'मस्जिदों और दरगाहों पर...', वक्फ संशोधन बिल पर क्या बोले सम्राट चौधरी; लालू यादव पर साधा निशाना
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर बिहार में सियासत गरमा गई है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि यह बिल गरीब एवं पिछड़े मुसलमानों के पक्ष में है लेकिन लालू यादव सहित विपक्ष के कई नेता वोट बैंक की राजनीति के तहत बिल पर देश को गुमराह कर रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य व विधि मंत्री मंगल पांडेय ने इसे ऐतिहासिक पहल बताया।
राज्य ब्यूरो, पटना। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि लोकसभा में पेश वक्फ संशोधन बिल गरीब एवं पिछड़े मुसलमानों के पक्ष में है, लेकिन लालू यादव सहित विपक्ष के कई नेता वोट बैंक की राजनीति के तहत बिल पर देश को गुमराह कर रहे हैं।
सम्राट ने कहा कि लालू यादव ने यूपीए सरकार के समय 2010 में स्वीकार किया था कि वक्फ के नाम पर लोगों की कीमती जमीन हड़पी जा रही है, इसलिए इस तरह की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए वक्फ कानून में संशोधन कर कड़े प्रावधान करने चाहिए।
'15 साल बाद जब पीएम मोदी...'
उन्होंने कहा कि 15 साल बाद जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने व्यापक विचार-विमर्श के साथ वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया है, तब लालू इसका विरोध कर रहे हैं। कानून का पालन करते हुए बनी मस्जिदों-दरगाहों पर वक्फ संशोधन बिल का कोई असर नहीं पड़ेगा, इसलिए मुस्लिम समाज के जागरूक लोग बिल के समर्थन में आगे आने लगे हैं। इस बदलाव से विपक्ष के पेट में दर्द हो रहा है।
उन्होंने कहा कि वक्फ कानून की विसंगति दूर कर यह बिल वक्फ बोर्ड को अधिक संवैधानिक बनाने वाला हैं। अब किसी जमीन पर वक्फ के दावे को एकतरफा लागू नहीं किया जा सकेगा, बल्कि उसे अदालत में चुनौती दी जा सकेगी।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग कहते हैं कि देश संविधान से चलेगा, वही लोग वक्फ बोर्ड को असंवैधानिक तरीके से चलाते रहना चाहते हैं।
विपक्ष व मुस्लिम संगठनों का विरोध राजनीति से प्रेरित: मंगल पांडेय
स्वास्थ्य व विधि मंत्री मंगल पांडेय ने वक्फ संशोधन बिल-2024 को बुधवार को संसद में पेश किए जाने का स्वागत करते हुए इसे ऐतिहासिक पहल बताया है।
उन्होंने कहा कि इस बिल को पारित करने के पीछे सरकार का उद्देश्य पुराने वक्फ कानून को पारदर्शी व न्यायसंगत बनाना है। विपक्ष व मुस्लिम संगठनों का विरोध तुष्टिकरण की राजनीति से प्रेरित है। 2022 से अब तक देश के अलग-अलग हाईकोर्ट में वक्फ एक्ट से जुड़ी करीब 120 याचिकाएं दायर कर मौजूदा कानून में कई खामियां बताई गईं।
पांडेय ने कहा कि पुराने वक्फ कानून की खामियों की वजह से आम लोगों के लिए वक्फ जैसी ताकतवर संस्था के फैसले को कोर्ट में चौलेंज करना आसान नहीं है। इन याचिकाकर्ताओं की सबसे महत्वपूर्ण मांग है कि धार्मिक आधार पर कोई ट्रिब्यूनल नहीं होना चाहिए। वक्फ संपत्तियों पर फैसला सिविल कानून से हो, न कि वक्फ ट्रिब्यूनल से।
संशोधित वक्फ कानून के पारित होने व अस्तित्व में आने के बाद न केवल कई पेचीदगियों का समाधान होगा बल्कि पारदर्शी तरीके से आम व गरीब मुसलमानों के कल्याणार्थ वक्फ परिसम्पतियों का प्रबंधन भी संभव होगा। विभिन्न तबकों की मुस्लिम महिलाओं व गरीबों को उनका वाजिब हक मिल सकेगा।
वक्फ संशोधन विधेयक अन्याय के जड़ पर प्रहार: दानिश इकबाल
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने वक्फ संशोधन विधेयक की प्रशंसा करते हुए कहा है कि वक्फ संशोधन विधेयक अन्याय के जड़ पर प्रहार है। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड आज सिर्फ कुछ लोगों के हाथ में है, जबकि इस विधेयक के पास हो जाने के बाद यह बोर्ड पारदर्शी और जवाबदेह बन जाएगा।
इकबाल ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ लोग इसे असंवैधानिक व मुस्लिम विरोधी बता रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि यह विधेयक किसी धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध है। वक्फ बोर्ड आज कुछ सीमित लोगों के हाथ में है। यह संशोधन पहले ही पास हो जाना चाहिए था।
उन्होंने कहा, सही अर्थों में वक्फ की संपत्ति गरीब मुस्लिमों के लिए थी, लेकिन आज कुछ भू-माफिया इन संपत्तियों के ठेकेदार बने हुए हैं। इस विधेयक का विरोध करने वालों को यह बताना चाहिए कि किसी गरीब मुस्लिम को वक्फ से फायदा हुआ। कितने अस्पताल खुले, कितने स्कूल खुले।
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