BJP नेता का बड़ा बयान- नीतीश और बीजेपी के बीच विलेन बन रहे सुशील मोदी
भाजपा सांसद भोला सिंह ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि सुशील मोदी भाजपा और नीतीश के बीच खलनायक की भूमिका निभा रहे हैं। वो नही चाहते कि नीतीश भाजपा के साथ आएं।
पटना [जेएनएन]। भाजपा सांसद भोला सिंह ने अपने ही पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा है कि सुशील मोदी नीतीश और बीच के बीच खलनायक बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि सुशील मोदी की वजह से ही बीजेपी और नीतीश कुमार के बीच सही ढंग से तालमेल नहीं हो पा रहा है।
उन्होंने पार्टी को सलाह देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक अलग व्यक्तित्व वाले नेता हैं और वो बीजेपी के साथ आनान चाहते हैं लेकिन सुशील मोदी ही नहीं चाहते कि नीतीश बीजेपी के साथ आएं।
नीतीश के बीजेपी में आने से बिहार का ही भला होगा, बिहार को आगे बढ़ाना है तो एेसे में नीतीश को बीजेपी के साथ आना जरूरी है। भाजपा को अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए दरवाजा खोल देना चाहिए।
बेगूसराय से भाजपा के सांसद डॉक्टर भोला सिंह ने कहा कि बिहार की राजनीति के दुश्चक्र और दशा-दिशा का अगर कोई खलनायक है, तो वह स्वयं सुशील मोदी हैं, जिसे नायक होना चाहिए था। साथ ही उन्होंने आशंका जतायी कि सुशील मोदी 28 जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा के मॉनसून सत्र को ठीक से नहीं चलने देंगे।
उन्होंने कहा कि सुशील मोदी का फैसला भारतीय जनता पार्टी का फैसला नहीं हो सकता। बिना नीति तय किये हुए, विचार-विमर्श किये हुए, क्या ऐसा कदम उठाया जा सकता है?
भोला सिंह ने सलाह दी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए अभी भाजपा ने बड़ा धीरे से खिड़की खोली है। वहीं, सुशील मोदी उस खिड़की को धीरे से बंद कर रहे हैं। भाजपा को खिड़की बंद करके दरवाजा खोलने की जरूरत है।
उन्होंने नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि बिहार केशरी के बाद बड़ी मुश्किल से बिहार को ऐसा मुख्यमंत्री मिला है, जिसका अपना कोई परिवार नहीं है, जिसकी अपनी कोई दौलत नहीं है। जो राजनीतिक उद्देश्य के साथ-साथ बिहार की गौरव गरिमा को ऊंचाई पर ले जाना चाहता है, ऐसा व्यक्ति बड़ी मुश्किल से मिलता है।
भोला सिंह के बयान पर आपत्ति जाहिर करते हुए बीजेपी के प्रवक्ता विनोद नारायण झा ने कहा कि भोला सिंह उम्र दराज हो चुके हैं, इससे पहले अलग-अलग पार्टियों में रह चुके हैं। उनका बयान आपत्तिजनक है कि सुशील मोदी ने बिहार में भाजपा की साख को मजबूत किया है। जब नीतीश गठबंधन में थे तो उन्होंने उनके साथ कदमताल मिलाकर उपमुख्यमंत्री का पद संभाला था। उनपर एेसे आरोप नहीं लगाने चाहिए।
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