जगदानंद सिंह की राम मंदिर वाली टिप्पणी पर BJP का पलटवार, हिंदू आस्था का अपमान करने का आरोप लगाया
राष्ट्रीय जनता दल के नेता जगदानंद सिंह ने राम मंदिर पर अपनी टिप्पणी में यह कहते हुए विवाद खड़ा कर दिया है कि यह नफरत की जमीन (नफरत की भूमि) पर बनाया गया है। अब इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी ने भी करारा पलटवार किया है।
पटना, जेएनएन। राष्ट्रीय जनता दल के नेता जगदानंद सिंह ने राम मंदिर पर अपनी टिप्पणी में यह कहते हुए विवाद खड़ा कर दिया है कि यह 'नफरत की जमीन' (नफरत की भूमि) पर बनाया गया है। अब इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी ने भी करारा पलटवार किया है। भाजपा ने कहा है कि हिंदू आस्था का अपमान करना राजद और कांग्रेस के लिए धर्मनिरपेक्षता के बराबर है।
बता दें कि बिहार में राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने शुक्रवार को कहा था कि राम को भव्य महल यानी चहारदीवारी में कैद नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि नफरत की जमीन पर राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है।
राजद नेता जगदानंद सिंह का बयान क्या था
जगदानंद ने शुक्रवार को राजद प्रदेश कार्यालय में मीडिया से बातचीत में भाजपा पर हमला बोलते हुए यह बयान दिया था। उन्होंने कहा कि भारत में अब उन्मादियों के राम बनेंगे। अयोध्या के इस मंदिर में सबरी के, तुलसी के राम नहीं बल्कि पत्थरों के भीतर कैद एक राम रहेंगे। वो राम लोगों के, गरीबों के, झोपड़ियों में रहने वालों के राम नहीं होंगे। जगदानंद ने कहा कि एक चहारदीवारी में राम को कोई कैद नहीं कर सकता। राम सभी के दिल में हैं।
उन्होंने कहा कि नफरत की जमीन पर राम मंदिर बन रहा है। राम को एक शानदार महल में कैद नहीं किया जा सकता है ... हम 'हे राम' में विश्वास करने वाले लोग हैं, न कि 'जय श्री राम' में। जगदानंद सिंह ने यह भी कहा कि भारत की जनता तो सदियों से रामायण को लेकर बैठी है। सुबह से लेकर शाम तक उसका पाठ करती रहती है। अब भारत राम का नहीं रहेगा, लेकिन भारत में राम का मंदिर जरूर रहेगा। पत्थरों के बीच में राम रहेंगे।
भाजपा ने जगदानंद पर किया पटलवार
भारतीय जनता पार्टी ने राजद नेता की राम मंदिर मुद्दे पर टिप्पणी को लेकर पलटवार किया है। भाजपा ने अपने हमले में राजद के साथ कांग्रेस को भी लपेटा है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने राजद नेता जगदानंद सिंह पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया कि वे राम जन्मभूमि को 'नफरत की जमीन', राम मंदिर को 'चहारदीवारी', उन्मादी के राम कहते हैं। इससे पहले उन्होंने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाए जाने के दौरान हिंदुओं को निशाना बनाते हुए विवादित टिप्पणी की थी। हुसैन दलवई से जगदानंद सिंह तक यह विवादित टिप्पणी कोई संयोग नहीं है, बल्कि वोटबैंक के लिए एक प्रयोग है।
पूनावाला ने अपने ट्वीट में सवाल करते हुए लिखा कि हिंदू आस्था को गाली देना राजद-कांग्रेस के लिए धर्मनिरपेक्षता के बराबर है? बता दें कि बीती जुलाई में राजद नेता ने कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया की तुलना राष्ट्रीय स्वयंसेवक से की थी, जिसका भाजपा ने कड़ा विरोध किया था।
राजद नेता ने कहा था कि उनका (पीएफआई) संगठन आरएसएस की तरह है। वे भी अपने समुदाय की सेवा करना चाहते हैं, लेकिन आप उन्हें देशद्रोही क्यों कहते हैं? जब भी सुरक्षा बलों द्वारा खतरनाक लोगों को पाकिस्तानी एजेंट होने के आरोप में गिरफ्तार किया जाता है, तो वे सभी आरएसएस और हिंदू समुदाय से संबंधित पाए जाते हैं।