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    Bihar Politics: 'जैसे राहुल वेटिंग फॉर PM हैं, वैसे ही तेजस्वी भी...'; लालू के लाल पर BJP नेता का तंज

    भाजपा के प्रवक्ता मनोज शर्मा ने महागठबंधन की बैठक पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लालू परिवार महागठबंधन की सारी मलाई खा रहा है। तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनने के लिए दबाव बना रहे हैं लेकिन घटक दल अब परेशान हो चुके हैं। भाजपा का कहना है कि इस बार तेजस्वी को नेता प्रतिपक्ष की भूमिका से ही संतोष करना होगा।

    By Raman Shukla Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 17 Apr 2025 07:31 PM (IST)
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    जैसे राहुल वेटिंग फॉर पीएम हैं, वैसे ही तेजस्वी भी वेटिंग फॉर सीएम रहेंगे: मनोज शर्मा

    राज्य ब्यूरो, पटना। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा ने महागठबंधन की बैठक पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राजा का बेटा राजा बनने के लिए व्याकुल है। एन-केन-प्रकारेण किसी भी तरह से राजा का बेटा चाहता है कि उसे राजा घोषित कर दिया जाए, लेकिन इस बार महागठबंधन के घटक दल इस मूड में नहीं दिख रहे हैं।

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    राहुल गांधी जैसे वेटिंग फॉर पीएम हैं, उसी तरह से तेजस्वी यादव वेटिंग फॉर सीएम रहेंगे, क्योंकि बिहार में सीएम पद की कोई वैकेंसी नहीं निकली है। हां, यह जरूर है कि वह जिस तरह से मेहनत कर रहे हैं वह इतनी संख्या जरूर ला सकते हैं जिससे प्रतिपक्ष के नेता बन सके।

    'महागठबंधन की सारी मलाई खाने वाले लालू परिवार...'

    उन्होंने कहा कि 2010 में पूरे महागठबंधन की स्थिति यह थी अलग से सत्तारूढ़ दल ने विपक्षी दल की मान्यता दी थी। इस बार भी वही स्थिति होनी है। वजह साफ है कि महागठबंधन की सारी मलाई खाने वाले लालू परिवार के लोग अपने दल में तो परिवारवाद चला ही रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि अब गठबंधन में भी वह चाहते हैं उन्ही का दबदबा रहे और यही वजह है कि तेजस्वी यादव लगातार अपने घटक दलों पर दबाव बना रहे हैं कि उनके नाम की घोषणा मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर कर दी जाए, लेकिन अब घटक दल पिछले कई सालों से लालू परिवार के पीछे चलते-चलते परेशान हो चुके हैं। अब वह कुछ नया चाहते हैं, इसलिए राजा का बेटा राजा होगा, ऐसा नहीं हो सकता है।

    महागठबंधन अवसरवादी गठजोड़, जमीन पर कोई तालमेल नहीं: जदयू

    वहीं, जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने गुरुवार को कहा कि विपक्षी गठबंधन महज सत्ता की लालसा में बना अवसरवादी गठजोड़ है। जमीन हकीकत यह है कि इनमें न कोई तालमेल है न समन्वय। एनडीए के सामने विपक्षी दलों का यह स्वार्थ आधारित गठबंधन चुनाव में पूरी तरह से धाराशायी होगा।

    जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि महागठबंधन के पास न तो कोई सशक्त नेतृत्व है न ही कोई स्पष्ट नीति। जनहित को लेकर कोई ठोस विजन नहीं है। जहां एक ओर एनडीए गठबंधन जिला सम्मेलनों के माध्यम बूथ स्तर तक अपने सभी घटक दलों के कार्यकर्ताओं को एकसूत्र में बांधने का काम कर चुका है वहीं महागठबंधन आंतरिक खींचतान में उलझा पड़ा है।

    उन्होंने कहा कि राजद और कांग्रेस के बीच सिरफुटौव्वल की स्थिति बनी हुई है। दोनों दल एक-दूसरे को लंगाकर गिराने को आतुर हैं। जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने यह दावा किया कि आनेवाले विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन 225 से अधिक सीटों पर ऐतिहासिक जीत दर्ज करेगा।

    तेजस्वी को मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं मानता महागठबंधन: निषाद

    जदयू के प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा है कि महागठबंधन के दल ही जब तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं मान रहे हैं तो आम जनता उन पर कैसे भरोसा करेगी।

    गुरुवार को राजद कार्यालय में महागठबंधन की बैठक का आयोजन इसी लक्ष्य से किया गया था कि तेजस्वी को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया जाए, लेकिन महागठबंधन के दलों ने इसे स्वीकार नहीं किया।

    उन्होंने आरोप लगाया कि तेजस्वी ने सहयोगी दलों के नेताओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार नहीं किया। विकासशील इंसान पार्टी के नेता मुकेश सहनी इस बैठक में विधानसभा की 60 सीटों पर लड़ने का दावा पेश नहीं कर पाए।

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