Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Politics: अब उठेंगे बगावत के सुर! चुनाव लड़ने का सपना संजोने वाले कई BJP नेताओं को लगा झटका

    Updated: Sun, 20 Jul 2025 09:38 PM (IST)

    भाजपा के कई वरिष्ठ नेता विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे लेकिन पार्टी ने उन्हें जिला प्रभारी बना दिया जिससे वे निराश हैं। कई नेताओं को अपने से कम अनुभवी कार्यकर्ताओं के अधीन काम करना होगा जिससे वे असहज हैं। कुछ नेताओं ने पार्टी नेतृत्व को सूचित किया है कि वे इस जिम्मेदारी को नहीं निभा पाएंगे क्योंकि यह उनके कद के अनुसार नहीं है।

    Hero Image
    प्रस्तुति को लेकर इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा चुनाव लड़ने का सपना संजोने वाले भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं को नेतृत्व ने जिलों का प्रभारी बनाकर झटका दिया है। वे प्रदेश उपाध्यक्ष, प्रदेश मंत्री, विभिन्न मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व संभाल चुके नेता हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जिला प्रभारी बनाए गए कई नेताओं की पीड़ा यह है उन्हें कभी अधीनस्थ रहे कार्यकर्ताओं के नीचे का काम करना होगा। इसे ध्यान में रखते हुए कुछ नेताओं ने सीधे तौर पर नेतृत्व को तो कई ने दूसरे माध्यम से दायित्व संभालने से भी किनारा करने की सूचना दे दी है। कई वरिष्ठता की अनदेखी से आहत हैं।

    अभी भी उम्मीद कायम

    कुछ एक नेताओं की पीड़ा यह है कि तीन से साढ़े तीन दशक लंबा कालखंड होता है। लंबी अवधि तक पार्टी की सेवा करने के उपरांत अब संगठन एवं नेतृत्व से उम्मीद है कि चुनाव में अवश्य ही उनके नाम पर विचार किया जाएगा।

    कुछ नया नहीं होता है तब तक वह संगठन में दिए गए दायित्व के प्रति अपने अनुभव का शतप्रतिशत योगदान सुनिश्चित करेंगे। कई जिला प्रभारियों का दावा है कि वह विधायकी लड़ने के लिए अपने चिह्नित क्षेत्र में वह निरंतर जुड़े हुए हैं। प्रदेश नेतृत्व के साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को इससे अवगत भी करा दिया है। अब उचित अवसर एवं समय की प्रतीक्षा है।

    उल्लेखनीय है कि भाजपा ने 52 संगठनात्मक जिलों में भाजपा ने कई पूर्व जिलाध्यक्ष को भी प्रभारी का दायित्व दिया है।

    आयोग, बोर्ड एवं निगम के दायित्व नहीं संतुष्ट

    भाजपा ने कई कार्यकर्ताओं एवं वरिष्ठ नेताओं के साथ पार्टी के पूर्व प्रदेश पदाधिकारियों को सरकार की ओर से नवगठित आयोग, बोर्ड एवं निगम में विभिन्न श्रेणी के पदों पर समायोजित किया गया है। इसमें से भी कई नेताओं ने दायित्व ग्रहण करने से किनारा कर लिया है।

    नेताओं का तर्क है कि उन्हें जो पद दिया गया है। वह उनके कद की तुलना सम्मान जनक नहीं है। यही वजह है कि दायित्व ग्रहण करने से इनकार कर दिया है।

    यह भी पढ़ें- 

    बिहार चुनाव में महागठबंधन और NDA की बढ़ेगी मुश्किलें, इस पार्टी ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का किया एलान

    comedy show banner
    comedy show banner