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    BJP Star Campaigner: पुराने और प्रभावी चेहरे हो गए ओझल, स्टार प्रचारकों की लिस्ट से हटे कई नाम; क्या है BJP की रणनीति?

    BIhar Political News इस चुनाव में भाजपा के कई प्रमुख चेहरे मैदान में प्रचार करते हुए दिखाई नहीं देंगे। पिछले चुनाव तक रघुवर दास उमा भारती शिवराज सिंह चौहान रमन सिंह आदि स्टार प्रचारक रहे हैं जो इस बार के स्टार प्रचारकों की सूची में नहीं। 40 नेताओं की इस सूची में कई कम प्रभाव वाले नाम भी हैं लेकिन पुराने व प्रभावी चेहरे ओझल हो गए हैं।

    By Jagran News Edited By: Mukul Kumar Updated: Wed, 10 Apr 2024 09:27 AM (IST)
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    BJP Star Campaigner पुराने और प्रभावी चेहरे हो गए ओझल

    राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News बिहार में भाजपा (BJP) व राजग (NDA) प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए इससे पहले दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री भी पहुंचा करते थे। पिछले चुनाव तक रघुवर दास, उमा भारती, शिवराज सिंह चौहान, रमन सिंह आदि स्टार प्रचारक रहे हैं, जो इस बार के स्टार प्रचारकों की सूची में नहीं।

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    40 नेताओं की इस सूची में कई कम प्रभाव वाले नाम भी हैं, लेकिन पुराने व प्रभावी चेहरे ओझल हो गए हैं। महत्वपूर्ण यह कि भाजपा में कभी ये चेहरे समुदाय विशेष के मतदाताओं के बीच एकमुश्त वोट की गारंटी वाले नेता के रूप में हुआ करते थे।

    इसलिए रघुवर दास का नाम नहीं किया गया शामिल 

    झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की पहचान वैश्य समाज के बीच थी। रघुवर वर्तमान में ओडिशा के राज्यपाल हैं। इस कारण स्टार प्रचार की सूची से बाहर हो गए। भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री होने के साथ ऋतुराज युवा चेहरा हैं। कायस्थ समाज के बीच प्रभावी होने के बावजूद उन्हें स्टार प्रचारकों की सूची में जगह नहीं मिली।

    इसी तरह भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के साथ राजपूत (क्षत्रीय) समाज से गोपाल नारायण सिंह भी उपेक्षित रह गए। वैश्य वर्ग को लुभाने वाले पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद का नाम भी इस सूची में नहीं। सीमांचल में वे पार्टी के बड़ा चेहरा हैं। गोपाल का नाम बिहार भाजपा में संगठन गढ़ने वाले नेताओं में सम्मिलित रहा है।

    वाकपटु चेहरे हुए बाहर

    विधानसभा अध्यक्ष पद पर होने के कारण नंदकिशोर यादव को चुनाव प्रचार से मुक्त रखा गया है। वे वाकपटु हैं और तथ्यों के साथ शालीनता से संवाद करते हैं।

    उनकी जगह नित्यानंद राय, नवल किशोर यादव के अलावा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पर भरोसा दिखाकर भाजपा ने यादव मतदाताओं को रिझाने की पहल की है। अब चुनाव परिणाम बताएगा कि यह पहल कितना कारगर व प्रभावी रही।

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