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    Bihar Politics: तेजस्वी यादव को बिहार सरकार के मंत्री ने भेजा लीगल नोटिस, कहा - माफी मांगें वरना...

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 06:32 PM (IST)

    नगर विकास मंत्री जिबेश कुमार ने राजद नेता तेजस्वी यादव को कानूनी नोटिस भेजा है जिसमें उनसे 15 दिनों में सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की गई है। ऐसा न करने पर मानहानि का मुकदमा दायर करने की चेतावनी दी गई है। यह नोटिस सिप्रोफ्लोक्सेसिन दवा (सिप्रोलीन-500) के उत्पादन और नकली दवा के आरोप से जुड़ा है।

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    तेजस्वी यादव को मानहानि का लीगल नोटिस। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, पटना। नगर विकास मंत्री जिबेश कुमार ने राजद नेता तेजस्वी यादव को कानूनी नोटिस भेजकर कहा है कि 15 दिनों में सार्वजनिक रूप से क्षमायाचना करें, अन्यथा उनके विरुद्ध मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे।

    यह नोटिस कथित तौर पर झूठे, दुर्भावनापूर्ण और मानहानिकारक बयानों और न्यायिक कार्यवाही को गलत तरीके से प्रस्तुत करने के आधार पर भेजा गया है।

    मामला सिप्रोफ्लाक्सेसिन दवा (सिप्रोलीन-500) के उत्पादन और विपणन से जुड़ा है। इस प्रकरण में न्यायिक कार्रवाई से गुजर चुके जिबेश को सत्र न्यायाधीश द्वारा राहत भी मिल चुकी है, इसके बावजूद तेजस्वी ने जिबेश के विरुद्ध नकली दवा के उत्पादन-बिक्री का आरोप लगाया था।

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    आरोपों को बताया बेबुनियाद

    2012 के उस प्रकरण का ब्योरा देते हुए जिबेश के वकील विंध्याचल राय ने नोटिस में लिखा है कि जिबेश मेसर्स आल्टो हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हुआ करते थे।

    राजस्थान में राजसमंद के औषधि नियंत्रण अधिकारी ने जिस सिप्रोलिन दवा को जब्त किया था, वह जयपुर के औषधि परीक्षण प्रयोगशाला में जांच में खरी उतरी।

    दवा की मात्रा 92.339 प्रतिशत के बराबर थी, जो अनुमान्य सीमा (90 से 110 प्रतिशत के बीच) है। मेसर्स फ्रांसिस बायोटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित उस दवा को आल्टो कंपनी वितरक के रूप में खरीदती थी।

    प्रयोगशाला के किसी भी निष्कर्ष ने दवा को गलत ब्रांड वाली, मिलावटी या नकली के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया। राजसमंद के सीजेएम कोर्ट ने 04 जून, 2025 को मुकदमे का सामना कर रहे अभियुक्तों को रिहा करने का निर्णय सुनाया।

    उस निर्णय के विरुद्ध जिबेश सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में अपील दायर किए। सत्र न्यायाधीश ने 30 जून, 2025 के आदेश द्वारा अपीलकर्ताओं को जमानत ही नहीं दी, बल्कि सीजेएम कोर्ट के आदेश के क्रियान्वयन पर भी रोक लगा दी।

    इसके बावजूद अपने बयानों से तेजस्वी ने जिबेश की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है। अगर वे क्षमायाचना नहीं करते हैं तो उनके विरुद्ध दीवानी के साथ फौजदारी का भी मुकदमा होगा।