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    'लालू ने कहा था चोरी करने वालों को जेल भेजो', अमित शाह ने संसद में पढ़ा RJD सुप्रीमो का पुराना बयान

    लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का एक पुराना बयान पढ़ा। जिसमें लालू ने वक्फ को लेकर एक कड़ा कानून लाने की मांग की थी। अमित शाह ने कहा कि वक्फ एक प्रकार की चैरिटेबल संस्था है जहां कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति को सामाजिक धार्मिक या जनकल्याण के उद्देश्य से दान करता है।

    By Jagran News Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 02 Apr 2025 06:53 PM (IST)
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    अमित शाह ने संसद में पढ़ा RJD सुप्रीमो का पुराना बयान

    डिजिटल डेस्क, पटना/नई दिल्ली। लोकसभा में बुधवार (2 अप्रैल) को वक्फ संशोधन बिल पेश किया गया। बिल पर खूब बहस छिड़ी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस पर अपना पक्ष रखा। वहीं, उन्होंने विपक्षी नेताओं को लालू यादव का एक पुराना बयान भी याद दिलाया। जिसमें लालू ने वक्फ को लेकर एक कड़ा कानून लाने की मांग की थी। अमित शाह ने संसद में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का पुराना बयान पढ़ा।

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    शाह ने कहा कि

    'मैडम, सरकार ने जो ये संशोधन विधेयक पेश किया है। सरकार की पहल का हम स्वागत करते हैं। शाहनवाज हुसैन और अन्य सदस्यों ने अपनी बातों को यहां रखा, मैं उनका समर्थन करता हूं। आप देखिए कि सारी जमीनें हड़प ली गई हैं। चाहे सरकारी हो या गैर सरकारी, वक्फ बोर्ड में जो काम करने वाले लोग हैं। उनके द्वारा सारी प्राइम लैंड को बेच दिया गया है। पटना में ही डाक बंगले की जितनी प्रॉपर्टी थी, सब पर आपर्टमेंट बन गए। इस तरह की काफी लूट-खसोट हुई है। हम संशोधन विधेयक तो आपको अंत में लाए हैं, समर्थन करते हैं, लेकिन मैं चाहता हूं कि भविष्य में आप कड़ा कानून लाइए। ये जो चोरी करने वाले लोग हों, उनको जेल की सलाखों के पीछे डालिए।'

    अमित शाह ने इसके बाद विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि अब साहब; लालू प्रसाद की इच्छा इन्होंने तो पूरी नहीं की नरेंद्र मोदी जी ने पूरी कर दी। शाह की इस बात को सुनकर एनडीए के सदस्यों ने हंसते हुए अपनी मेज भी थपथपाई।

    अमित शाह ने हंसते हुए कहा कि ये लालू यादव ने कहा था कि कड़ा कानून लाइए। इसके बाद शाह ने अन्य सदस्यों का भी पुराना भाषण पढ़ा।

    अमित शाह ने और क्या कहा?

    इसके अलावा, अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि वक्फ एक प्रकार की चैरिटेबल संस्था है, जहां कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति को सामाजिक, धार्मिक या जनकल्याण के उद्देश्य से दान करता है, बिना उसे वापस लेने के अधिकार के। इसमें 'दान' शब्द का विशेष महत्व है, क्योंकि दान केवल उसी चीज का किया जा सकता है, जो हमारी स्वयं की संपत्ति हो। सरकारी संपत्ति का दान कोई नहीं कर सकता।

    उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को डराकर वोट बैंक खड़ा किया जा रहा है। भय का माहौल बनाकर भारत में भ्रांति फैलाई जा रही है। गृह मंत्री शाह ने सदन में कहा कि जो लोग धार्मिक संस्थाओं का संचालन करते हैं, उनमें किसी गैर-मुस्लिम व्यक्ति को शामिल करने का प्रावधान न पहले था और न ही एनडीए सरकार ऐसा करने जा रही है।

    जो लोग बड़े-बड़े भाषण देते हैं कि समानता का अधिकार खत्म हो गया या दो धर्मों के बीच भेदभाव होगा या मुस्लिमों के धार्मिक अधिकारों में दखल दिया जाएगा, उन्हें कहना चाहता हूँ कि ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला है।

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