अधर में बिहटा ग्रिड, पटना की बिजली प्रभावित
पटना। नवनिर्मित बिहटा ग्रिड का निर्माण कार्य अधर में लटक गया है। इसका असर राजधानी की बिजली
पटना। नवनिर्मित बिहटा ग्रिड का निर्माण कार्य अधर में लटक गया है। इसका असर राजधानी की बिजली आपूर्ति पर पड़ना शुरू हो गया है। खगौल ग्रिड से वर्तमान समय में बिहटा को बिजली उपलब्ध कराई जा रही। खगौल ग्रिड के विस्तार के बाद भी बिहटा ग्रिड को बिजली उपलब्ध कराना असंभव हो गया है। नए ग्रिड का निर्माण नहीं हुआ, तो अगले वर्ष गर्मी के मौसम में खगौल, दीघा और बिहटा ग्रिड से जुड़े क्षेत्र में निर्बाध बिजली आपूर्ति संभव नहीं हो पाएगा। बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है।
बिहटा में जून 2013 से 220/132/33 केवी का ग्रिड निर्माण प्रस्तावित है। 99 करोड़ की लागत से निर्माण होना था। 20 करोड़ से अधिक के उपकरण भी आ गए हैं। अन्य उपकरण का ऑर्डर हो गया है। ग्रिड निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई तो चयनित स्थल से निकलने का रास्ता ही नहीं है। पहले यह जमीन बिहार सरकार की थी। बाद के दिनों में उस जमीन पर रसीद कट रही है। जिला प्रशासन भी इस विवाद को सुलझाने में रुचि नहीं ले रहा है।
खगौल ग्रिड में 220/132 केवी लाइन पर भार अधिक पड़ गया है। इस लाइन से बिहटा स्थित पुराने ग्रिड को भी बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। पटना की बिजली उपलब्ध कराने के चलते बिहटा ग्रिड से जुड़े क्षेत्र में बिजली संकट उत्पन्न हो रहा है। बिहटा ग्रिड अधिक बिजली ले लेता है, तो पटना पश्चिम में बिजली संकट उत्पन्न हो जाता है।
बिहटा नए ग्रिड में 160 एमवीए के दो तथा 50 एमवीए के दो पावर ट्रांसफार्मर लगने वाला है। अत्याधुनिक तकनीक का ग्रिड निर्माण की योजना बनी है। ग्रिड की डिजाइन से लेकर सभी उपकरण लगाने का कार्य एसटॉम टीएंडडी इंडिया को करना है, लेकिन जमीन विवाद के चलते ग्रिड का निर्माण अधर में लटक गया है।