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    Bihar Politics: भाजपा नेताओं ने प्रशांत किशोर के आरोपों को बताया निराधार, कहा- दर्ज कराएंगे मुकदमा

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 07:34 PM (IST)

    भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने प्रशांत किशोर पर तथ्यहीन आरोप लगाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पीके द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप निराधार हैं। जायसवाल ने पीके के पेट्रोल पंप और नगर निगम के तेल कूपन के आरोपों को भी खारिज किया। उन्होंने पीके के चंदे और संपत्ति पर भी सवाल उठाए।

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    भाजपा नेताओं ने प्रशांत किशोर के आरोपों को बताया निराधार। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, पटना। जन सुराज पार्टी (जसुपा) के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) के विरुद्ध भाजपा सांसद डॉ. संजय जायसवाल यथाशीघ्र मुकदमा दर्ज कराएंगे। शनिवार को संजय ने कहा कि पीके के आरोप तथ्यहीन और दुर्भावनापूर्ण हैं।

    उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को प्रेस-वार्ता कर पीके ने उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल सहित संजय जायसवाल पर भ्रष्टाचार और हेराफेरी का आरोप लगाया था।

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    संजय ने कहा कि जिस पेट्रोल पंप का उल्लेख किया जा रहा, वह मेरे नाम नहीं। पीके ने अपने वकालतनामा में भी इसे स्वीकार किया है। वह भूखंड मेरे परदादा ने खरीदी थी।

    पेट्रोल पंप के कारण रोड-ओवरब्रिज के निर्माण में कोई व्यवधान नहीं आया। भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण ने आरटीआइ के उत्तर में बताया है कि ओवरब्रिज के एलायनमेंट में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।

    नगर निगम के वाहनों में डीजल-पेट्रोल सिटी मैनेजर द्वारा जारी कूपन पर ही मिलता है। पूरे बिहार में यही व्यवस्था है। इसमें हेराफेरी की गुंजाइश ही नहीं। फिर भी मैंने नगर निगम को विशेष बैठक और जांच के लिए कहा है।

    देश के सबसे धनी सांसद अयोध्या रामी रेड्डी ने जसुपा को चंदा दिया तो घाटे में डूबी कंपनी के जरिये। वह धन जसुपा के खाते में क्यों नहीं गया। प्रश्न यह कि पीके ने उस धन का क्या किया? जसुपा का चंदा मात्र 2.42 करोड़ ही क्यों है और खर्च मात्र 35 हजार रुपये ही क्यों?

    निर्वाचन आयोग को पीके ने यही हिसाब बताया है। उल्लेखनीय है कि पीके ने पेट्रोल पंप के कारण ओवरब्रिज के निर्माण को लटकाए रखने और नगर निगम के वाहनों के लिए पेट्रोल की फर्जी बिलिंग कर 5.87 करोड़ रुपये के घपले का आरोप लगाया है।

    शेल कंपनियां बनाकर फर्जीवाड़ा कर रहे पीके: BJP

    पटना में प्रेस-वार्ता कर भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष पाठक ने कहा कि पीके ने फ्राड पर आधारित एक राजनीतिक स्टार्टअप शुरू किया है, जिसका मूल लक्ष्य शेल एवं बेनामी कंपनियों के माध्यम से कालाधन अर्जित करना है।

    जसुपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह, उनके पुत्र अभिनव सिंह, उनके बेनामी अध्यक्ष शरत मिश्रा और पीके की बहनें (प्रियंका किशोर व शेफाली किशोर) ने मिलकर दर्जनों कंपनियों के माध्यम से सैकड़ों करोड़ का वारा न्यारा किया है।

    बंगाल से पीके को 371 करोड़ मिले हैं, जबकि वहां चुनाव 2021 में हो चुका है। संदेह है कि पीके महागठबंधन के लिए काम कर रहे। बिहार में टिकट वितरण के लिए अब तक 21 हजार आवेदकों से 50 करोड़ से ज्यादा रुपये लिए हैं। इनके पेड स्टाफ गांव-गांव से उगाही कर रहे। पीके को जवाब देना चाहिए।

    आरोप वापस लें, नहीं तो कानून का सहारा लेंगे: अनिता कुणाल

    मानवीय विभव विकास न्यास ने जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर को आरोप साबित करने की चुनौती दी है। न्यास के अध्यक्ष एवं पूर्व आइएएस जियालाल आर्य एवं सचिव अनिता कुणाल ने शनिवार को कहा कि आरोप सिद्ध न करने की हालत में किशोर इसे वापस लें। अन्यथा हम कानूनी विकल्पों का सहारा लेंगे।

    मालूम हो कि पीके ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी की पत्नी एवं न्यास की सचिव के खाते में धन का लेन देन हुआ है। न्यास की ओर से कहा गया है कि यह शैक्षणिक संस्थाओं का संचालन करता है।

    ज्ञान निकेतन, ज्ञान निकेतन गल्स स्कूल, बिट्ठल कालेज आफ एजुकेशन एवं ज्ञान निकेतन इंटरनेशल स्कूल न्यास की ओर से संचालित शैक्षणिक संस्थान हैं। किसी मंदिर या अस्पताल के संचालन में इसकी कोई भूमिका नहीं है।

    ये सभी शैक्षणिक संस्थान अपनी गुणवत्ता एवं पारदर्शिता के लिए जाने जाते हैं। न्यास से अशोक चौधरी के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कोई आर्थिक लेन देन नहीं हुआ है। न्यास ने आरोेप लगाया कि पीके अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षा को पूरा करने के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों के नाम का सहारा ले रहे हैं। क्योंकि इन आरोपों से संस्था की गरिमा पर प्रहार हुआ है।

    घोषित संपत्ति से मेरे पास एक इंच अधिक जमीन नहीं: अशोक चौधरी

    भवन निर्माण मंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने कहा है कि उनके पास कोई बेनामी संपत्ति नहीं है। मंत्री बनने के बाद वे हर साल अपनी संपत्ति का लिखित ब्योरा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपते हैं। वह सब रिकार्ड में है। उसमें जमीन का ब्यौरा भी दर्ज है।

    अगर दर्ज ब्यौरे अधिक जमीन मिले तो हम दोषी हैं। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर का आरोप दुर्भावनापूर्ण है। उन्होंने कहा कि योगेंद्र दत्त से खरीदी गई जमीन के कुछ हिस्से का बाद में भुगतान किया गया था।

    यह आम बात है। परिचितों से जमीन की खरीद में देर-सवेर लेन देन होता है। उन्होंने कहा कि उनकी ओर से प्रशांत किशोर को नोटिस दिया गया है। इसी बौखलाहट में वे अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं।

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