Bihar Politics: भाजपा से जुड़े संगठनों के पुनर्गठन में देरी, भावी पीढ़ी पद के लिए कर रही इंतजार
बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को एक वर्ष पूरा होने पर भी अनुषांगिक संगठनों का पुनर्गठन नहीं हुआ है जिससे कार्यकर्ताओं में बेचैनी है। विधानसभा चुनाव नजदीक होने के कारण नेतृत्व बदलाव को लेकर दुविधा में है और पुरानी टीम के साथ ही चुनाव जीतने की रणनीति पर विचार कर रहा है।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को नेतृत्व संभालते हुए एक वर्ष पूरे हो गए, लेकिन अभी तक पार्टी के अनुषांगिक संगठन का पुनर्गठन नहीं हुआ। इसमें मुख्य रूप से सात मोर्चा के साथ ही विभिन्न प्रकोष्ठ, प्रकल्प एवं विभाग सम्मिलित हैं।
विधानसभा चुनाव सामने है। ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की बेचैनी बढ़ने लगी है। विशेषकर संगठनात्मक कार्य में वर्षों से बगैर किसी पद के स्वयं को समर्पित करने वाले कुछ कार्यकर्ताओं की पीड़ा अब छलकने लगी है। वहीं, कुछ वरिष्ठ कार्यकर्ता ऐसे भी हैं, जो पदोन्नति की प्रतीक्षा में धैर्य व संयम के साथ ढाई-तीन दशक से डटे हुए हैं।
परिवर्तन को लेकर कश्मकश
इधर, परिवर्तन को लेकर नेतृत्व के समक्ष कश्मकश की स्थिति बनी हुई है। विधानसभा चुनाव की घोषणा में चंद दिन शेष हैं। संगठनात्मक गतिविधियां भी तेजी से बढ़ती जा रही है। ऐसे में किसी तरह की जोखिम से प्रदेश अध्यक्ष बचना चाह रहे हैं। कारण यह है कि चुनावी तैयारियों को लेकर संगठन के समक्ष दायित्व का दबाव अधिक है। इस वजह से रणनीतिकार से नए सिरे से बदलाव की जगह पुरानी टीम के सहारे महासमर को पार करने की जुगत में हैं।
कहां-कहां हैं अवसर?
अनुषांगिक संगठन में सबसे अहम सात मोर्चा हैं। इसमें महिला मोर्चा, युवा मोर्चा, किसान मोर्चा, पिछड़ा मोर्चा, एससी मोर्चा, एसटी मोर्चा एवं अल्पसंख्यक मोर्चा है। वहीं, प्रकोष्ठ की बात करें तो चिकित्सा प्रकोष्ठ एवं शिक्षा प्रकोष्ठ, व्यापार प्रकोष्ठ, विधि प्रकोष्ठ के अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के 16 प्रकोष्ठ हैं। जबकि भाजपा के 18 विभाग में सुशासन, पालिसी रिसर्च, मीडिया, मीडिया संपर्क, प्रशिक्षण, राजनीतिक सुझाव एवं संवाद, राष्ट्रीय कार्यक्रम और बैठकें, पुस्तकालय एवं दस्तावेज, सहयोग एवं आपदा राहत सेवाएं, अध्यक्ष कार्यालय, प्रवास कार्यक्रम, प्रचार साहित्य, ट्रस्ट समन्वय, चुनाव प्रबंधन, चुनाव आयोग, कानूनी मामले, पत्रिका एवं प्रकाशन, आइटी-वेबसाइट एवं सोशल मीडिया प्रबंधन, विदेशी मामले विभाग सम्मिलित हैं।
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