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    BPSC Protest: हाथों में तिरंगा और जुबां पर वंदे मातरम, ठंड में भी सड़क पर डटे बीपीएससी अभ्यर्थी; बोले- सरकार को...

    Updated: Wed, 25 Dec 2024 03:02 PM (IST)

    पटना में सर्दी बढ़ते जा रही है लेकिन बीपीएससी अभ्यर्थियों के आंदोलन ने राजनीति गर्म कर दी है। गर्दनीबाग का इलाका इन दिनों आंदोलनकारी छात्रों से भरा है। माइक से आवाज आती है बीपीएससी अध्यक्ष इस्तीफा दो फिर जोर से छात्रों का समूह इस्तीफा दो इस्तीफा दो का नारा बुलंद करने लगती है। कभी सड़क पर ही अभ्यर्थी हाथों में तिरंगा झंडा लेकर राष्ट्र गान शुरू कर देते हैं।

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    ठंढ में भी सड़क पर डटे बीपीएससी अभ्यर्थी

    विद्या सागर, पटना। पटना में गर्दनीबाग का इलाका आंदोलनकारी छात्रों की भिड़ से खचाखच भरा है। बीपीएससी के खिलाफ सड़क पर भाषणों का दौर शुरू है। एक गए दूसरे आए। फिर नारा बुलंद हो जाता है।

    कोई परीक्षा रद करो का नारा लगा रहा होता है तो भारत माता की जय और वंदे मातरम का। आंदोलन स्थल पर लगे पंडाल में एक से एक स्लोगन चिपकाए गए हैं। किसी पर लिखा है री एग्जाम तो किसी पर कुछ। इसी में एक पोस्टर पर लिखा है "क्या रखा है किताबी संसार में, आयो बिना पढ़े टॉपर बन जाएं बिहार में"।

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    गर्दनीबाग में आंदोलन कर रहे बीपीएससी अभ्यर्थी परीक्षा रद करने व फिर से परीक्षा कराने की मांग को लेकर अड़े हैं। वहीं, बीपीएससी ने स्पष्ट कर दिया है कि परीक्षा रद नहीं होगा। अभ्यर्थी आगे की परीक्षा की तैयारी करें।

    आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि बापू परीक्षा भवन में परीक्षा के दौरान हुई गड़बड़ी के बाद बापू परीक्षा केंद्र की परीक्षा रद किया गया है। यहां 12 हजार परीक्षार्थी हैं। यानी जो छोटे जिले के बराबर यहां एक केंद्र पर परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। ऐसे में सभी विद्यार्थियों को समान अवसर प्रदान नहीं होगा।

    अभ्यर्थियों का कहना है कि या तो इन्हें पहले से टफ सवाल पूछे जाएंगे या फिर आसान। अगर आसान सवाल पूछे गए तो पूर्व में जो परीक्षा दिए हैं उनके साथ भेदभाव होगा।

    वहीं अगर टफ सवाल पूछे गए तो इन 22 हजार अभ्यर्थियों के साथ नाइंसाफी होगा। ऐसे में सभी को समान अवसर मिले इसके लिए जरूरी है कि पुनः परीक्षा आयोजित की जाए और सभी को समान अवसर मिले।

    क्या कहती हैं सहरसा की मीनू सिंह

    पटना में तीन वर्षों से रह कर बीपीएससी की तैयारी कर रहीं सहरसा की मीनू सिंह कहती हैं- बड़ी मुश्किल से भिड़ का सामना करते हुए सुपौल गए थे परीक्षा देने। निकले तो पता चला प्रश्न पत्र इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित है।

    हालांकि बीपीएससी ने स्पष्ट किया कि इंटरनेट पर प्रसारित प्रश्न पत्र फर्जी है लेकिन बापू परीक्ष भवन में हुए हंगामे में बाद वहां का परीक्षा रद कर पुनः उस केंद्र का परीक्षा लेना आम अभ्यथियों के साथ अन्याय है।

