi Published: Wed, 20 Mar 2024 10:17 PM (IST)Updated: Wed, 20 Mar 2024 10:17 PM (IST)
ईओयू की रिमांड में सॉल्वर गैंग के राज उगलेंगे तीनों अभियुक्त। (सांकेतिक फोटो)

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के द्वारा ली गई शिक्षक भर्ती परीक्षा के तृतीय चरण की परीक्षा रद होने के बाद अब आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने इसकी जांच तेज कर दी है।

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इस मामले में गिरफ्तार अभियुक्त विशाल कुमार चौरसिया उर्फ विशाल कुमार, अभिषेक कुमार और विक्की कुमार को ईओयू ने रिमांड पर लिया है। तीनों अभियुक्तों की दो दिनों की रिमांड मंजूर की गई है।

सूत्रों के अनुसार, गुरुवार से विशाल समेत तीनों अभियुक्तों से पूछताछ शुरू होगी। विशाल ने ही कोलकाता के प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक होने की जानकारी ईओयू को गिरफ्तारी के समय दी थी।

अब ईओयू के सामने सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि सॉल्वर गिरोह को इस बात की जानकारी किसने दी कि शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर कोलकाता के अमुक प्रिंटिंग प्रेस में छप रहा है।

वहां किन लोगों से संपर्क कर प्रश्न-पत्र लीक कराया गया। इसमें परीक्षा संचालन से जुड़ा कौन सा शख्स शामिल है, उसकी तलाश की जा रही है। इन्हीं प्रश्नों का जवाब विशाल समेत अन्य अभियुक्तों से मांगा जाएगा।

विशाल चौरसिया वैशाली के भगवानपुर इलाके का रहने वाला है। परीक्षा से एक दिन पूर्व करबिगहिया पार्किंग क्षेत्र में छापेमारी के दौरान सबसे पहले ईओयू को उसके पास से ही लीक प्रश्न-पत्र का सेट मिला था।

उसकी निशानदेही पर ही हजारीबाग में छापेमारी कर 270 अभ्यर्थियों व गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ा गया था। वह पूर्व में भी दिल्ली और ओडिशा में हुए प्रतियोगी परीक्षा के पेपर लीक में शामिल रहा है और जेल भी जा चुका है।

एफएसएल से होगी दस्तावेजों की जांच

शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में हजारीबाग, पटना समेत विभिन्न जगहों से बरामद दस्तावेज, प्रश्न-पत्र की प्रति आदि की जांच एफएसएल से कराई जाएगी।

इसके अलावा मोबाइल फोन समेत अन्य डिजिटल उपकरणों की भी तकनीकी जांच होगी। इसके जरिए पेपर लीक में शामिल सॉल्वर गिरोह के सरगना समेत अन्य सदस्यों तक पहुंचने की कोशिश ईओयू करेगी।

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