    हमलोग न्याय के लिए यहां आये हैं। सरकार से हमारी मांग है कि पुनः परीक्षा हो और सभी को समान अवसर मिले।

    क्या कहती हैं मीनू तिवारी

    पटना की मीनू तिवारी ने बताया कि ये बीपीएससी में उसका दूसरा अटेम्प था। मां-पापा बड़ी उम्मीद से पढ़ा रहे हैं। जब परीक्षा देकर आटो में बैठी तो पता चला प्रश्न पत्र तो इंटरनेट पर प्रसारित था। घर गए तो पापा ने पूछा कैसा गया परीक्षा, उन्हें बताई ठीक गया तो पूछे ठीक गया या बहुत अच्छा।

    बाद में पता चला बापू परीक्षा केंद्र का परीक्षा रद हो गया है। फिर से परीक्षा होगा उस केंद्र पर। मन बेचैन हो गया। आप कैसे उम्मीद करते हैं 12 हजार परीक्षाथियों का पुनः परीक्षा हो और शेष का नहीं ये तो भेदभाव है। बीपीएससी से हम लोग सिर्फ सभी परीक्षार्थियों के लिए समान अवसर की मांग कर रहे हैं।

    क्या कहती हैं संयुक्ता

    पटना की रहने वाली संयुक्ता ने बताया कि वो दो वर्षों से परीक्षा की तैयारी कर रही है। इस बार बीपीएससी में उसका पहला अटेम्प था। पिछले सात दिनों से लगातार आंदोलन स्थल पर बैठी है।

    संयुक्ता ने कहा कि बिना पुनः परीक्षा के घोषणा के बिना हमलोग आंदोलन समाप्त नहीं  करेंगे। सरकार को बीपीएससी अभ्यर्थियों की मांगों पर गम्भीरता पूर्वक विचार करना चाहिए।

    रिंकू सिंह ने क्या कहा?

    दो वर्षों से बीपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे रिंकू सिंह कहते हैं कि बापू परीक्षा भवन में 12 हजार परीक्षार्थियों की पुनः परीक्षा होगी। इस संख्या को देखें तो लगभग दो छोटे जिले में आयोजित परीक्षा के बराबर यहां एक केंद्र पर अभ्यर्थी हैं।

    परीक्षा में धांधली हुई या नहीं यह तो जांच का विषय है लेकिन एक तरफ आप इतनी बड़ी संख्या में छात्रों को पुनः परीक्षा का अवसर दे रहे हैं तो दूसरी ओर शेष अभ्यर्थियों को आप इससे वंचित कर रहे हैं। फिर बीपीएससी सभी अभ्यर्थियों को एक समान अवसर कहां दे रहा है।

    यही हमारे आंदोलन का मुख्य बिंदु है। सभी को समान अवसर मिले। इस परीक्षा को रद कर फिर से परीक्षा ली जाए। बीपीएससी पेपर लीक का प्रूफ मांग रही है यह तो सरकार के एजेंसी को जांच करना चाहिए।

    हमलोग जांच एजेंसी तो हैं नहीं। सरकार को हमारी मांगों पर विचार करना चाहिये। जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।

    मीडिया में प्रशासन ने बयान दिया कि गर्दनीबाग अस्पताल में तोड़फोड़ की गई, लेकिन हकीकत कुछ और है वहां किसी भी तरह की तोड़फोड़ नहीं हुई। आंदोलन कर रहे कुछ विद्यार्थियों की तबीयत खराब होने के बाद हमलोग उन्हें इलाज के लिए वहां ले गए थे।

    ये हैं बीपीएससी अभ्यर्थियों की मांगें

    • बीपीएससी की पुनः परीक्षा हो
    • सभी अभ्यर्थियों को समान अवसर मिले
    • बीपीएससी के चेयरमैन को हटाया जाए

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